पिछले दो तीन दिनों की अच्छी बारिश के बाद जिले के प्रमुख बांध में से एक बाघेरी नाका बांध में आज पानी की आवक शुरू हो गई। जिसके बाद बाघेरी नाका बांध का जलस्तर बढ़ कर 14 फीट हो गया है। बाघेरी नाका बांध परियोजना सहायक अभियंता आलोक सक्सेना ने बताया कि बाघेरी नाका के ऊपरी क्षेत्र में अच्छी बारिश के बाद कटार के तालाब में गोगुन्दा की ओर से पानी पहुंचा। जिससे कटार का तालाब छलक गया व उसका पानी बाघेरी नाका पहुंच गया।
वहीं दूसरी ओर बनास नदी ने भी रफ्तार पकड़ी जिसका पानी भी बाघेरी नाका में पहुंच गया। जल स्तर पर वृद्धि हुई है। जुलाई माह के 16 दिन बीत जाने के बाद भी जिले के किसी भी प्रमुख बांध में पानी की आवक नहीं होने से पेयजल संकट की आशंका बनी हुई थी, जिस पर आज विराम लग गया है।
उदयपुर जिले में 13 बांध हो चुके हैं ओवरफ्लो
कई बड़ी झीलों और बांधों में पानी की आवक हो रही है। वहीं कई छोटे-बड़े बांध और तालाब ओवरफ्लो हो चुके हैं। बड़ा मदार और टीडी डैम दो बड़े बांध पहले ही ओवरफ्लो हो चुके हैं। इसके अलावा झाड़ोल, ढूंढिया, चावंड, मानपुर, दो नदी बांध, सलूम्बर, मालपुर, भूधर, सागवाड़ा की पाल, घोड़ा खोज, सोम पिकअप वीयर बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। इनकी चादर चल रही है। इधर मौसम विभाग का फिलहाल अनुमान है कि इस सप्ताह हल्की-फुल्की बरसात उदयपुर में हो सकती है।
बाघेरी नाका बांध इसलिए महत्वपूर्ण
जिले के प्रमुख बांधों में से एक बाघरी नाका बांध जिसकी कुल भराव क्षमता 10 मीटर है। इस पर राजसमन्द जिले व उदयपुर जिले के 300 से अधिक गांव में पेयजल आपूर्ति होती है। यहां का पानी ओवरफ्लो होकर बनास नदी मे होता हुआ नन्दसमन्द में आता है। नन्दसमन्द बांध भरने के बाद खारी फीडर से राजसमन्द झील पहुंचता है। बांध का गेज कुल 32 फीट का है। रविवार को करीब डेढ़ फीट की पानी की आवक होने के बाद जल स्तर बढ़कर 14 फीट हो गया है।