प्रदेश में वित्त मंत्री व उपमुख्मंत्री दीया कुमारी ने विधानसभा में बजट पेश किया। 22 साल से मुख्यमंत्री द्वारा ही बजट पेश किया जाता था, मगर इस बार वित्त मंत्री को बजट पेश करने का अवसर मिला। बजट में युवाओं व महिलाओं को ध्यान में रखते हुए दीया कुमारी द्वारा हर साल 70 हजार पदों पर भर्ती करने की घोषणा की। साथ ही महिलाओें के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना में गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 1 लाख रूपये के सेविंग बोण्ड की घोषणा की गई। इसी बीच वित्त मंत्री दीया कुमारी ने कहा कि हमें विरासत में बहुत बड़ा कर्जभार मिला है। गत सरकार के कार्यकाल में राज्य पर कुल ऋणभार दुगना हो चुका है, इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया, उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी बजट न पढ़कर आरोप – प्रत्यारोप लगा रही है।
- पिछली सरकार के कार्यकाल में लिए गए 2 लाख 24 हजार 392 करोड़ (दो लाख चौबीस हजार तीन सौ बानवे करोड़) रुपये के ऋण में से मात्रा 93 हजार 577 करोड़ (तिरानवे हजार पांच सौ सतहत्तर करोड़) रुपये का पूँजीगत व्यय किया गया। इससे स्पष्ट है कि गत सरकार द्वारा लगभग 60 प्रतिशत ऋण का उपयोग गैर-पूँजीगत राजस्व व्यय हेतु किया गया, अर्थात् प्रदेश के दीर्घकालीन विकास व अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की ओर समुचित ध्यान दिया ही नहीं गया। राज्य के संसाधनों के आंकलन एवं दीर्घकालिक परिणामों के विचार बिना ही, जल्दबाजी में अनेक योजनायें लागू की गयीं, जिसके कारण राज्य की राजस्व प्राप्तियों एवं भुगतान में लगातार अन्तर बढ़ता गया है।
- पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश जहाँ एक ओर विपरीत वित्तीय स्थिति में आ गया, वहीं दूसरी ओर गलत नीतियों, भ्रष्टाचार, लचर कानून व्यवस्था, कुशासन एवं तुष्टिकरण के कारण प्रदेश के विकास की गति भी मंद हुई। इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए हम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के सहयोग के साथ-साथ, हमारी सरकार की ठोस कार्ययोजना, सुशासन एवं कठिन परिश्रम से प्रदेश को सतत् विकास के मार्ग पर ले जायेंगे।
- मैं, यहाँ सम्मानित सदन को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कथन याद दिलाना चाहूँगी –
”पहले कहा जाता था कि इस देश के किसानों की, एवं गरीबों की तीन आधारभूत आवश्यकतायें हैं-बिजली, पानी और सड़क। हमने उसमें दो और चीजों को जोड़ दिया-शिक्षा और स्वास्थ्य। अगर इन पाँच चीजों को प्राथमिकता दी जाये और उन्हें सर्वसुलभ किया जाये, तो रोजगार अपने आप पैदा होगा और भावी पीढ़ियों के कल्याण के लिए मजबूत आधार का निर्माण होगा। इसलिए आज हिन्दुस्तान के कोने-कोने में एक ही मंत्रा गूंज रहा है –
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास।’
हम इस मंत्र को लेकर विकास को नई ऊँचाई पर पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं।“ - हमने प्रदेश की जनता को दिये अपने आश्वासन और माननीय प्रधानमंत्री जी की गारंटियों को लागू करने की दिशा में त्वरित गति से कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने समस्त गरीब परिवारों की महिलाओं को 450 रुपये में LPG Cylinder देने के संकल्प को लागू कर लगभग 73 लाख (तिहत्तर लाख) परिवारों को राहत प्रदान की है। हमने जरूरतमंद व्यक्तियों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने की दृष्टि से, पूर्व में दिये जा रहे 450 ग्राम भोजन की मात्रा को बढ़ाकर श्रीअन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से 600 ग्राम भोजन देने का निर्णय किया है। इस हेतु प्रति थाली राजकीय सहायता 17 रुपये से बढ़ाकर 22 रुपये की गयी है। इस योजना के लिए लगभग 350 करोड़ (तीन सौ पचास करोड़) रुपये वार्षिक व्यय होगा।
- हमारी सरकार आधारभूत संरचना के विकास, दूरदराज के क्षेत्रों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार आदि सुविधाओं की पहुँच तथा वंचित वर्गों हेतु अतिरिक्त सहायता/सामाजिक सुरक्षा पर समान रूप से ध्यान देकर प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य करेगी।
- गत सरकार ने राजनीति से प्रेरित होकर प्रदेश के लाडपुरा, नसीराबाद, सिवाना, आहोर, डग, मालपुरा, गोगुन्दा जैसे कई इलाकों/क्षेत्रों के लिए कोई योजना स्वीकृत ही नहीं की। अब विकास का क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित करने की दृष्टि से मैं, ऐसे वंचित विधानसभा क्षेत्रों में अतिरिक्त महाविद्यालय, विद्यालय, चिकित्सालय, प्रशासनिक कार्यालय आदि स्थापित अथवा क्रमोन्नत करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करने की घोषणा करती हूँ।
- प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सड़कों का नेटवर्क रीढ़ की हड्डी की भूमिका निभाता है। सड़कों के उन्नयन एवं निर्माण में भी क्षेत्रीय भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखायी देता है, अतः इस भेदभाव का निदान करने के लिए State Road Fund में एक हजार 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करने की घोषणा करती हूँ। पिछली सरकार के सम्पूर्ण कार्यकाल के दौरान कुप्रबंधन एवं भ्रष्टाचार के चलते राज्य में लगातार बिजली संकट की स्थिति बनी रही।
- केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2015 में बिजली कम्पनियों की आर्थिक स्थिति सुधार कर उन्हें पुनः पटरी पर लाने के उद्देश्य से ‘उदय योजना’ लायी गयी थी। इस योजना के अन्तर्गत बिजली कम्पनियों का लगभग 62 हजार 400 करोड़ (बासठ हजार चार सौ करोड़) रुपये का ऋणभार सरकार द्वारा अपने ऊपर लेते हुए उन्हें इस भार से मुक्ति दिला दी गयी थी
- गत सरकार की नीतियों, ऊर्जा विभाग तथा बिजली कम्पनियों की कार्यप्रणाली के कारण वर्तमान में DISCOMS लगभग 88 हजार 700 करोड़ (अठ्ठासी हजार सात सौ करोड़) रुपये सहित समस्त बिजली कम्पनियों पर एक लाख 39 हजार 200 करोड़ (एक लाख उनतालीस हजार दो सौ करोड़) रुपये से अधिक का ऋणभार हो गया है। वर्ष 2022-23 के अनुसार राजकीय उत्पादन कम्पनी की उत्पादन क्षमता लगभग 8 हजार 300 (आठ हजार तीन सौ) Mega Watt (MW) होने के उपरान्त भी औसतन 4 हजार 800 (चार हजार आठ सौ) Mega Watt (MW) अर्थात् मात्रा लगभग 55 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पादन हो रहा है। इस कारण प्रदेश में समुचित बिजली उपलब्ध कराने के लिए महंगी बिजली म्गबींदहम से क्रय करनी पड़ रही है। वर्ष 2022-23 में 3 हजार 700 करोड़ (तीन हजार सात सौ करोड़ ) रुपये से अधिक की बिजली Exchange से खरीदने के कारण यह अतिरिक्त वित्तीय भार राजकोष पर पड़ा।
- हम इस स्थिति से निपटने व बिजली कम्पनियों में professional administration स्थापित करने के लिए समस्त आवश्यक कदम उठायेंगे। इस दृष्टि से प्रसारण निगम में केन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप “INvit/To T” लाने के साथ ही, सभी बिजली कम्पनियों/निगमों का विशेषज्ञों की सहायता से Business Plan तथा 10 वर्ष की अवधि ध्यान में रखते हुए Resource Adequacy Plan बनाकर समयबद्ध रूप से लागू किया जाना प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री जी ने अक्षय ऊर्जा को जन-जन से जोड़ते हुए बढ़ावा देने की दृष्टि से अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के पावन एवं ऐतिहासिक दिवस-22 जनवरी, 2024 को सम्पूर्ण देश में एक करोड़ Household को सौर ऊर्जा से electrify करने की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ की घोषणा की है। जैसाकि विदित है, राजस्थान में Solar Insolation देश में सर्वाधिक है। ऐसी स्थिति में इस योजना का लाभ प्रदेशवासियों को अधिकाधिक प्राप्त हो, इस हेतु ऊर्जा विभाग में PMU (Project Monitoring Unit) का गठन कर 5 लाख से अधिक घरों पर Solar Plants स्थापित करने का लक्ष्य रखा जाना प्रस्तावित है। जिससे ऐसे परिवारों को प्रतिमाह 300 यूनिट तक बिजली निःशुल्क मिल सकेगी।
- प्रदेशवासियों को प्रदूषण रहित आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही Fossil Fuels (पेट्रोल एवं डीजल) की बचत के लिए Public Transport में Electirc Vehicles को बढ़ावा देने हेतु, Inter – State के साथ-साथ जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा जैसे बड़े शहरों के लिए 500 Electric Buses उपलब्ध करवाये जाने की मैं, घोषणा करती हूँ। साथ ही, जयपुर शहर की Traffic Congestion सम्बन्धी समस्या का निदान करने की दृष्टि से Jaipur Metro का विस्तार टोंक रोड के साथ सीतापुरा, अम्बाबाड़ी से होते हुए विद्याधर नगर तक के Route पर करने के लिए DPR तैयार करवायी जायेगी।
- माननीय सदन के साथ ही प्रदेश की जनता में भी यह विदित है कि गत सरकार के कार्यकाल में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ना सिर्फ भारी भ्रष्टाचार हुआ एवं गुणवत्ता सम्बन्धी भी बहुत अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, बल्कि परियोजना के implementation की गति भी अत्यधिक धीमी थी। इस कारण हमारे प्रदेश का JJM Coverage में सम्पूर्ण देश में तैंतीसवां स्थान है। अब हम, परियोजना का कार्य पूर्ण पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ त्वरित गति देते हुए सम्पन्न करने के लिए सभी सम्भव प्रयास करेंगे। इस क्रम में योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष 25 लाख ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया जायेगा। इस कार्य हेतु लगभग 15 हजार करोड़ रुपये व्यय किया जाना प्रस्तावित है।
- गत सरकार द्वारा न सिर्फ ‘जल जीवन मिशन’ जैसी केन्द्र प्रायोजित योजना (CSS) में पिछड़ने के कारण अत्यधिक संख्या में ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में जल की सुविधा से वंचित रखा, अपितु प्रदेश के 21 जिलों में पेयजल के साथ-साथ सिंचाई के लिए अति महत्वपूर्ण ERCP परियोजना (Eastern Region Canon Project) को केन्द्र सरकार से पूर्ण सहयोग मिलने के बाद भी स्वीकृत नहीं कराया गया। इससे गत सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली की स्पष्ट झलक मिलती है। प्रधानमंत्री जी के निर्देशन एवं माननीय केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री की पहल पर अब हमने केन्द्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा ERCP परियोजना को River Linking Protjects में सम्मिलित कर स्वीकृत किये जाने के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार के मध्य MOU को Sign कर शीघ्र प्रारम्भ करने का मार्ग प्रशस्त किया है। सदन के माध्यम से मैं, ERCP परियोजना को त्वरित गति से Impliment करने की दिशा में, इस महत्वपूर्ण कदम को उठाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूँगी। इस महती परियोजना के लिए हम State Share समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
- माननीय सदस्यों को जानकर खुशी होगी कि अब केन्द्र सरकार के सहयोग से इस परियोजना को और वृहद् रूप देते हुए उपलब्ध पानी की मात्रा बढ़ायी जायेगी तथा पूर्व में अनुमानित परियोजना के लिए आवश्यक राशि 37 हजार 250 करोड़ (सैंतीस हजार दो सौ पचास करोड़) रुपये को बढ़ाकर लगभग 45 हजार करोड़ (पैंतालीस हजार करोड़) रुपये की परियोजना Impliment की जानी प्रस्तावित है।
- पेयजल एवं सिंचाई हेतु निर्मित की जा रही वृहद् परियोजनाओं के साथ-साथ, छोटे-छोटे स्तर पर “In Situ” जल संग्रहण करना भी अतिआवश्यक है। इसी दृष्टि से हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में जल संग्रहण एवं संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की शुरूआत की गई थी। अब मैं, पुनः आगामी वर्ष से लगभग 11 हजार 200 करोड़ (ग्यारह हजार दो सौ करोड़) रुपये की राशि से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 शुरू किये जाने की घोषणा करती हूँ। इसके तहत आगामी चार वर्षों में 20 हजार गांवों में 5 लाख Water Hervesting Structures बनाये जायेंगे। प्रथम चरण में, आगामी वर्ष 5 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 500 करोड़ (तीन हजार पाँच सौ करोड़) रुपये की राशि से 1 लाख 10 हजार (एक लाख दस हजार) कार्य करवाये जाने प्रस्तावित हैं।
प्रदेश में वन संरक्षण एवं वन्यजीवों के विकास हेतु आगामी वर्ष –
- Tree outside forest in rajasthan (TO FIR) कार्यक्रम के तहत 4 करोड़ पौधे वितरित किये जायेंगे।
- rajasthan forestry and biodiversity development project के अन्तर्गत वृक्षारोपण, ओरण विकास, पौध वितरण व आजीविका संवर्द्धन गतिविधियों आदि के लिए 300 करोड़ रुपये के कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है।
- अरावली हिल्स को सुरक्षित रखने के लिए इसके आसपास के 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्रा में वृक्षारोपण किया जायेगा।
- गोडावन संरक्षण हेतु टनल निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया जायेगा।
- Black Bucks हेतु जसवंतगढ़-नागौर में Habitat Devlopment के कार्य कराये जाने प्रस्तावित हैं।
- प्रदेश की GSDP में लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा Agriculture and Allied Sector (कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र) का है। वर्तमान में कृषि व पशुपालन से राज्य में लगभग 85 लाख (पचासी लाख) परिवारों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। किसानों के प्रति हमारी सरकार की संवेदनशीलता इस बात से भी प्रकट होती है कि 30 जनवरी, 2024 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने सदन में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत किसानों के लिए देय वित्तीय सहायता को प्रति परिवार 6 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपये वार्षिक करने की घोषणा की है, जिसके लिए एक हजार 400 करोड़ (एक हजार चार सौ करोड़) रुपये वार्षिक का प्रावधान प्रस्तावित है। साथ ही, प्रथम चरण के रूप में रबी, 2023-24 में गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price – MSP) के अतिरिक्त 125 (एक सौ पच्चीस) रुपये प्रति क्विंटल Bonus उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया है। इस पर 250 करोड़ (दो सौ पचास करोड़) रुपये व्यय होंगे।
- कृषि के क्षेत्र में प्रदेश को और ऊँचाइयों पर ले जाते हुए अपने किसान साथियों को भी अधिकाधिक सम्बल देने की दृष्टि से Rajasthan Agriculture Infra Mission को शुरू कर प्रारम्भ में 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किये जाने की घोषणा करती हूँ। इसके अन्तर्गत 20 हजार Farms Ponds, के, 10 हजार किलोमीटर सिंचाई पाईप लाईन, 50 हजार किसानों के लिए तारबंदी, 5 हजार कृषकों हेतु Varmi Compost इकाइयाँ एवं नये Agro Proscessing Clusters, Food Parks तथा Horticulture Hub स्थापित करने के कार्य हाथ में लिये जायेंगे। साथ ही, 500 (पांच सौ) Custom Hiring Center स्थापित किये जाकर क्तवदम जैसी नई तकनीक भी उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
- Millets, जिन्हें माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘श्रीअन्न’ की संज्ञा दी गयी, के उत्पादन में हमारा प्रदेश देश में अग्रणी स्थान रखता है। प्रदेश में Millets, के उत्पादन को और बढ़ावा देने तथा ग्रामीण परिवारों को अपनी आवश्यकता का अनाज पैदा करने की दृष्टि से, आगामी वर्ष 12 लाख किसानों को मक्का, 8 लाख किसानों को बाजरा, 7 लाख किसानों को सरसों, 4 लाख किसानों को मूँग एवं 1-1 लाख किसानों को ज्वार व मोठ के उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है।
- ग्रामीण अंचल में निवासरत परिवार अपनी आजीविका के लिए कृषि के साथ-साथ कंपतलध् दुग्ध उत्पादन पर भी अत्यधिक निर्भर हैं। हमारी सरकार प्रदेश में गौवंश संरक्षण के साथ ही, इस कार्य से जुड़े परिवारों को सहायता देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेगी। इसी दृष्टि से कंपतल से सम्बन्धित गतिविधियों यथा गौवंश हेतु खेली का निर्माण तथा दुग्ध/ चारा/ बांटा सम्बन्धी उपकरण खरीदने हेतु, एक लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए योजना प्रारम्भ करने की घोषणा करती हूँ। इस योजना में, प्रथम चरण में लगभग 5 लाख गोपालक परिवारों को ऋण उपलब्ध कराये जायेंगे। इस योजना पर आगामी वर्ष 150 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
- कृषकों एवं ग्रामीण परिवारों के साथ ही, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कई अन्य राज्यों की भांति ही हमारे प्रदेश का युवा भी भविष्य के प्रति आशंका के कारण असुरक्षा व तनाव से ग्रस्त रहता है। ऐसे में युवाओं को सम्बल प्रदान कर उनके रोजगार के अधिकाधिक अवसरों का सृजन करना हमारी सरकार की प्राथमिकता रहेगी। इस क्रम में, युवाओं के रोजगार हेतु आगामी वर्ष सरकार के अधीन लगभग 70 हजार पदों पर भर्तियां किये जाने की मैं, घोषणा करती हूँ। साथ ही, युवाओं की बवनदेमससपदह और मार्गदर्शन के माध्यम से निजी क्षेत्रा में उनके स्वर्णिम करियर निर्माण के लिए प्रदेश के समस्त संभाग मुख्यालयों पर युवा साथी केन्द्र स्थापित किये जाने भी प्रस्तावित हैं। इस हेतु 10 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
- पिछली सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक जैसी घटनायें होने तथा समय पर परीक्षाओं का आयोजन नहीं होने से प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय हुआ है। इससे युवाओं में गहरा असंतोष है। हमने सरकार बनाते ही पेपर लीक जैसी घटनाओं की रोकथाम एवं दोषियों को सजा दिलाने के लिए एसआईटी का गठन कर कार्रवाई प्रारम्भ कर दी है। युवा हमारे प्रदेश के कर्णधार हैं। उनके भविष्य को सुरक्षित रखने की दृष्टि से उन्हें मउचसवलंइसम बनाना हमारी प्राथमिकता है, इसके लिए- प्रत्येक संभाग में रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। भर्ती परीक्षायें समयबद्ध आयोजित कराने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड आदि का वार्षिक भर्ती परीक्षा कैलेंडर जारी किया जायेगा।
- मुख्यमंत्राी पर्यटन कौशल विकास कार्यक्रम प्रारम्भ कर आगामी 2 वर्षों में 20 हजार युवाओं एवं लोक कलाकारों को पारम्परिक कला सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- मानव क्षमता के उन्नयन, न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण तथा राष्ट्रीय विकास में शिक्षा के महत्व को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ लायी गयी। हम प्रदेश में स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा को इस वितूंतक सववापदह नीति के अनुसरण में गुणवत्तापूर्ण बनायेंगे। सभी वंचित वर्गों तक भी शिक्षा की पहुँच को सुलभ करने की दृष्टि से, मैं आगामी वर्ष से अल्प आय वर्ग, लघु/सीमान्त/बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के परिवार के छात्रा-छात्राओं को ज्ञळ से च्ळ तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की घोषणा करती हूँ।
- प्रदेश की राजकीय शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा एवं शिक्षण का बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने की दृष्टि से भवनों के कक्षा-कक्षों एवं बालिका शौचालय के निर्माण व अन्य आवश्यक सुविधाओं के उन्नयन हेतु 250 करोड़ (दो सौ पचास करोड़ ) रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
- र्थिक रूप से कमजोर परिवार के छात्रा-छात्रायें विद्यालय में हीन भावना से ग्रस्त न हो तथा उन्हें भी शिक्षा हेतु आवश्यक स्कूल बैग, किताबें तथा यूनिफॉर्म उपलब्ध हो सके, इस दृष्टि से राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं तक के समस्त विद्यार्थियों तथा कक्षा नौ से बारहवीं तक की छात्राओं को आगामी वर्ष प्रति विद्यार्थी एक हजार रुपये की सहायता प्रदान किये जाने की मैं, घोषणा करती हूँ। इस प्रकार लगभग 70 लाख (सत्तर लाख) विद्यार्थी लाभान्वित हो सकेंगे।
- प्रदेश के युवाओं की ऊर्जा एवं उनके का समाज, प्रदेश एवं देश की उन्नति में सार्थक योगदान हो तथा इसके साथ ही उन्हें अपने सपने साकार करने के समुचित अवसर मिलें, इस दृष्टि से जयपुर, बीकानेर, भरतपुर एवं उदयपुर में स्थापना करने की घोषणा करती हूँ। इस हेतु एक हजार करोड़ रुपये व्यय होंगे।
- वर्तमान में ‘प्रधानमंत्राी मातृ वंदन योजना’ के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रथम बच्चे के लिए दो किश्तों में 5 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है। आगामी वर्ष प्रदेश में प्रथम चरण के रूप में इसे बढ़ाकर 6 हजार 500 रुपये किये जाने की घोषणा करती हूँ। इस पर 90 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। साथ ही, प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक आंगनबाड़ी को स्वास्थ्य जांच, पोषण तथा च्तम.ेबीववस म्कनबंजपवद की दृष्टि से उत्कृष्ट बनाने के लिए आदर्श आंगनबाड़ी के रूप में उन्नयन किया जायेगा। इस हेतु 20 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
- विशेषकर अल्प आय वर्ग तथा विभिन्न वंचित वर्गों को सहायता व सम्बल देने का कार्य करेगी। 38. केन्द्र सरकार द्वारा ‘आयुष्मान भारत योजना’ के माध्यम से देश के कोने-कोने में आम आदमी को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। हमारी गत सरकार द्वारा प्रदेश में ‘भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना’ के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को चिकित्सा सुविधा सरकारी के साथ ही निजी चिकित्सालयों में भी उपलब्ध कराये जाने की पहल की गई थी। आज कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का इलाज भी नई तकनीक से व्च्क् में सम्भव हो रहा है। अतः आमजन को गम्भीर बीमारी की स्थिति में और अधिक राहत देने की दृष्टि से अब मैं, प्रदेश में मुख्यमंत्राी आयुष्मान आरोग्य योजना में शामिल किया जाएगा।
- प्रदेश में तृतीय चरण में 4 हजार 875 करोड़ (चार हजार आठ सौ पचहत्तर करोड़) रुपये की लागत से स्थापित किये जाने वाले 15 मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति जारी होने के पश्चात् भी विगत सरकार द्वारा कार्य ना केवल अत्यधिक विलम्ब से शुरू किये गये, बल्कि कार्य करने की गति भी बहुत धीमी रही। हालात यह थे कि केन्द्र से प्राप्त एक हजार 500 करोड़ रुपये की राशि भी पूर्णरूप से खर्च नहीं हो पाई। हम समस्त मेडिकल कॉलेजों का कार्य प्राथमिकता से पूरा करते हुए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवायेंगे जिससे आमजन को चिकित्सा सुविधा का पूरा-पूरा लाभ मिल सके। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए मानव जीवन को बचाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
- भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को आमजन के स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा आयुष मिशन की स्थापना कर कार्य को गति दी गयी थी। अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस-21 जून, 2024 के अवसर पर ब्लॉक स्तर तक वृहद् रूप से आयोजन किये जायेंगे तथा प्रदेश में आयुष कार्यक्रम के संचालन के लिए आगामी वर्ष लगभग 250 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
- माननीय सदस्यों को विदित है कि 30 जनवरी, 2024 को सदन में, माननीय मुख्यमंत्राी जी द्वारा जरूरतमंदों के लिए एक हजार 500 रुपये मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने के हमारे संकल्प को पूरा करने की ओर, एक और बड़ा कदम उठाते हुए, प्रथम चरण में वर्तमान में देय एक हजार रुपये मासिक पेंशन को बढ़ाकर आगामी वर्ष से एक हजार 150 (एक हजार एक सौ पचास) रुपये करने की घोषणा कर दी गयी है। इस हेतु आगामी वर्ष एक हजार 800 करोड़ (एक हजार आठ सौ करोड़) रुपये का अतिरिक्त प्रावधान प्रस्तावित है।
- प्रदेश में अपराधों के नियंत्राण, बेहतर कानून व्यवस्था तथा आमजन को त्वरित न्याय दिलाने के लिए- पुलिस आधुनिकीकरण एवं संबंधित आधारभूत संरचना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान कर विशेष कमेटी गठित किये जाने की घोषणा करती हूँ। नवसृजित 34 (चौंतीस) पुलिस थानों में परिवादियों की त्वरित सुनवाई के लिए कक्ष व भवन तैयार की जायेगी। स्थानीय प्रशासन एवं विभिन्न एजेंसियों के समन्वय से ठोस कार्ययोजना बनायी जायेगी।
- साथ ही, प्रदेश में बालिका/महिलाओं के लिए सहज एवं सुरक्षित वातावरण तैयार करने की दृष्टि से- प्रत्येक जिले में कमेटी का गठन के साथ ही शेष रहे 174 (एक सौ चौहत्तर) पुलिस थानों में स्पेशल सेल स्थापित की जायेंगी। बालिका/महिलाओं से छेड़छाड़ व अपराध की प्रभावी रोकथाम के लिए प्रत्येक जिले में प्राथमिकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों, बालिका छात्रावासों एवं नारी निकेतनों में ब्ब्ज्ट कैमरे स्थापित करने के उद्देश्य से ‘लाडली सुरक्षा योजना’ शुरू की जाएगी।
- वर्ष 2008-09 में हमारी सरकार द्वारा वर्ष 1975-77 के दौरान आपातकाल के समय लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संघर्षरत व्यक्तियों को सम्मान एवं सहायता देने की दृष्टि से मीसा/डीआईआर ;क्प्त्द्ध आदि बंदियों हेतु लोकतंत्रा सेनानी सम्मान पेंशन योजना लागू की गई थी। गत सरकार ने इस योजना को वर्ष 2019 में बंद कर दिया। हमारी सरकार ने इस योजना को पुनः बहाल करते हुए 20 हजार रुपये पेंशन एवं 4 हजार रुपये चिकित्सा सहायता के रूप में दिये जाने का निर्णय लिया है। यह योजना सतत् रूप से संचालित रहे तथा लोकतंत्रा सेनानियों को सम्मान के साथ ही निर्बाध रूप से पेंशन प्राप्त होती रहे, इस दृष्टि से ‘राजस्थान लोकतंत्रा सेनानी सम्मान निधि अधिनियम’ लाया जाना प्रस्तावित है।
- हम राजस्थान को विकास एवं खुशहाली के पथ पर तीव्र गति से आगे ले जाने के साथ ही प्रदेश की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने तथा पारम्परिक लोक कलाओं से जुड़े कलाकारों को सम्बल प्रदान करने के कार्य को भी प्राथमिकता देंगे। माननीय सदस्यों को जानकर आश्चर्य होगा कि गोविन्ददेव जी-जयपुर, मानगढ़ धाम-बांसवाड़ा, मेहंदीपुर बालाजी-दौसा, रणकपुर जैन मन्दिर-पाली, डिग्गी कल्याणजी-टोंक, बेणेश्वर धाम-डूंगरपुर, रामदेवरा-जैसलमेर, तेजाजी मंदिर (खरनाल)-नागौर, देवनारायणजी (आसींद)-भीलवाड़ा, मचकुंड-धौलपुर, जलदेवी मंदिर (रेलमगरा)-राजसमंद जैसे असीम आस्था केन्द्रों के सौन्दर्यीकरण एवं वहाँ सुविधायें विकसित करने के लिए गत सरकार ने घोषणा तो की, किन्तु हकीकत में कोई कार्य नहीं किये। अब मैं, इन आस्था स्थलों के साथ-साथ गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर स्थित पूँछरी का लौठा-डीग, श्री बड़े मथुरेश जी-कोटा, त्रिनेत्रा गणेश जी (रणथम्भौर)-सवाई माधोपुर आदि को सम्मिलित करते हुए प्रदेश के ऐसे 20 मन्दिरों/आस्था केन्द्रों के विकास कार्य, आगामी वर्ष में 300 करोड़ (तीन सौ करोड़) रुपये की राशि से करवाये जाने की घोषणा करती हूँ।
- प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत की झांकी दिखाने वाले अल्बर्ट हॉल- जयपुर, अलवर, चित्तौड़गढ़, बीकानेर एवं जोधपुर सहित 10 प्रमुख शहरों का उन्नयन करने तथा कानेर के अन्तर्गत निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये के कार्य हाथ में लिये जायेंगे।
- राजस्थान प्रदेश रणबांकुरों की जननी के रूप में देश-विदेश में अपनी अलग ही पहचान रखता है। आज भी महाराणा प्रताप जैसे शूरवीर, प्रदेश के निवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इस दृष्टि से महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों, चावण्ड-हल्दीघाटी-गोगुन्दा-कुम्भलगढ़-दिवेर-उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप ज्वनतपेज ब्पतबनपज विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की घोषणा करती हूँ। साथ ही, भारतीय फौज में राजस्थान के युवाओं के शौर्य व बलिदान को सम्मान देने के लिए प्रदेश में । 2 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
- पूर्व प्रधानमंत्राी, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था- ‘‘एक व्यक्ति को सशक्त करना देश को सशक्त करना है। और यह सशक्तीकरण तेज आर्थिक प्रगति एवं शीघ्र सामाजिक बदलाव से ही सम्भव है।‘‘ हम राजस्थान प्रदेश को अमृतकाल खण्ड के अन्त तक (वर्ष 2047 तक) देश की प्रगति में योगदान देने वाला अग्रिम राज्य बनाने के लिए श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सीख के अनुसार आर्थिक समृद्धि के पथ पर अग्रसर करेंगे। इस क्रम में आमजन को राहत देने के साथ ही प्रदेश में निवेश पर भी ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक है।
- राज्य के किसानों के हितों तथा आम उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चीनी और गुड़ पर मण्डी शुल्क को समाप्त किया जाना प्रस्तावित है।
- प्रदेश में गत सरकार द्वारा 19 नवम्बर, 2019 को पुनः भूमि पर लैण्ड टैक्स लगाने के कारण प्रदेश के उद्यमियों तथा निवेशकों को हुई कानूनी एवं वित्तीय समस्याओं का समाधान करने एवं उन्हें राहत देने की दृष्टि से मैं, लैण्ड टैक्स ;स्ंदक ज्ंगद्ध समाप्त करने की घोषणा करती हूँ। साथ ही, पूर्व में सृजित स्ंदक ज्ंग की कमउंदक के सम्बन्ध में ।उदमेजल देते हुए मात्रा मूल ज्ंग की कमउंदक का 10 प्रतिशत जमा कराने पर शेष कमउंदक भी समाप्त करना प्रस्तावित है। अब मैं, वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों के संक्षिप्त तथ्य सदन के समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं।
- वर्ष 2024-25 में 4 लाख 86 हजार 615 करोड़ 10 लाख (चार लाख छियासी हजार छः सौ पन्द्रह करोड़ दस लाख) रुपये का कुल व्यय अनुमानित है। इन बजट अनुमानों में राजस्व व्यय 2 लाख 82 हजार 247 करोड़ 65 लाख (दो लाख बयासी हजार दो सौ सैंतालीस करोड़ पैंसठ लाख) रुपये और राजस्व प्राप्तियां 2 लाख 58 हजार 378 करोड़ 29 लाख (दो लाख अट्ठावन हजार तीन सौ अठहत्तर करोड़ उनतीस लाख) रुपये अनुमानित की गई हैं। राजस्व घाटा 23 हजार 869 करोड़ 36 लाख (तेईस हजार आठ सौ उनहत्तर करोड़ छत्तीस लाख) रुपये का अनुमानित किया गया है। राज्य का राजकोषीय घाटा 67 हजार 240 करोड़ 48 लाख (सड़सठ हजार दो सौ चालीस करोड़ अड़तालीस लाख) रुपये होना अनुमानित किया गया है। जो कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद ;ळैक्च्द्ध के 3.95 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राज्य का क्मइज.ळैक्च् तंजपव 37.48 प्रतिशत रहना अनुमानित है।
- वर्ष 2024-25 के वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अन्य बजट पत्रों के साथ कुछ अधिसूचनायें जारी की जा रही हैं तथा अनुदान मांगें भी प्रस्तुत की जा रही हैं। चूँकि आगामी लोकसभा चुनाव के कारण बजट प्रस्तावों पर विधानसभा में चर्चा कराकर 31 मार्च, 2024 से पूर्व वार्षिक बजट पारित कराया जाना संभव नहीं है। अतः मैं, वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों के लिए यथा-31 जुलाई, 2024 तक व्यय हेतु लेखानुदान का प्रस्ताव प्रस्तुत कर रही हूँ। इस लेखानुदान में मांग संख्या 9 – निर्वाचन, मांग संख्या 36 – आपदा प्रबंधन एवं सहायता तथा मांग संख्या 41 – जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी के लिए पूरे वर्ष के लिए अपेक्षित राशि की मांग की गयी है, क्योंकि इन मदों में होने वाला व्यय सामयिक है और इन्हीं महीनों में अधिक व्यय होने की संभावना है तथा इस व्यय को स्थगित नहीं किया जा सकता है। लेखानुदान की अवधि यथा 31 जुलाई, 2024 के पूर्व ही सदन के समक्ष परिवर्तित बजट अनुमान व प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिये जायेंगे।
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने लेखानुदान को लेकर विशेष प्रेसनोट जारी किया गया, जिसके कुछ महत्तवपूर्ण बिन्दुओं को शामिल किया गया है। दीया कुमारी के प्रेसनोट के मुताबिक हम राजस्थान को विकसित प्रदेश बनाने, इसकी गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने एवं प्रदेशवासियों को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों, मजदूरों तथा वंचित वर्गों को सशक्त कर उनकी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए ‘विकसित एवं उन्नत राजस्थान’ के निर्माण की परिकल्पना को साकार किये जाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जायेंगे।
मैं, देश के लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्राी भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की ये पंक्तियाँ याद करना चाहूँगी-
‘‘बाधायें आती हैं आयें, घिरें प्रलय की घोर घटायें,
पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालायें,
निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।’’