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चीनी- गुड़ पर टैक्स नहीं, 70 भर्तियां, ढ़ांचागत विकास व पर्यटन के लिए भी बजट में कई खास ऐलान

rajasthan budget 2024 https://jaivardhannews.com/rajasthan-budget-2024-in-diya-kumari/

प्रदेश में वित्त मंत्री व उपमुख्मंत्री दीया कुमारी ने विधानसभा में बजट पेश किया। 22 साल से मुख्यमंत्री द्वारा ही बजट पेश किया जाता था, मगर इस बार वित्त मंत्री को बजट पेश करने का अवसर मिला। बजट में युवाओं व महिलाओं को ध्यान में रखते हुए दीया कुमारी द्वारा हर साल 70 हजार पदों पर भर्ती करने की घोषणा की। साथ ही महिलाओें के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना में गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 1 लाख रूपये के सेविंग बोण्ड की घोषणा की गई। इसी बीच वित्त मंत्री दीया कुमारी ने कहा कि हमें विरासत में बहुत बड़ा कर्जभार मिला है। गत सरकार के कार्यकाल में राज्य पर कुल ऋणभार दुगना हो चुका है, इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया, उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी बजट न पढ़कर आरोप – प्रत्यारोप लगा रही है।

प्रदेश में वन संरक्षण एवं वन्यजीवों के विकास हेतु आगामी वर्ष –

  1. Tree outside forest in rajasthan (TO FIR) कार्यक्रम के तहत 4 करोड़ पौधे वितरित किये जायेंगे।
  2. rajasthan forestry and biodiversity development project के अन्तर्गत वृक्षारोपण, ओरण विकास, पौध वितरण व आजीविका संवर्द्धन गतिविधियों आदि के लिए 300 करोड़ रुपये के कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है।
  3. अरावली हिल्स को सुरक्षित रखने के लिए इसके आसपास के 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्रा में वृक्षारोपण किया जायेगा।
  4. गोडावन संरक्षण हेतु टनल निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया जायेगा।
  5. Black Bucks हेतु जसवंतगढ़-नागौर में Habitat Devlopment के कार्य कराये जाने प्रस्तावित हैं।

उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने लेखानुदान को लेकर विशेष प्रेसनोट जारी किया गया, जिसके कुछ महत्तवपूर्ण बिन्दुओं को शामिल किया गया है। दीया कुमारी के प्रेसनोट के मुताबिक हम राजस्थान को विकसित प्रदेश बनाने, इसकी गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने एवं प्रदेशवासियों को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों, मजदूरों तथा वंचित वर्गों को सशक्त कर उनकी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए ‘विकसित एवं उन्नत राजस्थान’ के निर्माण की परिकल्पना को साकार किये जाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जायेंगे।
मैं, देश के लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्राी भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की ये पंक्तियाँ याद करना चाहूँगी-

‘‘बाधायें आती हैं आयें, घिरें प्रलय की घोर घटायें,
पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालायें,
निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।’’

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