जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस और गहलोत सरकार के मंत्रियों का अन्तर्कलह खत्म नहीं हो रहा है, जिससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समर्थक विधायक हेमाराम चौधरी को राजी करने के प्रयास किए जा रहे है, लेकिन अभी तक उनकी नाराजगी कम होती नहीं लग रही है।चौधरी को इस्तीफा दिए करीब 20 दिन हो चुके है और वे इसे वापस लेने के मूड में अभी कम ही नजर आ रहे है। इसी बीच कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच विवाद होने से कांग्रेस में संकट और तेज हो गया है। चौधरी लॉकडाउन हटते ही स्पीकर सीपी जोशी के सामने पेश होकर इस्तीफा स्वीकार करने की मांग करेंगे।
सीएम की वीसी से नहीं जुड़ेे हेमाराम
कांग्रेस के छह बार के विधायक हेमाराम चौधरी की नाराजगी उस वक्त भी जाहिर हो गई जब वे शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत के बाड़मेर में कोविड अस्पताल के वर्चुअल उद्घाटन में नहीं जुडे थे। जबकि चौधरी को छोड़ बाड़मेर जिले के सभी विधायक जुड़े थे।राजनीतिक गलियारों में हेमाराम का कार्यक्रम से दूरी बनाना इसी से जोडकर देखा जा रहा है।
सुनवाई नहीं होने से व्यथित हैं हेमाराम
कांग्रेस विधायक हेमाराम अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास और अन्य कार्यो में सुनवाई नहीं होने से परेशान है और इसीलिए उन्होंने गत 18 मई को विधानसभा स्पीकर को डाक और ई मेल से अपना इस्तीफा भेज दिया था। चौधरी के इस्तीफा देते ही कांग्रेस में में हलचले तेज हो गई थी और उन्हें मनाने की कोशिशें भी हुई। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रभारी अजय माकन ने उनसे फोन पर बात की और इसी मुद्दे सुलझाने का विश्वास दिलाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वैसे एक बार हेमाराम चौधरी ने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के साथ क्षेत्र में कोविड अस्पतालों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। हेमाराम चौधरी के इस्तीफा देने के बाद 24 मई को विधानसभा सचिवालय ने हेमाराम चौधरी को पत्र भेजा था। इसमें प्रदेश में लॉकउाउन खुलने के बाद समय लेकर स्पीकर सीपी जोशी के सामने पेश होने को कहा था।यदि हेमाराम चौधरी लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्पीकर सीपी जोशी के सामने पेश होकर इस्तीफा स्वीकार करने को कहेंगे तो पार्टी में हालात और खराब हो सकते है। यहीं नहीं स्पीकर को इस्तीफा मंजूर करना होगा।