लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
पुजारी के घर में पेट्रोल बम फेंक जिंदा जलाने के प्राणघातक हमले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विजयपुरा सरपंच मीना भाट के पति हरदेव भाट सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में लापरवाह मानते हुए उदयपुर आईजी प्रफुल कुमार ने देवगढ़ थाना प्रभारी शैतानसिंह नाथावत और कामलीघाट चौकी प्रभारी एसआई राजूसिंह को तत्काल निलंबित कर दिया। इस घटना के बाद रात से पुलिस की धरपकड़ कार्रवाई अभी तक जारी है। दूसरी तरफ गंभीर रूप से झुलसे पुजारी की हालत नाजुक बनी हुई है।
पुलिस के अनुसार हीरा की बस्सी, विजयपुरा निवासी पुजारी नवरत्नलाल प्रजापत (75), उनकी पत्नी जमनादेवी (65), पुत्र रंगलाल प्रजापत अपने घर पर खाना खा रहे थे, तभी रात करीब साढ़े आठ से 9 बजे एक दर्जन लोगों ने हमला कर दिया। पेट्रोल बम फेंक कर आग लगा दी। इससे पुजारी नवरत्नलाल आग से झुलस गए, जिन्हें बचाने पहुंची उसकी पत्नी जमनादेवी व रंगलाल झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे नवरत्नलाल को प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर रेफर कर दिया। उदयपुर अस्पताल में भर्ती नवरत्नलाल की हालत नाजुक बनी हुई है। पुजारी परिवार ने राजनीतिक श्रेय के चलते पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। इस पर उदयपुर आईजी प्रफुल्ल कुमार ने देवगढ़ थाना प्रभारी शैतानसिंह नाथावत और कामलीघाट चौकी प्रभारी राजूसिंह को निलंबित कर दिया। इधर, पुलिस द्वारा विजयपुरा सरपंच मीनादेवी के पति हरदेव भाट, हीरा की बस्सी निवासी 25 वर्षीय नरेंद्र पुत्र गंगासिंह, 22 वर्षीय दिनेश उर्फ भंवरसिंह पुत्र दिलीपसिंह, जितेंद्र उर्फ जीतू सहित 11 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।
देवनारायण मंदिर की जमीन का विवाद
देवगढ़ के कामलीघाट में पेट्रोल पम्प के सामने देवनारायण मंदिर की जमीन का विवाद है। इसको लेकर पुजारी नवरत्नलाल प्रजापत ने सिविल न्यायालय में वाद दायर किया, जिस पर स्थगनादेश है। पुजारी की दो पीढिय़ा पूजा करती आई है, मगर विवाद के चलते कुछ लोग उन्हें पुजारी पद से हटाना चाहते हैं। इस बीच विपक्षी द्वारा न्यायालय में अपील की, जिसकी 3 दिसंबर 2022 को सुनवाई प्रस्तावित है। इससे पहले सरपंच मीनादेवी के पति हरदेव भाट व अन्य लोगों से लड़ाई झगड़ा व विवाद हुआ, तो पीडि़त नवरत्नलाल प्रजापत ने देवगढ़ थाने में उनके खिलाफ रिपोर्ट दे दी थी। पुजारी के पुत्र मुकेश प्रजापत का आरोप है कि थाने में रिपोर्ट देने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। भीम विधायक सुदर्शनसिंह रावत के दबाव में पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप है।
पुजारी पर हमले की दी थी सुपारी
पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया पुजारी नवरत्नलाल प्रजापत पर पेट्रोल बम फेंक कर जिंदा जलाने की संगीन वारदात की सुपारी दी गई थी। इसके लिए 20 हजार रुपए की सुपारी देना सामने आ रहा है। इसी षडय़ंत्र के तहत विजयपुरा सरपंच मीनादेवी के पति हरदेव सहित एक दर्जन युवकों ने इस वारदात को अंजाम दिया।
पुजारी के बयान व तकनीकी साक्ष्यों से पकड़ा
घटना में झुलसे पुजारी व तकीनकी साक्ष्यों के आधार पर एएसपी शिवलाल बैरवा के नेतृत्व में त्वरित जांच की गई। पुलिस पूछताछ में नरेंद्रसिंह ने घटना करवाने का जिक्र किया। नरेंद्रसिंह की मौजूदगी एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर नरेंद्रसिंह, भंवरसिंह उर्फ दिनेश, हरदेव भाट, जीतू उर्फ जितेंद्रसिंह से गहनता से पूछताछ करने पर घटना कारित करना स्वीकार किया। आरोपी जितेंद्रसिंह ने स्वंय का नाम नहीं आने तथा अन्य लोगों से घटना करवाने के लिए एक हजार किलोमीटर दूर हैदराबाद से 20 हजार रुपए की सुपारी देकर पेट्रोल डालने के लिए कहा। पुलिस ने उसे भी हैदराबाद के गुटुर से हिरासत में ले लिया।
संभागीय आयुक्त व आईजी पहुंचे अस्पताल
गंभीर रूप से झुलसे नवरत्नलाल प्रजापत के उदयपुर अस्पताल में भर्ती होने पर सोमवार को संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट व आईजी प्रफुल्ल कुमार एमबी अस्पताल पहुंचे और पीडि़त की कुशलक्षेम पूछी। परिजनों को यह आश्वासन दिया कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जा रही है और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विधायक रावत पर अनैतिक दबाव का आरोप
पुजारी के बेटे ने भीम विधायक सुदर्शनसिंह रावत पर अनैतिक दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए। बताया कि देवगढ़ थाने में रिपोर्ट देने के बाद भी विधायक के दबाव में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
ये आरोपी है हिरासत में
- खीमागुडा निवासी रमेशसिंह 19 पुत्र हुकमसिंह रावत
- ईश्वरसिंह 19 पुत्र लक्ष्मणसिंह रावत
- हीरा की बस्सी के गिरीराजसिंह 26 पुत्र हजारीसिंह रावत
- रामसिंह 36 पुत्र पुनमसिंह रावत
- देवीसिंह 26 पुत्र गंगासिंह रावत
- गंगासिंह 62 पुत्र वीरमसिंह रावत
- सेसासिंह 26 पुत्र अमरसिंह रावत
- फुकियाथड़ के छगनसिंह 18 पुत्र आनंदसिंह रावत
- हीरा की बस्सी निवासी हरिओमसिंह 20 पुत्र हजारीसिंह रावत
- राजूसिंह 60 पुत्र दुदसिंह रावत
- हजारीसिंह 55 पुत्र गंगासिंह रावत
पुजारी के बयान किए दर्ज
प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुजारी का उपचार के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट ने साक्ष्य अधिनियम की धारा 32 के तहत बयान दर्ज किए। घटना स्थल का निरीक्षण एफएसएल टीम व एमओबी टीम से करवाकर भौतिक साक्ष्यों का संकलन कर जांच प्रारंभ की गई।