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Rajput Samaj Protest : राजकोट से भाजपा प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला के बयान से नाराज राजपूत समाज के आक्रोश की आग गुजरात के बाद महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान व दिल्ली तक पहुंच गई है। गुजरात में राजकोट के रतनपुर में आयोजित राजपूत अस्मिता महासम्मेलन में राजपूतों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर 19 अप्रैल तक परषोत्तम रूपाला का भाजपा द्वारा टिकट नहीं काटा जाता है, तो राजपूत समाज बड़ा कदम उठाएगी। गुजरात की प्रत्येक लोकसभा में राजपूत समाज का प्रतिनिधि चुनावी मैदान में उतारने के भी संकेत दिए हैं। गुजरात में राजपूत समाज का शक्ति प्रदर्शन देखकर बीजेपी में खलबली मच गई है, तो प्रत्याशी के साथ पार्टी के नेताओं के माथे पर पसीने आने लगे हैं। हालांकि अभी तक भाजपा हाइकमान द्वारा अभी तक न तो कोई जवाब दिया और न ही रूपाला का टिकट काटने का कोई मानस बनाया है। रूपाला के विवादित बयान को लेकर चुनाव आयोग ने जिला निवार्चन अधिकारी राजकोट की रिपोर्ट के आधार पर आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना। आंदोलन की अगुआई कर रहे राजपूत समाज संकलन समिति के अध्यक्ष करण सिंह चावड़ा के अलावा अस्मिता महासम्मेलन में गोहिलवाड राजपूत समाज के अध्यक्ष वासुदेवसिंह गोहिल, राजपूत समाज समन्वय समिति के अध्यक्ष गोवुभा दादा, समन्वय समिति के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष तृप्तिबा राउल, श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपालसिंह मकराना, वीरभद्र सिंह, रामजुभा जाडेजा आदि वक्ताओं ने समाज को एकजुट होने का आह्वान किया। साथ ही लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने का संकल्प दोहराया।

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गुजरात के राजकोट स्थित रतनपुर में आयोजित अस्मता महासम्मेलन में राजपूत समाज के वरिष्ठ नेता रामजुभा जाड़ेजा ने कहा कि वाल्मिकी समाज के एक कार्यक्रम में क्षत्रिय राजपूत समाज को लेकर पुरुषोत्तम रूपाला ने 23 मार्च 2024 को विवादित बयान दिया था। इसमें कहा था कि अंग्रेज भारत में थे, तो तत्कालीन ‘महाराजाओं’ ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे और यहां तक कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थी, लेकिन हमारी जाति के लोगों ने न तो धर्म परिवर्तन किया और न ही लेन-देन किया। गुजरात में क्षत्रिय समुदाय ने रूपाला के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। संबोधन में रामजुभा जाडेजा ने कहा कि पिछले कुछ सालों से राजपूत समाज की भावनाएं आहत करने वाले बयान दिए जा रहे हैं, मगर 23 अप्रैल को जिस तरह से परतोषात्तम रूपाला ने बयान दिया, वह तो असहनीय है। राजपूत समाज एक स्वर में बोला कि पहले तो शर्मनाक टिप्पणी करना और बाद में माफी मांगने का ड्रामा अब समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। इसलिए हमारी मांग सिर्फ परषोत्तम रूपाला का लोकसभा टिकट रद्द करने की है। तृप्तिबा राउल ने कहा कि मेरा एक सवाल है इतना संघर्ष करने के बाद भी अगर हमारी आवाज उन तक नहीं पहुंची, तो सोचिए अगर गुजरात की एक बेटी किसी व्यक्ति के अत्याचार का शिकार हो जाए, तो उसकी बात कौन सुनेगा? भले ही आज कोई राज नहीं है, लेकिन हमें न्याय के लिए लड़ने का अधिकार है। उसके बाद 26 मार्च 2024 को रूपाला की टिप्पणी पर चुनाव आयोग गुजरात से राजकोट जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। आयोग ने जिला कलक्टर की रिपोर्ट को देखते के बाद रूपाला के बयान को
आदर्श आचार चुनाव संहिता का उल्लंघन नहीं माना है। आयोग ने रूपाला को क्लीन चिट दे दी है, लेकिन रूपाला के बयान से नाराज क्षत्रिय समाज झुकने को तैयार नहीं है। क्षत्रिय समाज के प्रदर्शनों में महिलाएं रूपाल के घर के बार जौहर करने की भी धमकी दे रही हैं। राजकोट में पुतले फूंके जाने के बाद विरोध कम नहीं हो रहा है। राजकोट में बॉयकॉट रूपाला के पोस्टर भी सामने आए हैं।

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Rajput samaj : राष्ट्रीय स्तर पर राजपूत समाज होगा एकजुट

Rajputana : राजकोट भाजपा प्रत्याशी के विरोध को लेकर छह राज्यों का राजपूत समाज एकजुट हो गया है। इसके तहत भाजपा रूपाला को अपना प्रत्याशी बनाए रखेगी तो राजपूत समाज द्वारा दूसरे राज्यों में भी आंदोलन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला के विवादित बयान के विरोध में राजकोट में राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों का अस्मिता महासम्मेलन हुआ। इसमें समाज के नेताओं ने भाजपा को 19 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। भाजपा यदि रूपाला को अपना प्रत्याशी बनाए रखती है तो यह आंदोलन गुजरात से बाहर देश के अन्य राज्यों में भी होगा। साथ ही भाजपा का बहिष्कार करते हुए राजपूत समाज द्वारा प्रत्येक विधानसभा में एक एक निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करने का भी ऐलान किया है।

Rajput Samaj : BJP को 1 नेता प्यारा है या राजपूत समाज

Rajput Samaj : राजकोट राम मंदिर के पास रतनपुर के मैदान में आयोजित अस्मिता महासम्मेलन में गुजरात के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली से भी राजपूत नेता व समाज के लोग पहुंचे। समाज ने रूपाला का टिकट रद्द करने की मांग को फिर से दोहराया। राजपूत समाज द्वारा मंच से सामूहिक ऐलान किया, जिसमें किा गया कि महाभारत में भगवान कृष्ण ने पांडवों के लिए पांच गांव मांगे थे, लेकिन हम केवल टिकट रद्द करने की मांग कर रहे हैं। अब आगे गेंद भाजपा के पाले में होगी कि उन्हें एक नेता प्यारा है या राजपूत समाज। आंदोलन की अगुआई कर रहे राजपूत समाज संकलन समिति के अध्यक्ष करण सिंह चावड़ा ने कहा कि 16 अप्रैल को नामांकन के बाद 19 अप्रैल नामांकन वापस लेने की तिथि है। इसलिए राजपूत समाज भाजपा को 19 अप्रैल तक का अल्टीमेटम देता है। इसके बाद आंदोलन गुजरात के बाहर अन्य राज्यों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज ने पिछले कई दिनों से शांति पूर्वक सभा, रैली व ज्ञापन देने दिए, लेकिन अभी तक भाजपा की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।

अखिलेश यादव ने लिखा- राजपूत समाज सिखाएगी बीजेपी को सबक

गुजरात के रतनपुर में राजपूत समाज के अस्मिता महासम्मेलन को लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया एक्स पर जारी की। लिखा कि भाजपा के विरोध में राजपूत समाज की नाराजगी का ये महा जन सैलाब बता रहा है कि चाहे गुजरात हो, राजस्थान हरियाणा, उत्तरप्रदेश आदि हर जगह क्षत्रिय, राजपूत, ठाकुर समाज अपने मान सम्मान के लिए उठ खड़ा हुआ है। भाजपा को ये अधिकार कभी नहीं करें कि वो किसी समाज का अपमान करें। अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि मतदाताओं को अपना राजनीतिक बंधुआ मानने की भूल, भाजपा के पतन का कारण बनेगी।

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Karani Sena : करणी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष भी सम्मेलन में हुए शामिल

Karani Sena : श्री राजपूत करणी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना व करणी सेना परिवार के प्रमुख डॉ. राज शेखावत भी शामिल हुए, जबकि श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की राष्ट्रीय कार्यकारी अधिकारी शीला शेखावत को पुलिस ने डिटेन कर लिया। हालांकि मकराना व शेखावत चुपके से सीधे ही सम्मेलन में पहुंच गए और पुलिस उन्हें हाइवे व प्रमुख सड़कों पर ही तलाशती रह गई। सम्मेलन में राजस्थान के अलवर से पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीप्ति राठौड़ ने कहा कि राजपूत समाज की बहन बेटियों को लेकर टिप्पणी करना अक्षम्य है। राजपूत शेर बनकर इस अपमान का बदला लेंगे और भाजपा को इसका हर्जाना भुगतना पड़ेगा।

राजस्थान में जगह जगह हो रहा विरोध प्रदर्शन

गुजरात में बीजेपी प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला के विवादित बयान को लेकर राजपूत समाज द्वारा जगह जगह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके राजपूत समाज नाराज है और बीजेपी के किसी भी प्रत्याशी को समर्थन नहीं देने, उनके साथ नहीं जाने और वोट भी बीजेपी को नहीं देने का ऐलान कर दिया है। राजपूत समाज ने ऐलान किया बीजेपी का वोट नोटा पर जाएगा। इसके तहत सीकर, झुंझुनूं, अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ व उदयपुर में राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर रूपाला के बयान का विरोध किया।

डेमेज कंट्रोल के लिए भेजे बड़े राजपूत नेता

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजपूत समाज में उठे विरोध के बवंडर ने दिल्ली तक बीजेपी की नींद उड़ा दी। अब डैमेज कंट्रोल करने के लिए भाजपा ने केंद्रीय राजपूत नेताओं को दूत बनाकर राजस्थान भेजा है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब वीके सिंह ने राजस्थान में राजपूत समाज के संगठनों से मुलाकात की और फीडबैक लेते हुए राष्ट्रहित में भाजपा को समर्थन देने का आग्रह कर रहे हैं। जयपुर पहुंचे सड़क सुरक्षा एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी माना कि कुछ समाज के मुद्दे हैं, जिन पर केंद्रीय नेतृत्व सोच रहा है। वीके सिंह ने राजपूत समाज के संगठनों के प्रतिनिधियों से बंद कमरे में हुई मुलाकात पर कहा कि समाज के लोगों से मुलाकात हुई है, कुछ उनकी परेशानियां हैं। उनके कुछ मुद्दे हैं। बात सुनी गई और पार्टी का नेतृत्व पूरी तरह से सजग है और वो इसे देखने की कोशिश कर रहा है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रदेश के राजपूत समाज संगठनों से मुलाकात की। हालांकि दोनों नेताओं ने जिन राजपूत संगठनों से मुलाकात की, वे संगठन तो विरोध में ही नहीं कर रहे हैं और जो विरोध कर रहे हैं, उन संगठनों के प्रतिनिधियों से कोई वार्ता नहीं हुई है।