Threw Newborn https://jaivardhannews.com/rajsamand-2-day-old-girl-thrown-away/

Rajsamand : आज सुबह राजसमंद के एसआरके कॉलेज के गेट के बाहर एक 2 दिन की नवजात बालिका मिली। यह घटना सुबह करीब 11 बजे की है जब कुछ लोगों ने कॉलेज गेट के पास रोने की आवाज सुनी। मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा कि एक थैले में नवजात बालिका लिपटी हुई है। सूचना मिलते ही राजनगर पुलिस थाना इंचार्ज रमेश मीणा के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि नवजात बालिका पूरी तरह से स्वस्थ है। पुलिस ने तुरंत बच्ची को आरके हॉस्पिटल के शिशु वार्ड में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। थाना इंचार्ज रमेश मीणा के अनुसार करीब 11 बजे के आस- पास अभय कंमाड से सुचना प्राप्त हुई थी कि SRK कॉलेज के गेट के बाहर एक भ्रूण पड़ा हुआ है। उसके बाद तत्काल मौके पर राजनगर पुलिस थाने से एएसआई फतेहसिंह, हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार, युवराजसिंह, महिला कॉन्स्टेबल रूक्मिणी पहुंचे। Rajsamand Police

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Threw a newborn baby : कॉलेज के बाहर फेंक दी बच्ची

Threw a newborn baby : सोमवार सुबह राजनगर के एसआरके कॉलेज के बाहर एक सनसनीखेज घटना सामने आई। जहाँ परिसर के गेट के पास जूट के थैले में लिपटी एक नवजात शिशु मिली। थैले में हलचल महसूस कर उसे खोलने वाली एक महिला ने ही सबसे पहले बच्ची को देखा। दो दिन की दिखने वाली यह बच्ची बिलख रही थी, लेकिन उसके शरीर पर किसी भी प्रकार की खरोंच या काटने के निशान नहीं थे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया और आसपास के क्षेत्र में पूछताछ शुरू कर दी। प्रथम दृष्ट्या यह माना जा रहा है कि किसी ने आज सुबह ही बच्ची को यहाँ छोड़ दिया था। फिलहाल बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी देखभाल की जा रही है। Newborn thrown in Rajsamand

Rajsamand news today : अस्पताल की देखरेख में नवजात

Rajsamand news today : नवजात बच्ची को आरके अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया। अस्पताल के पीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी), डॉक्टर रमेश रजक के अनुसार, बच्ची दो-तीन दिन की है और उसकी देखभाल एक शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा की जा रही है।डॉक्टर रजक ने बताया कि बच्ची की हालत अभी स्थिर है। फिलहाल, अस्पताल में ही उसकी देखभाल की जा रही है, जब तक कि उसकी देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो जाती।

अनचाहे शिशु को फेंके नहीं, पालना गृह में छोड़ें

नवजात बच्ची या बच्चा जन्म लेने के बाद कोई भी महिला या परिजन ऐसे ही हर किसी जगह फेंके नहीं, बल्कि राज्य सरकार द्वारा बांधे गए पालने में सुला दें, ताकि उस मासूम बच्ची की तत्परता से देखभाल हो सकें। शहर में कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती है, जब गरीबी, लोक-लाज या किसी अन्य कारण से लोग नवजात शिशु को कूड़ेदान, नाली या सार्वजनिक स्थानों में छोड़ आते हैं, जिस कारण नवजात शिशु की मौत हो जाती है। ऐसी घटनाओं को रोकने तथा नवजात की जिंदगी को बचाने के उद्देश्य से जागरुकता जरूरी है। लोग अनचाहे शिशु को फेंके नहीं बल्कि उसे अस्पताल परिसर में स्थापित आश्रय केंद्र के पालने में छोड़ जाएं। इसके लिए राजसमंद शहर में कलालवाटी के पास कालाजी गोराजी भैरूजी मंदिर के पास शिशु गृह है, जहां पालने पर रख सकते हैं। इसके अलावा आरके जिला चिकित्सालय के पास महिला अस्पताल और नाथद्वारा स्थित गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय के पालना गृह में नवजात बच्चे को रख सकते हैं। इससे तत्काल बाल कल्याण समिति द्वारा उसकी देखभाल की जा सकती है। बच्ची को किसी भी जगह फेंकने की जरूरत नहीं है। जन्म लेने के बाद शिशु व नवजात को फेंकना अपराध है, जबकि अगर बच्ची या बच्चा जन्म लेने के बाद उसकी जरूरत नहीं है, तो उसे शिशु गृह या जिला अस्पताल के पालना गृह में रख दें, तो कोई अपराध नहीं है।

गोद देने की यह है प्रक्रिया-www.cara.nic.in पर आवेदन करें

बाल अधिकारिता विभाग के अनुसार अगर किसी को प्रिंस या अन्य किसी बच्चे को गोद लेना है तो आप किसी कार्यालय के चक्कर काटने के बजाय घर बैठे महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट सेंट्रल एडॉप्शनल रिसॉर्स ऑर्थोरिटी की साइट https://cara.wcd.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही अन्य किसी जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800 11 1311 पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं। कारा पोर्टल पर दंपती को अपनी आइडी बनानी होगी। इसके अलावा यहां पर पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, मैरिज सर्टिफिकेट, मेडिकल, घर की फोटो तथा दो लोगों की शिनाख्त संबंधित दस्तावेज डाउनलोड करने होंगे। विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद बच्चा गोद लेने के बाद हर तीन महीने बाद विभागीय टीम फॉलोअप लेगी।