Rajsamand : आज के युग में जहां बेईमानी और लूटखसोट काफी बढ़ गया है वहां राह में पड़ी मिली धन राशि को वास्तविक मालिक का पता लगाकर उस तक सही सलामत पहुंचाना बहुत बड़ी बात है। पर युग भले ही बदल गया हो लेकिन आत्म संतोष, नैतिकता और ईमानदारी आज भी जिंदा है। यह बात शहर के उदयलाल माली ने उनके बच्चों को रास्ते में पड़े मिले रुपयों को असली मालिक को लौटा कर साबित कर दी।
Example of honesty : जानकारी के अनुसार शहर के 100 फिट रोड पर सरस्वती वाटिका के निकट रहने वाले चौथी कक्षा में पढ़ रहे 8 वर्षीय छात्र लवेश पुत्र उदयलाल माली, 6 वर्षीय हर्ष पुत्र निखिलेश माली और उसकी 4 वर्षीय बहिन गौरी जब विद्यालय से घर लौट रहे थे तभी उनकी नजर जमीन पर पड़े हुए 43150 रुपयों पर पड़ी। तीनों बच्चों ने रुपए समेटकर अपने घर ले आए और मां- पिता को इसके बारे में बताया। उन्होंने पड़ोस में रहने वाले कैलाश माली को घटना स्थल और घटना से अवगत कराते हुए रुपयों के बारे में बताया। बाद में कैलाश और जसू ने असली मालिक कमलेश लड्ढा का पता लगाकर 43150 रुपये उन्हें सौंप दिए। इस दौरान एडवोकेट संपत लड्ढा ने बच्चों और परिवार वालों की ईमानदारी की प्रशंसा करते हुए तीनों बालकों को पुरस्कृत किया।घटनाक्रम से साफ जाहिर होता है कि युग भले ही बदल गया हो लेकिन आत्म संतोष, नैतिकता और ईमानदारी आज भी जिंदा है। पिता चाहता तो मासूमों को चुप कराकर रुपए स्वयं रख सकता था लेकिन उसने बच्चों के सामने मिसाल कायम की। Rajsamand news today