Rajsamand Lok Sabha : लोकसभा चुनाव को लेकर राजसमंद सीट पर घोषित कांग्रेस प्रत्याशी सुदर्शन सिंह रावत के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद रिटायर पुलिस उप अधीक्षक डॉ. दामोदर गुर्जर को राजसमंद का प्रत्याशी बनाया है, जिन्हें पहले भीलवाड़ा का टिकट मिलने पर चुनावी दौरे शुरू भी कर दिए, लेकिन एनवक्त पर हाईकमान भीलवाड़ा में डॉ. सीपी जोशी को चुनावी मैदान में उतारा है। दामोदर के कांग्रेस प्रत्याशी बनने से राजसमंद लोकसभा सीट पर वर्ष 2019 जैसी स्थिति बन गई है। तब जयपुर पूर्व राजपरिवार की दीया कुमारी भाजपा प्रत्याशी और देवकीनंदन गुर्जर कांग्रेस प्रत्याशी थे और अब उदयपुर पूर्व राजपरिवार की सदस्य Mahima Kumari भाजपा प्रत्याशी है, तो कांग्रेस ने फिर ओबीसी वर्ग से Damodar Gurjar को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व राजपरिवार की सदस्य व महिला और ओबीसी पुरुष के बीच मुकाबला वर्ष 2019 में रहा और वैसा ही मुकाबला वर्ष 2024 में भी रहने वाला है। राजसमंद लोकसभा सीट चार जिलों की आठ विधानसभा तक फैला है, जिसमें राजसमंद, पाली, अजमेर, नागौर जिले तक है। ऐसे में मेवाड़ व मारवाड़ तक लंबे चौड़े इलाके तक पहुंचना भाजपा, कांग्रेस के साथ किसी भी प्रत्याशी के लिए चुनौतीपूर्ण है। डॉ. दामोदर अग्रवाल मूलत: सवाईमाधोपुर जिले के गावडी गांव के निवासी है।
Election 2024 : वर्ष 2019 जैसी ही स्थिति, फिर बन गई
Election 2024 : डॉ. दामोदर के कांग्रेस प्रत्याशी बनने से राजसमंद लोकसभा सीट पर वर्ष 2019 जैसी स्थिति बन गई है। तब जयपुर पूर्व राजपरिवार की दीया कुमारी भाजपा प्रत्याशी और देवकीनंदन गुर्जर कांग्रेस प्रत्याशी थे और अब उदयपुर पूर्व राजपरिवार की सदस्य महिमा कुमारी भाजपा प्रत्याशी है, तो कांग्रेस ने फिर ओबीसी वर्ग से डॉ. दामोदर गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व राजपरिवार की सदस्य व महिला और ओबीसी पुरुष के बीच मुकाबला वर्ष 2019 में रहा और वैसा ही मुकाबला वर्ष 2024 में भी रहने वाला है।
Damodar Gurjar : दौसा चुनाव में जमानत हुई थी जब्त
Damodar Gurjar वर्ष 2013 में दौसा से बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं, तब उन्हें 1447 वोट मिले थे। तब भाजपा प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा को 65 हजार 904 वोट मिले थे, जबकि गुर्जर को मात्र 1 प्रतिशत वोट मिलने से जमानत जब्त हो गई। तब से ही डॉ. दामोदर राजनीति में सक्रिय है और बाद में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। देवनारायण बोर्ड के सदस्य रह चुके डॉ. दामोदर गुर्जर ने पहले पार्टी से टोंक- सवाई माधोपुर से टिकट मागा था। वहां से हरीश मीणा को टिकट मिल गया। इसके बाद गुर्जर ने कोटा संसदीय क्षेत्र से टिकट मांगा, लेकिन भाजपा से आए प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस प्रत्याशी बना दिया। फिर उन्हें भीलवाड़ा से टिकट दिया गया, लेकिन डैमेज कंट्रोल के प्रयास में हाईकमान द्वारा फिर बदलाव करते हुए डॉ. सीपी जोशी को भीलवाड़ा कांग्रेस प्रत्याशी बनाया और डॉ. दामोदर गुर्जर को राजसमंद का प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस तरह डॉ. दामोदर लंबे समय टिकट की दौड़ में रहे, जिसके चलते टोंक, कोटा व भीलवाड़ा के बाद अब चौथी जगह उनका टिकट फाइनल हुआ है।
खुद पुलिस अधिकारी व भाई राजसमंद में रह चुके कलक्टर
कांग्रेस प्रत्याशी Damodar Gurjar राजसमंद जिला पुलिस में बतौर पुलिस अधिकारी सेवा दे चुके हैं, जबकि उनके भाई श्यामलाल गुर्जर आईएएस से सेवानिवृत हो हुए, जो भी राजसमंद में जिला कलक्टर रह चुके हैं। इसके अलावा इनका दूसरा भाई रामलाल गुर्जर आरएएस अधिकारी है, जो मांडल में एसडीएम रह चुके हैं। तीसरा भाई रामकिशोर गुर्जर भी तहसीलदार से रिटायर हो गए। खुद डॉ. दामोदर गुर्जर पुलिस उप अधीक्षक रह चुके हैं। डॉ. दामोदर गुर्जर पुलिस उप अधीक्षक पद से रिटायर हुए, जो कुछ समय राजसमंद पुलिस में रह चुके हैं। इसके अलावा ज्यादातर समय जयपुर के पुलिस थानों में बीता, जबकि बिजली निगम के विजिलेंस टीम में पुलिस उप अधीक्षक रह चुके हैं। अभी एजुकेशन ग्रुप के डायरेक्टर है, जिसकी 22 संस्थाएं संचालित है।
Damodar Gurjar देवदर्शन से शुरू करेंगे चुनावी जनसंपर्क
कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. दामोदर गुर्जर 31 मार्च सुबह 7 बजे राजसमंद जिले में प्रवेश करने पर टपरिया खेड़ी में कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा। भावा गांव में अभिनंदन के बाद जेके सर्कल पर पर भी गुर्जर स्वागत होगा। पीपरड़ा के बाद सीधे नाथद्वारा पहुंचेंगे, जहां पर श्रीनाथजी के दर्शन कर कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। वहां से वापस लौटकर दोपहर साढ़े 12 बजे कांकरोली में श्री द्वारकाधीश के दर्शन करेंगे और उसके बाद कुमावत समाज पाटिया में कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे। यहां से रवाना होकर गोमती चौराहा, जनावद पहुंचेंगे, जहां पर कार्यकर्ता स्वागत करेंगे और उसके बाद गढ़बोर पहुंचकर चारभुजानाथ के दर्शन करेंगे। फिर शाम 5 बजे दिवेर में स्वागत व कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम प्रस्तावित है।
Kartik Choudhary के निर्दलीय चुनाव की सुगबुगाहट
राजसमंद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के प्रबल दावेदारों में शामिल युवा नेता कार्तिक चौधरी के निर्दलीय चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। क्योंकि Kartik choudhary राजसमंद लोकसभा सीट के डेगाना से है, जो लंबे समय से लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय रहकर तैयार में जुटे हुए थे। कथित तौर पर दो बार पैनल में भी कार्तिक का नाम चला, तो राजनीतिक सभाओं व जनसंपर्क में भी कार्तिक की चहलकदम काफी देखी गई। अब कांग्रेस द्वारा दामोदर गुर्जर को प्रत्याशी घोषित करने के बाद कार्तिक के नाराजगी के स्वर दिखने को मिल रहे हैं। 3 अप्रैल को डेगाना में विशेष बैठक बुलाई, जिसमें तय होगा कि कार्तिक को निर्दलीय चुनाव लड़ना है या नहीं।
लोकसभा सीट में 4 जिलो की 8 विधानसभा शामिल
राजसमंद लोकसभा सीट लंबी चौड़ी है, जिसमें मेवाड़ व मारवाड़ के चार जिले राजसमंद, पाली, अजमेर व नागौर जिला शामिल है। इनमें आठ विधानसभा नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद, भीम, जेतारण, ब्यावर, मेड़ता व डेगाना शामिल है। दोनों राजनीतिक दलों में क्षेत्रवाद का मुद्दा हमेशा हावी रहता है। क्योंकि काफी लंबा चौड़ा इलाका राजसमंद लोकसभा सीट में आता है। 3 बार हुए इस सीट के चुनाव में कांग्रेस ने 2 बार मारवाड़ की तरफ से टिकट दिए, जबकि 1 बार मेवाड़ क्षेत्र के नाथद्वारा से टिकट दिया, जबकि भाजपा ने 1 बार मारवाड़, 1 बार मेवाड़ तो 1 बार बाहरी जयपुर की दीया कुमारी को टिकट दे दिया।
Rajsamand Lok Sabha के 3 चुनाव परिणाम
- पहला चुनाव : 2009 में भाजपा के रासासिंह रावत को हरा कर कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा विजयी हुए थे। ईडवा नागौर जिले से है, जो मारवाड़ क्षेत्र में आता है।
- दूसरा चुनाव : 2014 में भाजपा के हरिओमसिंह राठौड़ ने कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा को हराया। इसमें राठौड़ राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे।
- तीसरा चुनाव : 2019 में भाजपा ने जयपुर पूर्व राजपरिवार की दीया कुमारी ने कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर को हराया। दीया कुमारी लोकसभा क्षेत्र से बाहर की थी, जबकि कांग्रेस ने राजसमंद सीट में ही नाथद्वारा के गुर्जर को टिकट दिया। दीया कुमारी को विद्याधर विधायक का चुनाव लड़ाकर उप मुख्यमंत्री बना दिया। पिछला चुनाव भाजपा ने करीब 5 लाख वोट से जीता था।
लोकसभा में 22 लाख मतदाता के हाथ प्रत्याशियों की किस्मत
राजसमंद लोकसभा सीट में चार जिलों की 8 विधानसभा है। राजसमंद जिले में नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद व भीम विधानसभा है, जबकि पाली जिले की जेतारण, ब्यावर, नागौर जिले की डेगाना व मेड़ता विधानसभा है। चारों ही विधानसभा में करीब 22 लाख मतदाता है, जिनके हाथ रहेगी राजसमंद सांसद की किस्मत। वर्ष 2019 में 19 लाख 12 हजार मतदाता थे।