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राजसमंद : हादसे में घायल श्रमिक को मुआवजे के लिए हजारों लोडिंग मजदूर की हड़ताल, लाखों का कारोबार अटका

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लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

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जिला मुख्यालय राजसमंद के पास हाइवे आठ किनारे मोरचणा में मार्बल टाइल्स से लदे ट्रक में सपोर्ट टूटने से टाइल्स के बीच दबकर एक लोडिंग श्रमिक गंभीर घायल हो गया। घायल फिलहाल उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में भर्ती है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। चार दिन बाद में पीड़ित श्रमिक को आर्थिक सहायता नहीं मिलने से आक्रोशित लोडिंग श्रमिकों ने पूरी मार्बल मंडी में मार्बल लोडिंग की हड़ताल कर दी, जिससे पूरे मंडी में किसी भी फैक्ट्री या गोदाम से मार्बल टाइल्स का भराव नहीं हुआ और न ही मार्बल टाइल्स का निर्गमन हो सका। इसके चलते करोड़ों रुपए का मार्बल कारोबार प्रभावित हुआ है। इधर, लोडिंग श्रमिकों ने खुला ऐलान कर दिया है कि अब जब उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे और मार्बल लोडिंग का कार्य नहीं करेंगे।

जानकारी के अनुसार राजसमंद के पास बागड़ोला निवासी 40 वर्षीय लक्ष्मण गाडरी 13 जून 2023 को मोरचणा में स्थित चेतक मार्बल से टाइल्स का ट्रक में लदान किया व उसके बाद ट्रक के साथ अन्य साथी श्रमिकों के साथ मोरचणा में ही आशा मार्बल पर पहुंचे, जहां से भी कुछ मार्बल टाइल्स् का उसी ट्रक में लदान किया। फिर वहां से वापस ट्रक बाहर निकला, तभी टाइल्स के बीच का सपोर्ट खुल गया, जिसकी वजह से मार्बल टाइल्स टूटे नहीं, खराब न हो, इसके लिए श्रमिक लक्ष्मण गाडरी ने टाइल्स की थप्पी को रोकने का प्रयास किया, मगर खुद उन टाइल्सों के बीच पिचक गया। इस कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस पर फैक्ट्री मालिक व अन्य श्रमिक घायल लक्ष्मण गाडरी को तत्काल राजसमंद के निजी अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर उसे आरके जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां सीटी स्केन करने पर पेट की आंत डैमेज होने का पता चला। इसके बाद उसे उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार कराया जा रहा है। बताया कि उसका एक हाथ पंजे के पास से पूरा टूट गया, जबकि दूसरा हाथ भी फैक्चर है। साथ ही उसके पेट में भी टाइल्स के बीच दबने से गंभीर चोट लगी, जिसकी वजह से उसकी एक आंत डैमेज हो गई। फिलहाल घायल श्रमिक अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती है, जहां उसके खाने- पीना नली से दिया जा रहा है। घटना 13 जून की है और चार दिन बाद भी पीड़ित श्रमिक लक्ष्मण गाडरी को फैक्ट्री मालिक, ट्रक संचालक व गैंगसा एसोसिएशन से कोई उचित मुआवजा नहीं मिलने पर श्रमिक आक्रोशित हो गए और सभी मार्बल लोडिंग श्रमिकों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया। श्रमिक बोले कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हाेगी, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

श्रमिकों से वार्ता का दौर जारी, सहमति नहीं

गंभीर घायल श्रमिक लक्ष्मण गाडरी को उचित मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित श्रमिकों से मार्बल कारोबारी वार्ता कर रहे हैं, मगर अभी तक मुआवजे पर सहमति नहीं बन पाई है। शनिवार सुबह से ही सभी लोडिंग श्रमिक मोरचणा में एकत्रित हो गए हैं, जहां फैक्ट्री प्रबंधन, गोदाम मालिक व मार्बल गैंगसा एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा के बीच वार्ता का दौर जारी है, मगर अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। श्रमिकों का कहना है कि 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए, जबकि कारोबारियों की तरफ से करीब चार लाख रुपए मुआवजा की बात कही जा रही है, जिसे श्रमिक नहीं मान रहे हैं।

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परिवार के घर गुजारे पर ही संकट

श्रमिक लक्ष्मण गाडरी के गंभीर घायल होने के बाद अब उसके परिवार के पालन पोषण को लेकर भी बड़ा संकट खड़ा हो गया है। बताया कि परिवार में वह कमाने वाला था और वह हाथों से असहाय हो गया है, जबकि आंत डैमेज होने से अब वह कोई कार्य जिन्दगीभर नहीं कर पाएगा। ऐसे में उसकी पत्नी भी है और माता-पिता भी है। ऐसे में परिवार का पालन पोषण मुश्किल में पड़ गया है। गाडरी समाज के कई लोग भी मोचरणा में एकत्रित हुए और मार्बल कारोबारियों से मिले और घायल श्रमिकों के परिवार की हालत को देखते हुए उचित मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है, मगर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है।

सुरक्षा प्रबंध को लेकर भी उठे सवाल, जिम्मेदार कौन

मार्बल टाइल्स का ट्रकों में लदान करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नहीं है। खास तौर से लोडिंग लेबर असंगठित है, जिन्हें न तो रोजाना एक जगह कोई मजदूरी मिलती है और न ही सुरक्षा की कोई गारंटी है। खास तौर से मार्बल टाइल्स का लदान कर रहे हैं, तो उसमें सुरक्षा को लेकर जो भी आवश्यक संसाधन होने चाहिए, उस तरफ न तो ट्रक संचालकों द्वारा कोई ख्याल रखा जा रहा है और न ही मार्बल कारोबारी ही इसको लेकर गंभीर है। खास बात यह है कि इन श्रमिकों के जीवन बीमा तक नहीं है। ऐसे में असुरक्षित तरीके से मार्बल टाइल्स का लदान करते हैं, जिसकी वजह से आए दिन इस तरह के हादसे हो रहे हैं, मगर इस तरह के हादसे भविष्य में न हो, इसको लेकर समाधान के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी बैरंग लौटे

लोडिंग श्रमिक लक्ष्मण गाडरी के घायल होने के 4 दिन तक कोई समाधान नहीं होने व अब तक उनके संघर्ष में किसी के साथ नहीं आने और अंतिम दौर में जब मार्बल गैंगसा एसोसिएशन व मार्बल कारोबारियों से वार्ता चल रही है और सभी श्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर जाए, तब भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी फतेहसिंह राव सहित कई अन्य कार्यकर्ता मोरचणा पहुंचे और समाधान करवाने की बात कही। इस पर वहां मौजूद सभी श्रमिक भड़ गए और बोले कि लोडिंग मार्बल श्रमिकों का कोई संगठन नहीं है। भारतीय मजदूर संघ से हमें कोई काम नहीं है और न ही हमें कोई मदद चाहिए। अगर ऐसा होता, तो भारतीय मजदूर संघ वाले पहले कभी आए और लोडिंग श्रमिकों की सुध ली क्या। इस तरह भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा।

घटना के बाद न FIR दर्ज और न ही प्रशासन की दखल

मार्बल लोडिंग श्रमिकों की हड़ताल के बाद पीपरड़ा से नाथद्वारा, राजनगर से केलवा, केलवा से आमेट, सरदारगढ़ और मोही मार्बल मंडी में सभी लोडिंग श्रमिक हड़ताल उतर आए, मगर अभी तक न तो इस घटना को लेकर पुलिस थाने में कोई एफआईआर दर्ज हुई है और न ही इस श्रमिकों की समस्या के समाधान को लेकर प्रशासन ने कोई दखल दी है। इससे सवाल उठ रहा है कि आखिर यहां का प्रशासन कितना संवेदनशील है। दो दिन से श्रमिक हड़ताल पर है और सैकड़ों श्रमिक हाइवे किनारे मार्बल फैक्ट्री पर एकत्रित है, मगर समझाइश करने व उनकी मांग पर उचित कार्रवाई को लेकर प्रशासन का कोई लेना देना ही नहीं रह गया है। ऐसे में श्रमिक व मार्बल कारोबारियों के बीच झड़प के हालात भी बन गए और कोई बड़ी घटना घटित हो जाती है, तब उसका कोई जिम्मेदार होगा।

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