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Update News… अब 1 जुलाई के बाद प्लास्टिक का किया उपयोग तो लगेगा बड़ा जुर्माना, देखिए

एमबी हॉस्टल के कमरें खंडर फिर भी पोर्टल पर एडमिशन किया शुरू 9 https://jaivardhannews.com/rajsamand-news-single-use-plastic-banned-from-july-1/

राजस्थान में अब 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग जाएगा। प्रदेश की गहलोत सरकार की सख्ती के बाद अब राजसमंद जिले में भी प्रशासन अलर्ट हो गया है। अगर बात राजसमंद शहर की करें, तो यहां नगरपरिषद राजसमंद द्वारा चेतावनी जारी करते हुए आमजन को सतर्क कर दिया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियमों में बदलाव करते हुए सख्ती गई है। नए नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नगरपरिषद राजसमंद ने जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है।

नगरपरिषद राजसमंद आयुक्त जनार्दन शर्मा ने बताया कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 की पालना में 1 जुलाई से एकल प्रयोग प्लास्टिक जैसे प्लास्टिक स्टिक युक्त ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, केंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडीया आदि की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण रूप प्रतिबंधित रहेगा। प्लास्टिक वस्तुओं पर 2 चरणों में प्रतिबंध लगेगा। पहले चरण में 6 वस्तुओं पर 1 जनवरी से प्रतिबंध लग चुका है, जबिक 11 वस्तुओं पर पर 1 जुलाई से रोक लगेगी। नगरीय निकायों को इसके लिए आदेश जारी किए हैं।

नियम बना दिए, लेकिन पालना नहीं हो रही

सिंगल यूज पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल 2021 से पूरी तरह बंद करने के आदेश हैं लेकिन आज तक इसका पालन नहीं हुआ। शहर में रोज 20 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। केंद्र सरकार ने हाल ही में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2021 जारी किया है। इसमें देश में 2 चरणों में सिंगल यूज प्लास्टिक की सामग्री प्रतिबंधित करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है। सिंगल यूज प्लास्टिक बैग पर 2019 से रोक लगाई थी। प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद न तो शहरी क्षेत्र में उपयोग पर रोक लग पाई है और न ही ग्रामीण क्षेत्र में ही लोग गंभीर बने हैं।

1 जनवरी से इन पर प्रतिबंध

नए नियम में स्टिकयुक्त ईयरबड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक्स (लॉलीपॉप वाली), आईस्क्रीम की डंडी और पोलीस्टाइरीन (थर्मोकोल) की सामग्री पर रोक है।

1 जुलाई से इन वस्तुओं पर रोक

प्लास्टिक से बनी प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, स्टिर्रस, मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट को लपेटने का कवर, पैकिंग करने के उपयोग में आने वाली प्लास्टिक फिल्म और प्लास्टिक, पीवीसी के 100 माइक्रोन से कम मोटाई के बैनर पर प्रतिबंध रहेगा।

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक ?

सिंगल यूज प्लास्टिक, नाम से ही साफ है कि ऐसे प्रोडक्ट जिनका एक बार इस्तेमाल करने के बाद इन्हें फेंक दिया जाता है। इसे आसानी से डिस्पोज नहीं किया जा सकता है। साथ ही इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज प्लास्टिक की अहम भूमिका होती है। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वाली इन वस्तुओं पर बैन होगा। इनमें 100 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक बैनर शामिल हैं। गुब्बारा, फ्लैग, कैंडी, ईयर बड्स के स्टिक और मिठाई बॉक्स में यूज होने वाली क्लिंग रैप्स भी शामिल हैं। यही नहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि 120 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग को भी 31 दिसंबर 2022 से बंद कर दिया जाएगा।​​​​​

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध क्यों ?

देश में प्रदूषण फैलाने में प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ा कारक है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था। प्लास्टिक न तो डीकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं और हानिकारक गैसें निकलती हैं। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है। प्लास्टिक अलग-अलग रास्तों से होकर नदी और समुद्र में पहुंच जाता है। यही नहीं प्लास्टिक सूक्ष्म कणों में टूटकर पानी में मिल जाता है, जिसे हम माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। ऐसे में नदी और समुद्र का पानी भी प्रदूषित हो जाता है। यही वजह है कि प्लास्टिक वस्तुओं पर बैन लगने से भारत अपने प्लास्टिक वेस्ट जेनरेशन के आंकड़ों में कमी ला सकेगा।

सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प क्या है?

सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने पर अलग-अलग चीजों के लिए अलग-अलग विकल्प हो सकते हैं। जैसे- प्लास्टिक के स्ट्रा की जगह पेपर स्ट्रा। इसी तरह बांस से बनी ईयर बड्स स्टिक, बांस से बनी आइसक्रीम स्टिक, कागज और कपड़े से बने झंडे, परंपरागत मिट्टी के बर्तन आदि का इस्तेमाल सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह पर किया जा सकता है। एनवायरनमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक बैन तभी सफल होगा जब आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता हो और आसानी से सिंगल यूज प्लास्टिक के दूसरे विकल्प लोगों के सामने उपलब्ध हों। इसके साथ ही किसी सामान में ऐसे प्लास्टिक का इस्तेमाल होना चाहिए जिसे आसानी से रिसाइकिल किया जा सके।

दुनिया के और किन देशों में इस पर बैन है?

दुनिया भर की कई सरकारें सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कड़े फैसले ले रही हैं। ताइवान ने 2019 से प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, बर्तन और कप पर प्रतिबंध लगा दिया है। दक्षिण कोरिया ने बड़े सुपर मार्केट में प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही वहां इस प्रतिबंध के उल्लंघन करने वालों पर करीब 2 लाख जुर्माना लगाया जाता है। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश ने भी 2002 में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया था। केन्या, UK, ताइवान, न्यूजीलैंड, कनाडा, फ्रांस और अमेरिका में भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर कुछ शर्तों के साथ बैन लगाया गया है।

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