Rajsamand : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में राज्यभर में आयोजित हो रही रात्रि चौपालें आमजन के लिए राहत लेकर आ रही हैं और वर्षों पुरानी समस्याओं का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित हो रहा है। जिला कलक्टर डॉ भंवरलाल भी रात्रि चौपालों को पूरी गंभीरता से लेते हुए हर व्यक्ति की समस्या का प्रभावी समाधान कर रहे हैं। पिछले गुरुवार को देलवाड़ा में आयोजित हुई रात्रि चौपाल में कामली का गुड़ा निवासी दो दिव्यांग बच्चों के लिए राहत लेकर आई।
Rajsamand news Today : जानकरी के अनुसार दोनों दिव्यांग बच्चों 12 वर्षीय रमेश गमेती पुत्र देवीलाल गमेती और 10 वर्षीय मोहनलाल गमेती पुत्र देवीलाल गमेती को इनके परिजन गोद में उठाकर रात्रि चौपाल में लेकर दिव्यांग पेंशन की आस में पहुंचे थे। कलक्टर ने भी मामले में संवेदनशीलता दिखाई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि हाथों-हाथ इनकी पेंशन शुरू की जाए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक जयप्रकाश चारण ने बताया कि मौके पर ही सीएमएचओ डॉ हेमंत बिंदल ने इन बच्चों का विकलांगता प्रमाण पत्र तैयार कराया। दोनों बच्चों का पेंशन के लिए आवेदन हाथों-हाथ लेकर ऑनलाइन किया गया। इसमें जनआधार और विकलांगता प्रमाण पत्र को अपलोड किया गया और पेंशन स्वीकृति आदेश जारी किया गया। Collector Night Chowpal
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Night Chowpal : सेतु का कार्य कर रही रात्रि चौपालें
Night Chowpal : उप निदेशक चारण ने बताया कि अब इन दोनों बच्चों में से प्रत्येक को 1150 रुपये प्रति माह विकलांगता पेंशन मिलेगी। समस्या से राहत मिलने पर बच्चों के परिजनों ने सरकार का रात्रि चौपाल का आयोजन कर राहत प्रदान करने के लिए आभार जताया है। कलक्टर डॉ भंवरलाल ने कहा कि रात्रि चौपालें प्रशासन और ग्रामीणों के बीच एक सशक्त सेतु का कार्य करती हैं। यह न केवल समस्याओं का समाधान करती हैं, बल्कि ग्रामीण विकास और सामुदायिक सहभागिता को भी बढ़ावा देती हैं। ऐसे में रात्रि चौपालों का आयोजन न केवल प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और विकासात्मक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे सीधा संवाद और सहभागिता, तत्काल समस्या समाधान, पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा मिलता है। साथ ही वास्तविक स्थिति का ज्ञान होकर शिकायत निवारण बेहतर ढंग से होता है।