लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
26 दिन से लापता युवक का कंकाल रूपी क्षत विक्षत शव जंगल में पड़ा मिला। चेहरा- सिर व एक हाथ को कीड़े- मकोड़े खा गए, खोपड़े व एक हाथ का कंकाल रह गया, जबकि पेंट पूरा शरीर काला पड़ गया। शरीर से शर्ट फट गया, तो चमड़ी भी सुख गया। जंगली जानवरों, कीड़े- मकोड़े शव को लग गए। इस तरह कंकाल रूपी शव जंगल में मिलने से एक बारगी सनसनी फैल गई, मगर हाथ में कड़ा पहना होने, कपड़े व शरीर के कंकाल रूपी ढ़ाचे के आधार पर परिजनों ने पहचान की।
देवगढ़ थाना प्रभारी प्रतापसिंह ने बताया कि सेंड माता के जंगल में अज्ञात शव होने की सूचना बकरियां चराने वाले चरवाहों ने दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, तो क्षत विक्षत व कंकाल रूपी शव मिला। शव के हुलिए के आधार पर उसकी पहचान के प्रयास किए गए। इस पर आस पास के गांवों में भी कंकाल के फोटो शेयर करते हुए पहचान के प्रयास किए गए। आखिर में ईशरमंड पंचायत के देवपुरा निवासी 25 वर्षीय भैरोसिंह पुत्र कल्याणसिंह के रूप में पहचान हो गई। यह शव नीमझर से सेंड माता मंदिर मार्ग पर पड़ा हुआ था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और क्षत विक्षत कंकाल व सड़े- गले शव को एकत्र करके अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। फिर परिजनों द्वारा पहचान करने पर शव सौंप दिया, जिसका परिजन व ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार कर दिया गया।
15 दिन पहले मौत की संभावना
जंगल में मिले कंकाल रूपी शव की स्थिति को देखकर चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा करीब 15 दिन पहले मौत होने की संभावना जताई है। दाहिने हाथ में स्टील का कड़ा पहने हुए था, जिससे पहचान हो गई। बताया कि भैरोसिंह 1 नवंबर 2022 को घर से बिन बताए कहीं चला गया था। उसके बारे में कोई पता नहीं चल पाया और थाने में गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने तलाश की और अब शव पड़ा मिला।
मौत को लेकर कई तरह के संशय
कंकाल रूपी शव मिलने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर भैरोसिंह की मौत कैसे हुई। 1 नवंबर 2022 को बिन बताए कहां गया था। क्या किसी जंगली जानवर के हमले से मौत हुई है या किसी ने हत्या करके शव डाल दिया है। भैरोसिंह की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।