अहमदाबाद से अपहृत दो मासूम बच्चियों को अगवा कर गोगुंदा के पास जंगल में बने कच्चे कमरे में एक माह तक बंधक बनाकर दो दरिंदे बार बार बलात्कार करते रहे। बच्चियां रोती, बिलखती, चीखती, मगर दरिंदो को दया नहीं आई। बच्चियां छोडऩे की बात कहती, तो हैवान जान से मारने तक की धमकी देते। फिर हैवान युवक बाइक पर बिठाकर दोनों बच्चियों को राजसमंद जिले के छापली पहुंचे, जहां युवक कुछ खरीददारी के लिए दुकान पर रूके, तभी दोनों बहने भाग निकली। रास्ते में पैदल चलते हुए दोनों बच्चियों ने राह चलते युवक से मदद मांगी, जो छापली सरपंच गणपतसिंह थे। बच्चियों की व्यथा सुनने के बाद सरपंच ने तत्काल चाइल्ड लाइन टीम की मदद से वन स्टॉप सखी सेंटर पर अस्थायी आश्रय के लिए भेज दिया। फिर पीडि़ता को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल व सदस्यों के समक्ष पेश किया, जहां से बच्चियों को एक बार सखी सेंटर पर रखने और दिवेर थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
यह मामला गुजरात के अहमदाबाद का है, दोनों सगी बहने हैं। एक बड़ौदा में मां के साथ रहती थी, जबकि दूसरी पिता के साथ अहमदाबाद में। कुछ दिन पहले दोनों बेटियां अहमदाबाद में ही रह रही थी। अहमदाबाद में सब्जी मंडी में श्याम व सुरेश नामक दो युवक फब्तियां कसते रहते थे।
अनबन होने से छोड़ा घर
एक दिन किसी बात को लेकर माता- पिता से उनकी अनबन हो गई। इससे व्यथित दोनों बहने उसकी भुआ के घर जाने के लिए घर से निकल गई। तभी रास्ते में दरिंदे सुरेश व श्याम नामक युवक मिल गए, जिन्होंने जबरन पकडक़र कुछ सुंगाकर कार में डाल दिया और उन्हें होश आया, तो उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र के जंगल में थी। जंगल में कच्चे घर में उन्हें 1 माह 8 दिन तक बंधक रखा और दोनों युवक बारी बारी से बलात्कार करते रहे। बच्चियां बार बार छोडऩे की विनती करती, मगर हैवान जान से मारने की धमकी देते। इस तरह दरिंदों ने उनके साथ अमानवीय बर्ताव किया।
छापली पहुंचने पर भाग निकली दोनों बहनें
सुरेश एक बाइक पर बिठाकर दोनों बहनों को छापली ले आया, जहां वह कुछ खरीदारी करने लगा, तभी दोनों बहने भाग निकली। उस समय रास्ते में एक व्यक्ति मिला, जिसको सारी घटना बताते हुए मदद मांगी, जो छापली सरपंच गणपतसिंह होना बताया। फिर उन्हें कार में बिठाकर दिवेर थाने पहुंचा दिया। फिर चाइल्ड लाइन के माध्यम से बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल को सूचना दी गई। फिर दोनों बच्चियों को वन स्टॉप सखी सेंटर पर अस्थायी आश्रय दिया गया। फिर शनिवार को अध्यक्ष पालीवाल, सदस्य बहादुरसिंह चारण, हरजेंद्रसिंह चौधरी, सीमा डागलिया, रेखा गुर्जर ने पीडि़त बच्चियों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली। फिर दिवेर थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इधर, दोनों बच्चियों को बालिका गृह में प्रवेश दिलाया गया। साथ ही दिवेर थाने में दर्ज जीरो एफआईआर को स्थानान्तरित करते हुए अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।