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Bageshwar Dham के बाबा पर दर्ज FIR को लेकर फिर नया मोड़, उठने लगे कई सवाल

01 21 https://jaivardhannews.com/rar-on-fir-against-bageshwar-dham-sarkar-dhirendra-shastris-legal-team-said-this/

उदयपुर में 23 मार्च को नवसंवत्सर पर आयोजित धर्मसभा में मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ राजसमंद जिले के केलवाड़ा थाने व उदयपुर के हाथीपोल थाने में दर्ज एफआईआर को लेकर हिन्दू संगठनों ने सवाल उठाए हैं। साथ ही धीरेंद्र शास्त्री की लीगल टीम ने भी इस FIR को राजनीति से प्रेरित बताया है। हिन्दू संगठनों ने भी दर्ज एफआईआर को तत्काल वापस लेने की मांग की है। इसको लेकर राजसमंद जिले के केलवाड़ा और उदयपुर में लोगों ने अलग अलग ज्ञापन दिए। साथ ही खुली चेतावनी दी कि धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मुकदमे का जल्द निस्तारण नहीं किया गया, तो सारा हिन्दू समाज सड़क पर उतरेगा। इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार रहेगा। जबलपुर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की विधिक सलाहकार एडवोकेट रश्मि पाठक का कहना है कि राजस्थान में दर्ज एफआईआर आधारहीन और राजनीति से प्रेरित है। इस तरह धीरेंद्र शास्त्री की लीगल टीम भी सक्रिय हो गई है, जबकि मेवाड़ के लोगों ने भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर दर्ज प्रकरण को वापस उठाने की मांग की गई।

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भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दर्ज हुआ था प्रकरण

उदयपुर में 23 मार्च आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराने की बात कही थी। इसी बात को लेकर उदयपुर के हाथीपोल थाने में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में प्रकरण दर्ज हुआ। साथ ही कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराने गए पांच युवकों को राजसमंद जिले की केलवाड़ा थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और केलवाड़ा थाने में भी अलग प्रकरण दर्ज हुआ। उसके बाद उदयपुर, राजसमंद जिले के साथ समूचे मेवाड़ के लोगों ने उदयपुर जिला कलक्ट्री व कोर्ट चौराहे पर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया और भजन कीर्तन किया। बाद में पांचों युवकों को कोर्ट में पेश कर जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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लीगल टीम बोली- ‘एफआईआर राजनीति से प्रेरित’

इस एफआईआर के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरफ से विधि विशेषज्ञों ने कानूनी पहलुओं पर केस लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। जबलपुर निवासी अधिवक्ता रश्मि पाठक का कहना है कि एफआईआर दर्ज कराने में सरकारी मशीनरी का उपयोग किया गया है. यदि उनके भाषण से किसी को आपत्ति है तो आम व्यक्ति द्वारा विरोध किया जाना चाहिए था और उसकी तरफ से एफआईआर दर्ज होना थी। इससे साफ है कि यह एफआईआर राजनीति से प्रेरित है और हम इससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं।

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