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Ration news : राजस्थान में अब फिर से उचित मूल्य की दुकानों (सरकारी राशन दुकानों) पर अन्नपूर्णा भंडार केंद्र खोलने की तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस योजना को दोबारा से लागू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत प्रदेशभर की 5,000 राशन दुकानों पर अन्नपूर्णा भंडार खोले जाएंगे, जहां परचूनी से संबंधित तमाम रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे- चीनी, तेल, मसाले, चावल, आटा, साबुन, शैंपू आदि उचित दरों पर उपलब्ध होंगे।

यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में शुरू की गई थी, जिससे न केवल राशन डीलरों को आर्थिक लाभ हुआ बल्कि ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी सहूलियत मिली थी। हालांकि, 2018 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इस योजना को बंद कर दिया गया था। अब राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसे दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है।

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Annapurna Bhandar Yojana : क्या है अन्नपूर्णा भंडार योजना?

Annapurna Bhandar Yojana : राजस्थान में 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अन्नपूर्णा भंडार योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य सरकारी राशन की दुकानों को एक मिनी सुपरमार्केट का रूप देना था, जहां लोगों को गेहूं, चावल और चीनी के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुएं भी उचित दामों पर उपलब्ध हो सकें।

इस योजना के तहत राज्य के हजारों राशन डीलरों को अधिक लाभ मिलने लगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी रोजमर्रा की वस्तुएं आसानी से मिलना शुरू हो गईं। इन दुकानों पर ब्रांडेड सामान भी सस्ते दरों पर बेचे जाते थे, जिससे आम जनता को सीधा फायदा मिलता था। Free Ration Update

Rajasthan Budget : गहलोत सरकार ने क्यों बंद की योजना?

Rajasthan Budget : 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने, तो इस योजना को बंद कर दिया गया। गहलोत सरकार ने इसके स्थान पर गरीबों को मुफ्त में राशन किट बांटने की योजना शुरू की थी, जिसमें खाद्य तेल, मसाले और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं। यह योजना सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल में शुरू हुई, लेकिन चुनाव के बाद इसे भी बंद कर दिया गया।

अब फिर से बहाल होगी योजना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्ता में आने के तुरंत बाद इस योजना को पुनः लागू करने की घोषणा की है। सरकार का लक्ष्य इस योजना को पूरे राज्य में प्रभावी बनाना है और पहले चरण में 5,000 राशन दुकानों पर अन्नपूर्णा भंडार केंद्र खोलने की योजना बनाई गई है। इसके बाद इसे और अधिक दुकानों तक विस्तारित किया जाएगा।

इस योजना से क्या होंगे फायदे?

  1. गरीबों को मिलेगा लाभ: उचित मूल्य की दुकानों पर सस्ते दरों पर रोजमर्रा की चीजें मिलने से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी।
  2. राशन डीलरों की आय में होगी वृद्धि: इस योजना से राशन विक्रेताओं की आय में भी वृद्धि होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
  3. ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में सुविधाएं बढ़ेंगी: इस योजना से उन लोगों को फायदा मिलेगा, जो छोटे गाँवों और दूरस्थ क्षेत्रों में रहते हैं और किराने की दुकानों तक आसानी से नहीं पहुंच पाते।
  4. राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी: सरकारी दुकानों से उचित मूल्य पर सामान मिलने से प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

कैसे होगा कार्यान्वयन?

सरकार ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।

  • पहले चरण में 5,000 सरकारी राशन दुकानों को अन्नपूर्णा भंडार केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • इन दुकानों पर चीनी, तेल, मसाले, आटा, साबुन, शैंपू और अन्य रोजमर्रा की वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • सरकार विभिन्न एफएमसीजी कंपनियों के साथ समझौता करेगी, ताकि गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद उचित दामों पर उपलब्ध कराए जा सकें।
  • इस योजना की प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार नियमित रूप से समीक्षा करेगी और जरुरत पड़ने पर इसमें सुधार भी करेगी।
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अन्नपूर्णा भंडार योजना की दोबारा शुरुआत से आम जनता में उत्साह देखा जा रहा है। ग्रामीण इलाकों के लोग खासतौर पर इस फैसले से खुश हैं, क्योंकि उन्हें अब किराने का सामान खरीदने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। राशन डीलरों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे उनके लिए लाभदायक बताया है।

सरकार का लक्ष्य इस योजना का विस्तार करते हुए इसे पूरे प्रदेश में लागू करना है। पहले चरण में 5,000 दुकानों पर शुरुआत करने के बाद धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा। सरकार इस योजना के माध्यम से जनता को राहत देने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करना चाहती है। भजनलाल सरकार द्वारा अन्नपूर्णा भंडार योजना को फिर से शुरू करने का निर्णय प्रदेश के लाखों गरीबों के लिए राहत भरा है। यह योजना न केवल जनता को सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराएगी, बल्कि राशन डीलरों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी। यदि सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू करती है, तो यह योजना राजस्थान के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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  • Parmeshwar Singh Chundawat

    परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Parmeshwar Singh Chundawat

परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com