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पिछली कक्षा की परफोरमेंस के आधार पर 10वीं-12वीं का बनेगा रिजल्ट

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10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स के रिजल्ट तैयार करने के लिए आरबीएसई ने नया फॉर्मूला निकाला है। इसमें पिछली दो कक्षाओं के माक्र्स के आधार पर 10वीं और 12वीं के माक्र्स दिए जाएंगे। अगर स्टूडेंट संतुष्ट नहीं होता है तो शिक्षा विभाग एग्जाम लेगा और कॉपी चेक होने पर मार्कशीट देगा। प्राइवेट फार्म भरने वाले स्टूडेंट को प्रमोट नहीं किया जाएगा, उनको एग्जाम देना होगा। सीबीएसई ने भी यहीं व्यवस्था की है जिसकी पूर्ण पालना राज्य के शिक्षा विभाग करने जा रहा है। आरबीएसई स्टूडेंट्स के लिए माक्र्स का फॉर्मूला तैयार कर मंगलवार को शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा के पास भेज दिया गया है।

प्राइवेट स्टूडेंट्स की 9वीं की मार्किंग नहीं है। ऐसे में उन्हें एग्जाम ही देना होगा। राज्य सरकार की ओर से गठित 12 सदस्यीय मार्किंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट ये सिफारिश की है, जिसका स्वीकार होना तय माना जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो यह परीक्षा अगस्त के दूसरे या तीसरे सप्ताह में आयोजित हो सकती है।

आरबीएसई के 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को मार्किंग देने के लिए बनी प्रदेश स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा को सौंप दी है। कमेटी की ओर से तय फार्मूला एक-दो दिन में ही सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इसके बाद अगस्त के पहले सप्ताह तक स्टूडेंट्स को मार्कशीट देने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। दरअसल, फार्मूला तय होने के बाद सभी स्कूल अपने स्टूडेंट्स के माक्र्स सरकार को भेजेंगे। वहीं 12वीं क्लास के प्रैक्टिकल एग्जाम भी होंगे। यह सभी काम करीब एक महीने में पूरे होंगे।

राज्य सरकार की कोशिश है कि जुलाई के अंतिम सप्ताह तक ही परिणाम तैयार कर लिए जाएं और अगस्त के पहले सप्ताह तक स्टूडेंट को मार्कशीट उपलब्ध करवा दी जाएं। इस समिति ने सीबीएसई के साथ ही कई राज्यों की मार्किंग पॉलिसी का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि राजस्थान के स्टूडेंट्स को अन्य राज्यों के बड़े विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में प्रवेश लेते हुए परेशानी ना हो। खासकर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) समेत अन्य प्रतिष्ठित कॉलेज में राजस्थान के स्टूडेंट्स को आसानी से एडमिशन मिल सके।

समिति ने ऐसा फार्मूला तैयार किया है जिससे स्वयं स्टूडेंट भी अपना रिजल्ट तैयार कर सकेगा। 10वीं के स्टूडेंट को 8वीं व 9वीं की मार्कशीट अपने पास रखनी होगी। 12वीं के स्टूडेंट को 10वीं व 11वीं की मार्कशीट अपने पास रखनी होगी। इसी मार्कशीट के साथ वर्तमान क्लास से मिलने वाले माक्र्स भी जोडऩे होंगे। 12वीं के स्टूडेंट को प्रैक्टिकल एग्जाम देना होगा। इस क्लास के लिए प्रैक्टिकल माक्र्स ही मुख्य भूमिका निभाएंगे।

प्रैक्टिकल मोड अभी तय नहीं
ये तय है कि 12वीं के स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल एग्जाम देना होगा। खासकर विज्ञान के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन प्रैक्टिकल देना होगा। होम डिपार्टमेंट की स्वीकृति पर तय करेगा कि स्टूडेंट को स्कूल आकर प्रैक्टिकल देना है या फिर घर से ही ऑनलाइन देना होगा। दरअसल, ऑनलाइन एग्जाम में ग्रामीण क्षेत्रों में परेशानी होगी। बड़ी संख्या में गरीब स्टूडेंट्स के पास ऑनलाइन का संसाधन ही नहीं है। होम डिपार्टमेंट से इस बारे में स्वीकृति मांगी जा रही है।

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