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REET में कोचिंग संचालकों ने 20 जिलों में डमी कैंडिडेट बैठाकर 15 लाख रुपए की डील की, 60 लोगों को पकड़ा

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राजस्थान में REET की परीक्षा में कांस्टेबल से लेकर शिक्षक नकल में शामिल पाए गए। कोचिंग संचालों ने 20 जिलों में डमी कैंडिडेट बैठाकर 15 लाख रुपए की डील की। साथ ही कई सेंटरों से संदिग्धों को हटाया गया। राजस्थान में कुल 60 लाेगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

REET परीक्षा में नकल गिरोह पूरी तरह से सर्किय रहा। प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा में पहली बार ऐसा हुआ जब कांस्टेबल से लेकर टीचर तक नकल में शामिल रहे। एसआई भर्ती नकल गिरोह का खुलासा होने के बाद रीट से पहले एसओजी एक्टिव हो गई थी। दो दिन पहले डूंगरपुर में एक सरकारी स्कूल के टीचर को गिरफ्तार किया तो राजस्थान में नकल गिरोह का नेटवर्क सामने आया। एसओजी को पहले से इनपुट मिल चुका था कि रीट में बड़े स्तर पर गिरोह सर्किय है। रविवार को परीक्षा के दिन कार्रवाई में 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया। बीकानेर व सीकर में 6 लाख रुपए की चप्पल के अंदर मिनी माइक्रोचिप तो कहीं पर ब्लूटूथ के जरिए नकल कराने की व्यवस्था कर रखी थी। गिरोह ने डमी कैंडिडेट्स के जरिए 10 से 15 लाख रुपए में पेपर दिलाने की सेटिंग कर रखी थी।

परीक्षा के दिन भी जयपुर, सीकर, बीकानेर, अजमेर, दौसा, कोटा, जोधपुर, जैसलमेर, सिरोही, भरतपुर, नागौर, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, चौमूं में डमी कैंडिडेट जरिए व नकल कराने वाले गिरोह पकड़े गए है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि REET एग्जाम में जालोर व सिरोही से ही अधिकतर नकल गिरोह के लोग पकड़े गए है। कई जगहों पर टीचर व कोचिंग संचालक भी पकड़े गए है। सिरोही में कांस्टेबल के मोबाइल में भी रीट परीक्षा का पेपर मिला है। कांस्टेबल को वॉट्सऐप चेट मिलने पर निलंबित कर दिया है। अलवर व बस्सी में सील खुले हुए पेपर मिले तो हंगामा कर दिया। पेपर भी 30 मिनट के बाद लेट मिला। पहले ओएमआर शीट दे दी गई थी। सेंटरों में 19 पर्यवेक्षकों को संदिग्ध के आधार पर हटाया है।

REET एग्जाम से पहले जयपुर में कोचिंग संचालक संदीप पांडे व शिक्षक सुनील उर्फ काशी मीणा को गिरफ्तार किया है। दोनों चाय की थड़ी पर बैठकर परीक्षा को 10 से 15 लाख रुपए में पास कराने की सेटिंग कर रहे थे। दोनों को पुलिस ने फ्लैट से पकड़ लिया। चौमूं में भी करण पुत्र संतोष निवासी बक्सर, बिहार, सचदेव पुत्र महेंद्र सिंह निवासी मथुरा यूपी, श्याम सुंदर पुत्र बब्बन चंद्रवंशी निवासी नोखा, बीकानेर डमी कैंडिडेट बनकर आए थे। मूल अभ्यर्थी श्यामवीर पुत्र गणपत निवासी डीग भरतपुर, फर्जी अभ्यर्थी मिथिलेश पुत्र विजय चौहान निवासी औरंगाबाद बिहार को गिरफ्तार किया है।

चप्पल में माइक्रो चिप छिपा कर नकल

बीकानेर में कोचिंग संचालक तुलसीराम कालेर ने चप्पल के अंदर माइक्रो चिप छिपा कर नकल कराने की व्यवस्था की। चप्पल के अंदर बैटरी, सिम, मक्खी की तरह ब्लूटूथ लगाए गए। पुलिस ने मदनलाल निवासी चूरू, त्रिलोकचंद निवासी नोखा, ओमप्रकाश निवासी तालछापर, गोपाल कृष्ण निवासी चूरू, किरण निवासी रतनगढ़ को गिरफ्तार किया है। एग्जाम से दो दिन पहले ही अभ्यर्थियों को गुप्त जगह पर ले गए। वहां पर डिवाइस को उपयोग करने और नकल करने की ट्रेनिंग दी गई।

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