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इस्तीफे में खुला पत्र…. CM पुत्र व CP Joshi की गुलामी से आजाद हुआ, सीपी के दोनों PA करोड़ों के आसामी!

RCA Rajsamand 000 https://jaivardhannews.com/resigning-from-the-cricket-association-secretary-made-serious-allegations-against-cms-son-vaibhav-gehlot-and-dr-cp-joshi/

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी पर उनके अधिकार छीनने का आरोप लगाते हुए क्रिकेट एसोसिएशन सचिव व प्रदेश क्रिकेट संघ सचिव के प्रबल दावेदार माने जा रहे गिरीराज सनाढ्य ने इस्तीफा देकर बड़ा बखेड़ा कर दिया। सीएम पुत्र व सीपी जोशी के काफी नजदीक होने के बावजूद खुद को असहाय बताया। सीपी जोशी के पीए भवानी को सचिव न होते हुए भी उनके अधिकारों का हनन कर मनमानी के आरोप लगाए। साथ ही सीपी जोशी व वैभव गहलोत की भूमिका पर कई सवाल उठाए।

राजसमंद क्रिकेट संघ सचिव गिरीराज सनाढ्य ने १३ दिसंबर २०२२ को पद से इस्तीफा देने के बाद राजमसंद क्रिकेट संघ अध्यक्ष व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को ९ पेज का पत्र लिखा। इससे पहले हैंडली क्लब राजसमंद अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया। साथ ही मीडिया के समक्ष आकर खुलकर बोले और क्रिकेट संघ में सचिव होकर भी सीपी जोशी द्वारा उनके अधिकार छीन लेने से शून्य बनाने का आरोप लगाया। साथ ही काफी नजदीकी होने के बावजूद आज तक उनका कोई व्यक्तिगत कार्य नहीं करने का भी आरोप है।

क्रिकेट संघ की सदस्यता निरस्त

गिरीराज सनाढ्य ने हैंडली क्लब अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा क्लब सचिव जयंत वासू को सौंप दिया। साथ ही सदस्यता निरस्त करने का आग्रह किया। इस पर हैंडली क्लब सचिव जयंत वासू ने इस्तीफे को स्वीकार करते हुए सदस्यता को भी निरस्त कर दिया।

इसलिए कुंठित हो गए सनाढ्य

राजसमंद क्रिकेट संघ सचिव पद से इस्तीफा देने वाले गिरीराज सनाढ्य काफी कुंठाग्रस्त हो गए। वे सीएम पुत्र वैभव गहलोत व सीपी जोशी के नजदीकी होने से परिवार व अन्य आम लोगों में भी यह छवि कि गिरीराज सनाढ्य की काफी पहुंच है। इसी वजह से परिवार में किसी ट्रांसफर हो या निजी कंपनी में नौकरी या अन्य कोई पारिवारिक, सामाजिक कार्य होता, तो कभी भी सीपी जोशी व वैभव गहलोत ने सपोर्ट नहीं किया। क्योंकि सचिव होते हुए भी सीपी के पीए भवानी जबरन उनके दखल कर रहे थे।

नौकरी, ट्रांसफार्मर नहीं करवा पाने की टीस

गिरीराज सनाढ्य ने सीपी जोशी को भेजे पत्र के पहले व दूसरे पेज पर अपने परिवार, रिश्तेदार के शिक्षित युवाओं को प्राइवेट कंपनी में नौकरी की सिफारिश के लिए प्रयास किए। मगर सीपी साब ने कोई ध्यान नहीं दिया। उनके रिश्तेदार का ट्रांसफर कराने के लिए कई बार बात की, मगर सुना तक नहीं। अजमेर में उनकी साली के मकान पर होमगार्ड ने कब्जा कर लिया, जिसकी कई बार शिकायत की। पुलिस तो होमगार्ड से समझौता करने का दबाव बना रही है। इस तरह परिजन, रिश्तेदारों की नजर वह पंगू बन गया व बेइज्जत हो गया। क्योंकि उनकी नजर में वह जानबुझकर उनकी मदद नहीं कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह थी कि सीपी साब व वैभव गहलोत उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं।

राजस्थान टीम पर उठाए सवाल

गिरीराज सनाढ्य ने सीपी जोशी को लिखे पत्र के दूसरे पर क्रिकेट संघ की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाए। लिखा कि बिना स्टेट चैंपीयनशिप व बगैर चैलेंजर खेले ही कई खिलाड़ी राजस्थान टीम में शामिल हो गए, जबकि वास्तविक योग्य खिलाड़ी राज्य टीम में शामिल ही नहीं हो पाए।

वैभव गुट के सदस्य उठा रहे 90 हजार टीएडीए

पत्र में लिखा कि वैभव गहलोत गुट के सारे सदस्य आरसीए से हर माह 50 हजार से 90 हजार रुपए तक टीएडीए के रूप में उठा रहे हैं। दुबई में हुए मैच में एक टिकट की कीमत 1.25 लाख रुपए है, जो खर्च कर मैच देखने का आनंद लिया। इस तरह करोड़ो रुपए खर्च कर दुबई घूमने का आनंद ले रहे हैं, मगर आरसीए के एमओयू के बावजूद राजसमंद स्टेडियम के रख रखाव के प्रतिमाह ५१ हजार रुपए की राशि वर्ष 2013 से नहीं दी जा रही है। स्टेडियम के बिजली बिल भरने तक की राशि का प्रबंध नहीं है।

सभापति अशोक टांक पर अनदेखी का आरोप

पत्र में लिखा कि सीपी जोशी जब से राजसमंद क्रिकेट संघ अध्यक्ष बने, तब से राजस्थान क्रिकेट संघ से मिलने वाले 51 हजार रुपए प्रतिमाह 2013 से ही बंद हो गए। क्योंकि स्टेडियम में रख रखाव पर कार्य करने वाले कार्मिकों का वेतन, बिजली बिल व अन्य खर्च काफी है। बार बार अनुरोध किया, तो सीपी जोशी ने नगरपरिषद राजसमंद सभापति अशोक टांक को देखने के लिए कहा। पत्र में लिखा कि अशोक जी ने भी २ साल बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया।

फिर लिखा- मेरे कर्म को भोग रहा हूं

पत्र में लिखा कि जैसा बोओगे, वैसा ही पाओगे। शायद उनके द्वारा पिछले जन्म में ऐसा कुछ किया होगा, तभी आज उनके साथ ऐसा हो रहा है। गिरीराज ने लिखा कि जोशी साहब व वैभव जी व आरसीए परिवार का कोई दोष नहीं है। यही सत्य है।

सीपी के दोनों पीए करोड़ों के आसामी!

गिरीराज सनाढ्य ने सीपी जोशी को लिखे पत्र के अनुसार ओएसडी मनीष जी मेरी तरह ही बेरोजगार थे व आपके पीए भवानी जो कि तहसीलदार थे। हम तीनों की जीवन यात्रा आपके साथ शुरू हुई। आज आरसीए पदाधिकारी बता रहे हैं कि भवानी 1000 करोड़ के आसामी है और मनीषी जी ने जयपुर में 3-4 मकान बना लिए हैं। इसके विपरीत मेरे पास वर्ष 2003-04 में बनाया हुआ एक मकान व मिमीमम बैलेंस है।

यह है सीपी जोशी को लिखा 9 पेज का पत्र

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