जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में बाड़मेर जोधपुर नेशनल हाईवे पर बस हादसे में जिंदा जले 12 लोगों के शव रखे गए हैं। इन शवों को कपड़े की गठरियों में बांध कर जोधपुर लाया गया और अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। महात्मा गांधी अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट ने रात तीन बजे तक शवों के DNA कलेक्ट किए और इनकी पैकिंग की।
डिपार्टमेंट के डॉक्टर का कहना है कि उनकी टीम के लिए पहली बार ऐसा मौका था जब 12 शवों के डीएनए सैंपल एक साथ लिए और जयपुर लैब भेजे गए। इनकी रिपोर्ट आने में तीन दिन लगेंगे। फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड पीसी व्यास ने बताया कि हमारे डिपार्टमेंट के लिए यह बड़ी चुनौती थी। यह पहला मौका था कि मृतकों और उनके परिजनों का DNA सैंपल लेकर उसे पैक कर जयपुर भेजना था।
उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद हम अलर्ट पर थे। बाड़मेर से कॉल आया कि मोर्चरी के डिफ्रीज में स्थान है या नहीं। तब हमने कहा कि बॉडी ले आइए, यहां जगह है। इसके बाद सभी बॉडी एमजीएच लाई गई।
डॉक्टर ने कहा कि शव इस तरह पोटली में आएंगे इसका अंदाजा नहीं था। पोटली में 10 व्यस्क और 1 बच्चे का शव देख सभी स्तब्ध रह गए। जले हुए शव पहले भी आए लेकिन इतनी संख्या में कभी नहीं। पहचान करने के लिए शवों के साथ-साथ परिजनों के डीएनए सैंपल लिए। एक साथ 11 शवों का पोस्टमार्टम कर उनके सैंपल लेने के काम में 7-8 का स्टाफ लगा और रात 3 बजे तक काम पूरा हुआ। उन्होंने बताया कि डॉक्टर बिनाका और जूनियर ने मिलकर पोस्टमॉर्टम करने और डीएनए सैंपल का काम पूरा किया।
डॉक्टर व्यास ने बताया कि शवों के एक्स-रे कर उनकी उम्र का पता लगाया गया। कई बार कंकाल भी आते हैं, तो उनकी उम्र का इसी तरह पता लगाया जाता है। रात तक एक टेक्निकल स्टाफ ने सभी शवों के एक्स-रे निकाले, फिर उनकी उम्र कैल्कुलेट की।
डॉ. व्यास ने बताया कि मृतक विभा दवे के पिता उनके गांव से ही हैं। वे बार-बार यह कह रहे थे कि मैंने मेरी बेटी को इसी बस में चौथी सीट पर बैठाया था। इन पोटली में वह है या नहीं, यह बता दीजिए, लेकिन बिना डीएनए रिपोर्ट के पहचान करना मुश्किल था। बहुत समझाइश के बाद पिता को आज सुबह बालोतरा भेजा। वह बुधवार शाम से मोर्चरी के बाहर बैठे थे। ऐसे कई परिजन यहां मोर्चरी के बाहर अपनों की पहचान के लिए बैठे रहे। उनको बताया गया कि डीएनए रिपोर्ट आने में तीन दिन लगेंगे। तब जाकर कुछ लोग माने और घर लौट गए।
गौरतलब है कि बुधवार की सुबह भांडियावास गांव में संस्कार स्कूल के पास हुई आमने-सामने की टक्कर के बाद बस और ट्रेलर में आग लग गई। इसमें 12 लोग जिंदा जल गए थे। हादसे की वजह दो ट्रेलर ओवरटेक कर रहे थे। जानकारी में सामने आया है कि बस गुजरात से आई थी। इसमें जालौर और बीकानेर के साथ-साथ बाड़मेर जिले के बालोतरा, सिवाणा और आस-पास की सवारियां भी थीं। इस हादसे में घायलों की संख्या 38 है।