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हमारे देश में रोज 1263 रोड एक्सीडेंट होकर उसमें 461 लोगों की मौत हो रही है। इस तरह प्रति घंटा 53 हादसों में 19 लोग मर रहे हैं। वर्ष 2021 की बात करें तो 4 लाख 13 हजार हादसों में 3 लाख 85 हजार घायल हुए एवं 1 लाख 53 हजार लोगों की मौत हो गई। ये आंकड़े कोई काल्पनिक नहीं, बल्कि केन्द्र सरकार के परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी किए हुए हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय लोगों द्वारा यातायात नियमों के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए विशेष सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। इसके तहत पुलिस, परिवहन व हाइवे ऑथोरिटी द्वारा आम लोगों को ट्रैफिक नियम बताए जाते हैं और यातायात नियमों की पालना करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

11 से 17 जनवरी तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके तहत राजसमंद जिले के साथ राजस्थान के साथ पूरे देश में विभिन्न गतिविधियां हो रही है। हमारे देश में इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी। इसका मकसद यही है कि लोग सुरक्षित तरीके से वाहन चलाएं। खुद भी जीयें और सबको जीने दें।

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सड़क पर सुरक्षित तरीके से चलने की सीख

सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पूरे एक हफ्ते तक वाहन चालकों, स्कूल और कॉलेज स्टूडेंट्स सहित आम नागरिकों को सड़क पर चलने के सुरक्षित तरीके बताए जाते हैं। यातायात नियम बताए जाते हैं। परिवहन विभाग व पुलिस नुक्कड़ नाटकों, सेमिनार, रैली, स्लोगन, कार्यक्रमों और होर्डिंग्स बैनर के जरिए आमजन तक अपनी बात पहुंचाते है। इस सबसे पीछे मकसद यही है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए और जबकी जान सुरक्षित रहे।

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सड़क सुरक्षा माह का शुभारंभ गांधी सेवा सदन में हुआ। मुख्य अतिथि जिला परिवहन अधिकारी डॉ कल्पना शर्मा और संयोजक महेंद्र करनावट रहे। कार्यक्रम की शुरुआत आईडीटीआर अशोक लेलैंड द्वारा सड़क पर सावधानी रखने, सीट बेल्ट के उपयोग, सड़कों के प्रकार आदि पर छात्र छात्राओं से प्रश्नोत्तरी से की गई। इसके उपरांत जिला परिवहन अधिकारी डॉ शर्मा ने बच्चों को सड़क के नियम अधिनियम की जानकारी दी। साथ ही सड़क सुरक्षा की महत्वा पर प्रकाश डाला, बच्चों ने भी अपने सवाल रखे और विभाग की कार्यप्रणाली में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का कार्य समझाया। उन्होंने सम्पूर्ण जिले से यातायात के नियमों की पालना का अनुरोध किया है।

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वाहन चालकों को गुलाब का फूल देकर किया जागरूक

नेहरू युवा केन्द्र संग़ठन राजसमंद द्वारा जिला पुलिस व परिवहन विभाग के नेतृत्व में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा जागरूकता सप्ताह अभियान के तहत शहर के जलचक्की तिराहे पर सोमवार को वाहन चालकों को जागरूक किया गया। केंद्र के कार्यक्रम सहायक हनवंत सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत यातायात प्रभारी हीरालाल मेनारिया के साथ मिलकर लोगों को जागरूक किया। यातायात प्रभारी हीरालाल मेनारिया ने बताया कि सड़क दुर्घटना रोकने के लिए वाहन को सड़क पर बाएं चलने की सलाह दी। रोड से गुजरते समय ओवरटेक ना करने, अगर कोई वाहन ओवरटेक कर रहा हो तो अपनी वाहन की गति तेज न करने की सलाह दी। इसके अलावा रोड पर गति कम करने, यू टर्न जल्दी नहीं लेने, सिंग्नल का प्रयोग करने, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करने की भी सलाह देकर जागरूक किया कहा कि नियमों का पालन करना अनिवार्य हैं। पकड़े जाने पर जुर्मानें का प्रावधान है। इस अवसर पर सहायक पुलिस उप निरीक्षक ओमप्रकाश, हेड कांस्टेबल मुकेश, माँगू सिंह, चंद्रशेखर, महेंद्र, अनिल, राष्ट्रीय युवा अवार्डी शंकर गाडरी, राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक नीलेश पालीवाल, बिंदु वैष्णव, भरत पालीवाल, ओमप्रकाश, भावना, शुभम, दीपांशु, खुशवंत, कंचन, संतोष, कविश, भावेश, दीपक सहित ग्रमीण युवा मंडल के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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  • नो ओवर स्पीडिंग : देश में ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं तेज रफ्तार है। कम स्पीड में बाइक, कार व सभी वाहन चलेंगे तो स्वत: हादसे नियंत्रित होंगे। प्रत्येक वाहन चालक तय गति सीमा का पालन करें।
  • नो ओवर टेकिंग : एक दूसरे वाहन से आगे निकलने की होड़ भी हादसे का मुख्य कारण है। ओवरटेक करने के चक्कर में भीषण टक्कर होती है। इसलिए ओवरटेक तभी करें, जब सामने पूरा रास्ता देख रहा हो। मोड़ में कतई नहीं।
  • बायीं ओर चलें : चाहें पैदल चल रहे हों या वाहन में सड़क के बायें तरफ ही चलें। रोड चाहें डबल लेन हो या सिंगल अपनी गाड़ी बायीं ओर ही रखें। अगर आगे जाकर आपको दायीं ओर मुड़ना है तो इंटिकेटर चालू करें व लेन चेंज करें।
  • डोंट ड्रंक एंड ड्राइव : शराब पीकर वाहन नहीं चलाए। नशे में होने के कारण ड्राइवर वाहन से नियंत्रण खो देता है। इसलिए नशे से दूर रहें और अगर नशा करें तो वाहन कतई न चलाए।
  • मोबाइल पर बात न करें : बाइक, कार, बस, ट्रक या कोई भी वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात न करें। मोबाइल ध्यान भटकाता है और हादसे की वजह बनता है।
  • जेब्रा क्रॉसिंग सही राह : पैदल चलने वालों के लिए भी ट्रैफिक नियम का पालन उतना ही जरूरी है, जितना वाहन चालकों के लिए है। राहगीर या तो फुटपाथ पर चलें या सर्विसलेन में या फिर बिल्कुल बायें तरफ, ताकि हादसे का खतरा न रहे।
  • संकेतों को पहचाने : यातायात नियमों के संकेतों की पहचान जरूर होनी चाहिए। रैड लाइट, ग्रीन लाइट, बायें-दायें मुड़ने, वाहन की गति, सभी के लिए संकेतों और इंडिटेकर का उपयोग अत्यंत जरूरी है।
  • वाहन के बीच पर्याप्त दूरी : सड़क पर चलते वाहनों के बीच पर्याप्त दूरी होनी चाहिए। ताकि अगला वाहन अचानक ब्रेक लगा लें, तब भी पीछे का वाहन न टकराए।
  • हेलमेट व सीट बेल्ट लगाना न भूलें : दुपहिया वाहन चालक हेलमेट जरूर पहने तो कार चालक सीट बेल्ट का उपयोग जरूर करें। इसमें किसी भी तरह की बेपरवाही खुद के लिए जानलेवा सिद्ध होती है।
  • बिना वजह न बजाएं हॉर्न ; किसी भी वाहन का महत्वपूर्ण भाग हॉर्न होता है, मगर हॉर्न को जरूरत होने पर ही बजाएं।
  • ड्राइवर स्वस्थ हो : वाहन चलाने से पहले प्रत्येक ड्राइवर शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। खास तौर से आंखों का स्वस्थ होना आवश्यक है।