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घूसखोरी : 7 हजार की रिश्वत लेते रोडवेज चीफ मैनेजर गिरफ्तार, विभाग में मचा हड़कंप

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रोडवेज डीपों के चीफ मैनेजर कंडक्टरों से प्रति माह दो हजार की बंधी वसूल करता था। शिकायत पर ACB टीम ने पहले सत्यापन किया। फिर 7 हजार की रिश्वत लेते आरोपी को रंगें हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी परिचालकों से उनकी सुविधानुसार ड‌यूटी लगाने के बदले दो हजार रुपए मासिक बंधी से रिश्वत मांगी थी।

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के जयपुर डिपो में तैनात चीफ मैनेजर शिव कुमार शर्मा काे ACB की टीम ने साेमवार काे सात हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। तीन परिचालकों से तीन माह के दाे हजार रुपए हर महीने के हिसाब से 18 हजार रुपए मांगे थे। परिचालकाें ने जब काेराेना काल में बसें नहीं चलने का हवाला दिया तो चीफ मैनेजर ने रिश्वत में चार हजार की छूट देकर तीन माह के 14 हजार रुपए देने के लिए कहा। इस पर साेमवार काे रिश्वत की दूसरी किश्त के रूप में सात हजार रुपए लेते हुए एसीबी ने ट्रैप कर लिया।

इस बारे में एसीबी डीजी बीएल साेनी ने बताया कि गिरफ्तार डिपाे का चीफ मैनेजर शिव कुमार शर्मा झाेटवाड़ा में संजय काेलाेनी जाेशी मार्ग का रहने वाला है। ट्रैप के बाद एसीबी ने उसके आवास एवं ऑफिस की तलाशी ली। इस संंबंध में परिचालकाें ने एसीबी में शिकायत की थी। इधर, घूसकांड में चीफ मैनेजर के पकड़े जाने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। सूत्रों का कहना है कि शिव कुमार शर्मा के ऊपर कई बड़े अधिकारियों का वरदहस्त है और लगातार उन्हीं की मेहरबानी से वह मासिक बंधी वसूली के काम को बखूबी अंजाम दे रहा था। एसीबी की रडार पर कई और अफसर बताए जा रहे हैं।

रोडवेज में 80 हजार रुपए मासिक तनख्वाह पाने वाला चीफ मैनेजर शिवकुमार शर्मा शुरुआत में रोडवेज में कंडक्टर ही भर्ती हुआ था। खेल कोटे में प्रमोशन से शर्मा कुछ समय में ही कंडक्टर से एटीआई और फिर टीआई बनने के बाद चीफ मैनेजर के पद पद प्रमोट हो गया। जिस डिपो में चीफ मैनेजर लगा है, वह डिपो रोडवेज को सबसे अधिक राजस्व देने वाला है। यहां से इंटर स्टेट बसों का संचालन होता है यानी दूसरे राज्यों के लिए इसी डिपो से बसों का संचालन होता है।

जयपुर में 263 परिचालक हैं। इनमें अधिकतर अपने इलाके में ड्यूटी के लिए कोशिश करते हैं। एसीबी काे शिकायत मिली थी कि दाे हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से चीफ मैनेजर शिव कुमार शर्मा परिचालकाें से बंधी लेता था। इस पर एसीबी ने सत्यापन किया ताे आरोप सही निकला। एसीबी जांच कर रही है कि घूस की राशि किस-किस तक पहुंचती थी? शिव कुमार शर्मा 12 जुलाई काे रिश्वत की पहली किश्त के 7000 रुपए ले लिए। इस दाैरान एसीबी ने सत्यापन कर लिया।

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