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Video… उदयपुर में प्रदर्शन के बाद कुंभलगढ़ में गिरफ्तार 5 युवा रिहा, फिर विधायक ने दी चतावनी

Dhirendra Shastri https://jaivardhannews.com/ruckus-on-bageshwar-babas-statement-demonstration-in-udaipur-5-youths-arrested-in-kumbhalgarh-released-warned-again/
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उदयपुर के गांधी ग्राउंड में नवसंत्वर पर आयोजित धर्मसभा में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा कुंभलगढ़ में भगवा ध्वज फहराने के बयान को पुलिस ने भड़काऊ भाषण बताते हुए उदयपुर जिले के हाथीपोल थाना और राजसमंद जिले के केलवाड़ा थाने में दो अलग अलग प्रकरण दर्ज किए। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के उद्बोधन के बाद कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराने पहुंचे पांच युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उग्र हुए मेवाड़ के लोग उदयपुर में संभाग मुख्यालय पर एकित्रत होकर जिला कलक्ट्री पर प्रदर्शन किया और कोर्ट चौराहा पर धरना देकर भजन कीर्तन शुरू कर दिया। लोगों की मांग थी कि गिरफ्तार युवकों को तत्काल रिहा किया जाए और बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाए। इस पर पुलिस द्वारा आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद रिहा कर दिया, तो उदयपुर में कोर्ट चौराहे पर धरने पर बैठे लोग भी उठ गए। इस बीच कुंभलगढ़ के विधायक ने भी कुंभलगढ़ दुर्ग में अजान शुरू करने के मुद्दे पर बड़ा बयान देकर माहौल को गरमा दिया है।साथ ही केलवाड़ा पुलिस थाने पर पहुंचे क्षेत्रीय लोगों ने खुली चेतावनी दी कि कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराकर रहेंगे। हालांकि पुलिस व प्रशासन द्वारा भगवा ध्वज नहीं फहराने के लिए क्षेत्रीय लोगों से समझाइश की गई और इसको लेकर हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी व प्रबुद्धजनों की विशेष बैठक भी ली। राजसमंद से एएसपी शिवलाल बैरवा, डीएसपी नरेश कुमार शर्मा के साथ कई आला अिधकारी मौजूद थे।

रिहाई की सूचना के बाद उदयपुर में समाप्त हुआ धरना

उदयपुर शहर के विभिन्न हिंदू संगठनों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उदयपुर में करीब साढ़े चार घंटे तक चले प्रदर्शन और तनाव की स्थिति के बाद माहौल तब शांत हुआ, जब राजसमंद में गिरफ्तार युवकों को जमानत दिए जाने की सूचना मिली। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने समझाइश के प्रयास किए। लोगों ने केलवाड़ा में गिरफ्तार युवकों को छोडऩे और पं. धीरेंद्र शास्त्री पर दर्ज केस वापस लेने की पूरजोर मांग रखी। प्रदर्शन के दौरान चौराहे पर करीब तीन घंटे भजन-कीर्तन चले। ऐसे में आक्रोश जताते लोग भजनों पर नाचने लगे। कीर्तन के दौरान महंत इन्द्रदेवदास, महंत हर्षिता दास, महंत अशोक परिहार, महंत नारायणदास वैष्णव की भी मौजूदगी रही।

कुंभलगढ़ में प्रदर्शन, पांच युवकों की रिहाई

2 दिन पहले उदयपुर के धार्मिक कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कुंभलगढ़ को लेकर दिए बयान से प्रभावित होकर उदयपुर के 5 युवा रात 3 बजे कुंभलगढ़ दुर्ग पहुंच कर भगवा झंडा लगाना चाहते थे लेकिन केलवाड़ा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर दिया था। जिसके चलते हैं अगले दिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर भी केलवाड़ा थाने में मामला दर्ज किया था। शनिवार को कुंभलगढ़ क्षेत्र के हिंदू संगठनों ने कुंभलगढ़ मुख्यालय पहुंच इनकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी युवा भगवा झंडे के साथ केलवाड़ा थाना परिसर पहुंचे जहां पर डीएसपी नरेशकुमार शर्मा को ज्ञापन देकर युवाओं की रिहाई की मांग की। प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद, ब्रह्म शक्ति सहित भाजपा कार्यकर्ता साथ एकजुट होकर पहुंचे। वहीं गिरफ्तार पांचों युवकों को रेलमगरा कोर्ट में पेश किया जहां से पाचों को जमानत पर रिहा किया। प्रदर्शन में रजनीश शर्मा, महिपालसिंह चारण, दीनदयाल गिरी, अल्पेश असावा, जितेंद्र आमेटा, प्रेमसुख शर्मा, अमित शर्मा, बंशी पालीवाल, मयंक जोशी, बब्बरसिंह, आशीष मेवाड़ा, दशरथसिंह भाटी, राघवेंद्रसिंह झाला सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।

पांचों युवकों को पहले जेल का फैसला, फिर आधे घंटे बाद जमानत

कुंभलगढ़ दुर्ग पर ध्वज फहराने के मामले में गिरफ्तार पांचों युवकों को 25 मार्च को रेलमगरा कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश जारी कर दिए, लेकिन आधे घंटे बाद ही इनकी जमानत का निर्णय आ गया। पांच युवकों की पैरवी कर रहे वकील देवेंद्र श्रीमाली ने जमानत याचिका लगाई थी। पांचों आरोपियों की जमानत स्वीकार कर ली गई हैं। आरोपियों की ओर से वकील देवेंद्र श्रीमाली ने बताया कि कोर्ट में कहा कि अब कोई बरामदगी शेष नहीं हैं। साथ ही अगर इन लोगों को अधिक दिन पुलिस या न्यायिक हिरासत में रखा जाता है तो माहौल बिगड़ने की संभावना हैं। इस आधार पर पांचों युवकों की जमानत अर्जी स्वीकार कर रिहा कर दिया।

भगवा झंडा लगवाने का तीन बार जिक्र किया

धीरेंद्र शास्त्री ने कुम्भलगढ़ किले में भगवा झंडे का तीन बार जिक्र किया था। उदयपुर की धर्मसभा में उन्होंने कहा था कि ‘डरते तो हम किसी के बाप से नहीं हैं। डरते तो वो हैं, जो बुजदिल होते हैं। हम तो वो हैं, जो कुम्भलगढ़ किले में भी भगवा झंडा लगवाकर मानेंगे। युवाओं की भीड़ को आह्वान करते हुए शास्त्री बोले- तुम चाहते हो कि वहां भगवा झंडा गड़े। क्या ये बात सही है, अगर सही है तो चुप क्यों बैठे हो।’

किले के नीचे कुछ घरों में लगे हैं धार्मिक झंडे

राजसमंद जिले में ऐतिहासिक कुंभलगढ़ किले का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था। इसी दुर्ग में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ। सैकड़ों साल से इस दुर्ग की तलहटी में एक विशेष धर्म के 25 से 30 परिवार रहते हैं। ये परिवार हरे रंग का धार्मिक झंडा लगाते हैं। इस जगह पर अब तक कोई सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है।

उदयपुर एसपी बोले- नियमानुसार कार्रवाई

उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने मीडिया को बताया था कि धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की है। इसकी जांच नियमानुसार की जाएगी। बताया था कि पं. धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। यह धारा धर्म, जाति, भाषा या निवास आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भावना बिगाड़ने के मामले में लगाई जाती है। इसमें 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। यह मामला उदयपुर के हाथीपोल थाने में दर्ज हुआ था। इसके अलावा राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराने गए पांच युवकों को लेकर भी एक प्रकरण केलवाड़ा थाने में दर्ज हुआ है। इसमें पंडित शास्त्री पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।

युवकों की रिहाई के बाद फुल मालाओं से स्वागत

कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा फहराने के मामले में गिरफ्तार युवकों की रिहाई के बाद उनका हिंदु संगठन के लोगों ने फुल मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। साथ ही इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने जय श्रीराम के जयकारे लगाए

बागेश्वर बाबा के खिलाफ कार्यवाही हुई तो, मेवाड़ सहन नहीं करेगा : राठौड़

कुंभलगढ़ दुर्ग ऐतिहासिक किला है जो महाराणा कुंभा की कर्मस्थली और महाराणा प्रताप की जन्म स्थली है। दुर्भाग्यवश आजादी के बाद वर्तमान सरकार ने किले में अजान की इजाजत देकर मेवाड़ के शौर्य, सम्मान एवं सद्भाव का बिगाड़ने का प्रयास किया है जो शर्मनाक है। कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराने की जो पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बात कही वह कहां गलत है। अगर अब बागेश्वर बाबा के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी तो पूरे मेवाड़ का हिंदू समाज सहन नहीं करेगा।

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