सचिन पायलट ने गुरुवार शाम को विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी से उनके सरकारी बंगले पर जाकर मुलाकात की। अचानक हुई इस मुलाकात से सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। लंबे अरसे बाद पायलट ने जोशी से मुलाकात की है। कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान के बीच इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
कांग्रेस के अंदरुनी सियासी समीकरणों के हिसाब से सचिन पायलट और सीपी जोशी दो विपरीत ध्रुव माने जाते रहे हैं। सचिन पायलट के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनने से लेकर अब तक ऐसा बहुत कम हुआ है जब दोनों की इस तरह मुलाकात हुई हो। कांग्रेस में जब शक्ति परीक्षण का वक्त आया तब जोशी पायलट के खिलाफ खड़े थे। अब अचानक सचिन पायलट का सीपी जोशी के घर मिलने जाना कांग्रेस के नए सियासी समीकरणों की तरफ इशारा माना जा रहा है।
17 सितंबर को सचिन पायलट ने राहुल गांधी के साथ मुलाकात कर प्रदेश के सियासी माहौल और आगे की रणनीति पर चर्चा की है। माना जा रहा है कि जल्द प्रदेश में सत्ता संगठन में बदलावों की शुरूआत होगी। बदलावों में सबसे पहले मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक नियुक्तियों का काम होगा। सचिन पायलट को संगठन में जिम्मेदारी देने की चर्चा है। माना जा रहा है कि यह काम मंत्रिमंडल विस्तार और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद होगा। सीपी जोशी से मुलाकात को भी सचिन पायलट को भविष्य में मिलने वाली जिम्मेदारी से पहले की एक्सरसाइज के तौर पर ही देखा जा रहा है।
सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था जोशी ने
सीपी जोशी ने हाल ही विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मंत्रियों के उकसाने वाले आचरण पर भारी नाराजगी जताई थी। ससंदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के सदन में किए गए उकसाने वाले एक्शन पर जोशी इस कदर नाराज हुए थे कि विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। बाद में नए सिरे से बुलेटिन जारी करना पड़ा था।