Sambodhi Upvan Trust : राजसमंद जिले के धानीन में स्थित संबोधि उपवन परिसर में संबोधि उपवन ट्रस्ट के प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्यों की विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबोधि उपवन के समग्र विकास पर खास विचार विमर्श किया गया। बैठक में ट्रस्ट अध्यक्ष व न्यायविद् डॉ. बसंती लाल बाबेल ने कहा कि संबोधि उपवन के समग्र विकास के लिए हर व्यक्ति का सहयोग अपेक्षित है। कार्यकर्ताओं की मेहनत एवं समर्पण का ही यह परिणाम है कि आज संत मुनि शुभकरण द्वारा स्थापित संबोधि उपवन जन-जन की आस्था का केंद्र बना है।
Rajsamand News : बैठक में डॉ बाबेल ने कहा कि संत श्री ने जिस रूप में इस स्थान को ध्यान योग स्थली के रूप में विकसित किया इसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। उन्होंने संस्था की विविध गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उपवन के विकास के लिए संबोधि साधक नाम से योजना प्रारंभ की है, जिसमें पात्र व्यक्ति मात्र 5100 रुपया सहयोग राशि देकर यह सदस्यता अर्जित कर सकता है। डॉ. बाबेल ने कहा कि आध्यात्म स्थली के रूप में इसका सर्वांगीण विकास किया जा रहा है, यह एक चमत्कारिक भूमि है, जिसका एहसास यहां पर आकर योग, साधना, तप करने वाला व्यक्ति प्राप्त कर सकता है।
Jain Samaj : संस्था के प्रवक्ता राजकुमार दक ने बताया कि बैठक में पिछले तीन दिनों से जीवन रहस्य स्वामी बीएल पगारिया के निर्देशन में चल रहे योग साधना शिविर का समापन समारोह भी आयोजित किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए पगारिया ने कहा कि गुरु के प्रति विश्वास व सुदृढ़ आस्था रखने वाला व्यक्ति मुश्किल से मुश्किल समय में भी सही मार्ग प्राप्त कर लेता है। उन्होंने साधकों को भक्ति योग, ज्ञान योग एवं कर्म योग के बारे में विस्तार से बताते हुए जब तप के अनेक आयामों पर प्रकाश डाला। उत्कृष्ट सहयोग प्रदान करने वाले गणेश लाल कच्छारा एवं बी एल पगारिया का अध्यक्ष बाबेल ने शॉल ओढ़ाकर एवं साहित्य प्रदान कर सम्मान किया। ट्रस्टी बाबूलाल कोठारी, कार्य अध्यक्ष कमलेश तलेसरा, महासचिव मुन्नालाल वर्मा, राजकुमार दक, दशरथ पटेल, भरत कुमावत आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर धर्मचंद खाब्या, गणेश लाल कच्छारा, विनय कोठारी, अशोक डूंगरवाल, बलवंत मांडोत, अचल धर्मावत, दशरथ भाई पटेल, योगेश जैन, घनश्याम तलेसरा, महेश बापना, डूंगर धर्मावत, लालाराम आदि मौजूद थे।