Satire on Politicians : चुनाव परिणाम वाले दिन सुबह-सुबह फुलेरा पंचायत के प्रधान पद का आकांक्षी भूषण और उप प्रधान पद का आकांक्षी विनोद दोनों ही चाय की टपरी पर बैठ मोबाइल पर लोकसभा चुनाव का परिणाम देख रहे थे।
भूषण (खैनी रगड़ते हुए)- देख रहा है विनोद…’
विनोद (गर्दन उचकाते हुए)- आंय…
भूषण- ई बार एक्जिट पोल तो 400 पार का दावा कर रहा है, क्या लगता है तुमको एतना सीट आ जाएगा?’
विनोद- “पता नहीं भैया, ई एग्जिट पोल तो आप जैसे पढ़े-लिखे लोग ही जानते होंगे, हमरा तो कुछ समझ में नहीं आता है। अब दावा कितना सही निकलेगा, ई तो शाम तक पता चल जाएगा। बाकी इस बार दावा तो हम और आप भी कर रहे हैं, उप प्रधान और प्रधान बनने का। फिर खैनी को नीचले जबड़े में होंठ और मसूड़ों के बीच स्थापित कर दोनों मोबाइल पर मतगणना रिपोर्ट देखने में व्यस्त हो गए। दोपहर में भूषण माथे से पसीना पोंछते हुए बोला- देख रहा है विनोद ई गर्मी… भले रिजल्ट 400 पार जाएं ना जाएं, ससुरा पारा 50 पार चला गया है। गमछा से पसीना पोंछते हुए विनोद बोला “सही कह रहे हैं भूषण भैया, गर्मी तो नेता और अधिकारी से भी ज्यादा आतंक मचा रखा है। जब पेड़-पौधा काट कर एसी लगवाया जाएगा, तो गर्मी पड़ेगा ही न भैया! विनोद की बातों से सहमत भूषण ने गर्दन हिलाते हुए कहा- छः घंटा हो गया है, लेकिन परिणाम कुछ क्लियर नहीं हो पाया है और अभी तक ईवीएम के कैरेक्टर पर किसी ने ऊंगली भी नहीं उठाया है? Indian Politicians
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Politics of India : मासूमियत से विनोद बोला – अभी तक सबका रूझान ठीके-ठाक जा रहा है भैया, लगता है फायनल रिजल्ट का इंतजार कर रहे होंगे, उसके बाद ही ईवीएम को गरियाएंगे… तब तक एक-एक चाय और बोल दिया जाए। ई प्रचंड गर्मी में कितना चाय पीएगा मरदे, लाओ चुनौटी, खैनी ही बनाया जाए। भूषण ने मुंह बनाते हुए जवाब दिया।
देर शाम परिणाम घोषित होने के बाद भूषण बोला- जानता है विनोद अपने प्रधान मंजू देवी की तरह केंद्रीय चुनाव में भी नेता लोग काम करते नहीं है और कम सीट लाने पर आरोप ईवीएम पर लगा देते हैं। सही कह रहे हैं भैया… लेकिन हमलोग जीतेंगे, तो क्षेत्र में काम करेंगे। विनोद गम्भीरता पूर्वक बोला। बिलकुल क्षेत्र में विकास का काम करेंगे, भूषण ने सहमति जताई।
Democracy of india : विनोद (बीच में टोकते हुए),आप भी न भैया… विकास का काम विकास करेगा न! हम काहे करेंगे, उसका काम। अब विकास और सचिव जी का काम भी प्रधान और उप प्रधान करने लगे, तब तो हुआ…। भूषण (खिसियाते हुए) अरे एकदम से बकलोले हो का, विकास सहायक का काम नहीं, बल्कि विकास का काम करेंगे विकास मने डेवलपमेंट…। तो ऐसे कहिए न… विनोद ने समझदारी दिखाई।
Sarcasm on politics : भूषण (मुस्कुराते हुए) “लेकिन कुछ भी कहो इस बार के परिणाम ने सभी पार्टी को खुश होने का मौका दे दिया, चलो अब हम लोगों को भी अपने पंचायत चुनाव की तैयारी करनी है और मोबाइल भी चार्ज करना है। सही कह रहे हैं भैया इस बार सभे पार्टी खुश हैं और सबसे बड़का बात कि इस बार ईवीएम भी बदनाम होने से बच गई। आश्वस्त भाव से विनोद बेंच से उठते हुए बोला।
विनोद कुमार ‘विक्की’
व्यंग्यकार, बिहार
मो. 7765954969