दुकान में घुसकर दलित समुदाय के पिता- पुत्र व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मारपीट करते हुए जातिगत गाली गलोच कर अपमानित करने के मामले में एससी एसटी न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश पवन कुमार जीनवाल ने पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए 3-3 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 22 हजार 500 रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
SC ST Special Court के विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने बताया कि एक दलित वर्ग के पीड़ित व्यक्ति ने आमेट पुलिस थाने में 12 सितंबर 2018 को रिपोर्ट दी। बताया था कि उस दिन सुबह वह उसके पिता व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दुकान में था, तभी सोडा की भागल, चारभुजा निवासी मांगीलाल, संपत, रमेश, हीरालाल, सतीश, प्रकाश सहित एक दर्जन से ज्यादा लोग हमला सलाहकर लोहे के सरिए, लाठियां लेकर आए। उसकी दुकान में जबरन घुसकर मारपीट शुरू कर दी और दुकान में लूटपाट करते हुए उसे व उसके परिजनों को जातिगत गाली गलोच कर अपमानित भी किया और जान से मारने की धमकी भी दी। इससे वह उसके परिजनों को काफी गंभीर चोटें आई। इस पर पुलिस ने मारपीट व जातिगत अपमानित करने के आरोप में प्रकरण दर्ज कर लिया। पुलिस ने जांच के बाद पांचों आरोपियों के खिलाफ एससीएसटी विशिष्ट न्यायालय राजसमंद में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने 23 गवाह तथा 17 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी मांगीलाल, संपत, प्रकाश, रमेश व हीरालाल को दोषी माना। साथ ही पांचों ही आरोपियों को धारा 143, 323, 341 भादसं तथा धारा 3(1)(s) , 3(2) (Va) एससी / एसटी एक्ट में दोषसिद्ध घोषित कर तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 22 हजार 500 जुर्माने से भी दंडित किया है।
Pocso Court Decision : 13 साल की बालिका से बलात्कार के आरोपी युवक को उम्रकैद की सजा
13 साल की मासूम बालिका को बहला फुसलाने के बाद डरा धमकाकर बलात्कार करने के मामले में पॉक्सो कोर्ट राजसमंद के न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी को 25 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। न्यायालय ने पीड़ित किशोरी के लिए 5 लाख रुपए की सहायता राशि प्रतिकर के रूप में देने के भी आदेश दिए। पूरी खबर देखने के लिए क्लिक करिए…