Jaivardhan News

शर्मनाक! राजसमंद जिले के स्कूलों में पढ़ाई के ऐसे हालात हैं कि आप भी चौंक जाएंगें

school student https://jaivardhannews.com/school-education-situation-in-rajsamand/

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को सुधारने के लाख प्रयास के बावजूद राजसमंद जिले के शिक्षक और शिक्षा महकमा इसमें सुधार नहीं कर पा रहा है। यह गंभीर और शर्मनाक हालात सामने आए हैं। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर द्वारा सितंबर माह की जारी रैंकिंग में राजसमंद जिले में 31वें स्थान रहा है। इससे स्पष्ट है कि पूरे राजस्थान में स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था को लेकर राजसमंद के हालात बहुत ही सोचनीय है। स्कूल शिक्षा परिषद अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक डॉ रश्मि शर्मा ने चिंता व्यक्त करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि आखिर किस जगह क्या कमी या खामी रही है और किस वजह से शैक्षिक हालात ऐसे बने हुए हैं, इसका विश्लेषण करते हुए हैं जल्द सुधार करें। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं बरते और अगले माह में शैक्षिक रैंकिंग में सुधार होना चाहिए।

प्रभारी मंत्री आंजना लगा चुके हैं फटकार

राजस्थान में शैक्षिक रैकिंग में राजसमंद जिला सबसे नीचले पायदान पर रहने को लेकर जिला प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना भी शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं। इसके बावजूद न तो शिक्षा अधिकारियों ने कोई सुधार के ठोस प्रयास किए और न ही प्रशासन गंभीर है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है कि आखिर वे शिक्षण व्यवस्था को क्यों नहीं सुधार पा रहे हैं।

पारदर्शी एवं प्रभावी प्रबंधन का अभाव

जिले में शिक्षण व्यवस्था में सुधार नहीं होने के पीछे नियमित मॉनिटरिंग नहीं होने, कार्मिकों की मनमानी है। क्योंकि लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। साथ ही कई शिक्षकों के गैर शैक्षिक कार्य में ड्यूटी करने और स्कूलों में बिना शिक्षक के ही सत्र बीत रहा है। जब स्कूलों में पढ़ाने वाला ही नहीं होगा, तो फिर स्वाभाविक है कि स्कूल की पढ़ाई व्यवस्था बिगड़ेगी ही।

एसएमसी तथा एसडीएमसी को सजग रहने की महती जरूरत

शिक्षाविद कैलाश सामोता का मानना है कि विद्या, विद्यार्थी एवं विद्यालयों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय विकास समितियों एवं विद्यालय प्रबंधन समितियों को सजग एवं सशक्त करने की जरूरत है। इन समितियों में विद्यालय क्षेत्र के शिक्षित, प्रशिक्षित, हर वर्ग के नागरिकों का प्रतिनिधित्व तय मानकों के आधार परए पारदर्शी रूप से होना चाहिए तथा ब्लॉक, जिला, मंडल, विभाग व प्रदेश के उच्च अधिकारियों का प्रतिमाह प्रभावी निरीक्षण एवं मार्गदर्शन मिलना चाहिए, ताकि शिक्षा क्षेत्र में आ रही कमी खामियों को दुरुस्त किया जा सके।

देखिए PDF फाइल… राज्य सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में हुआ खुलासा, राजस्थान में सबसे नीचले पायदान पर हैं राजसमंद

school-pdf

Exit mobile version