देश व प्रदेश में बिपरजॉय तूफान के बाद लगातार बारिश का दौर जारी है और इस बीच तालाब, बांध व नदी नालों में पानी की आवक बनी हुई है, जिससे कई जगह बाढ़ के हालात भी उत्पन्न हो गए हैं। ऐसे में ओवरफ्लो पानी को लेकर कई जगह विवाद हो रहे हैं और इसी के चलते राजस्थान के नागौर जिले में लूणी नदी पर एक रपट और उसके पानी को लेकर 20 गांवों के ग्रामीण आमने सामने हो गए। विवाद को लेकर उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को उनके दफ्तर में ही ग्रामीणों ने बंधक बना दिया। साथ ही दफ्तर से दस कार्मिकों को भी बाहर नहीं निकलने दिया।
यह पूरा मामला है नागौर जिले के रियांबड़ी उपखंड मुख्यालय क्षेत्र का है। अजमेर क्षेत्र में तेज बारिश के चलते गोविंदगढ़ बांध छलकने पर पानी बहकर लूणी नदी में पहुंच गया, जिसको लेकर ग्रामीणों में विवाद छिड़ गया। विवाद की जड़ लूणी नदी के बीच से गुजरने वाली आलनियावास रोड पर बनी रपट है, जहां पर पानी क्रॉस कर गया है। रियांबड़ी के आस पास क्षेत्र के 20 गांवों के किसान चाहते हैं कि रपट के नीचे बने नाले को खुलवाए, ताकि आगे के किसानों को पानी मिले। जबकि कुछ किसानों ने नाला खोलने की मांग का विरोध किया है। इस कारण दोनों क्षेत्र के ग्रामीण आमने सामने हो गए हैं। नाला खोलने के लिए कुछ किसान उग्र हो गए और दोपहर तीन बजे उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को उनके ही कार्यालय में बंद कर ताला जड़ दिया। फिर समझाइश के बाद आखिर रात 8.30 बजे ताला खोला गया। तब जाकर करीब 5 घंटे बाद दोनों अफसर और विभाग के 10 कार्मिक बाहर निकल पाए।
दो दिन से किसानों का चल रहा था धरना
रपट व पानी के विवाद को लेकर रियांबड़ी क्षेत्र के ग्रामीणों का दो दिन से उपखंड मुख्यालय पर धरना चल रहा था। मांग पूरी नहीं होने से उग्र किसानों ने कार्यालय पहुंच कर अधिकारियों के गेट पर ताला जड़ दिया। दूसरी तरफ आलनियावास के लोग रपट पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ न होने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि रपट टूटने पर रास्ता ही बंद हो सकता है, जिससे लोगों को परेशानी होगी।
रपट और पानी को लेकर एक दूसरे पर आरोप
एक गुट के लोगों का कहना है कि आलनियावास के साथ ही सूरजगढ़, कोड़, सथाना, कालनी, लाडपुरा सहित एक दर्जन से ज्यादा गांव रियांबड़ी से गोविंदगढ़ के बीच बसे हुए हैं। यह सभी रियांबड़ी से गोविंदगढ़ होते हुए जाने वाली सड़क से जुड़े हैं।बारिश की वजह से गोविंदगढ़ में मुख्य सड़क की रपट पर पानी बह रहा है, वहां पुलिया निर्माण की वजह से रास्ता बंद है। अब सिर्फ आलनियावास रपट को क्रॉस करके कोडिया-मोड़ होते हुए आलनियावास का रास्ता बचा है। ऐसे में रियांबड़ी क्षेत्र के लोग इस रपट के नीचे वाले नाले को खुलवाने की कह रहे हैं। इससे रपट टूटने का खतरा है।