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Maharana Pratap का कुंभलगढ़ दुर्ग में जन्म कक्ष बंद रहने का रहस्य, देखिए Video

Maharana Pratap Birth Room https://jaivardhannews.com/secret-of-maharana-prataps-birth-room-being-closed-in-kumbhalgarh-fort/

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

देश के आदर्श व मातृभूमि से पे्रम का संदेश देने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का कुंभलगढ़ दुर्ग के जिस कक्ष में जन्म हुआ, वह कक्ष साल में सिर्फ 1 दिन ही खुलता है। पूरे वर्ष यह कक्ष बंद रहता है। इसके पीछे का रहस्य जानकर भी आप भी चौंक जाएंगे।

चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार व 9 दरवाजों को पार करते हुए कुंभलगढ़ दुर्ग पर बादल महल पर पहुंचा जाता है, जो महाराणा प्रताप का जन्म कक्ष है। यह कक्ष पूर्ण रूप से हवा व प्रकाश विहीन है। लकड़ी का दरवाजा है, जिस पर हमेशा ताला जड़ा रहता है। महाराणा प्रताप जन्म जयंती पर सिर्फ 1 दिन ताला खोला जाता है, उस दिन साफ सफाई करने के बाद पूजा अर्चना की जाती है। इस कक्ष में एक छोटी सी महाराणा प्रताप की तस्वीर टंगी हुई है। ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग महाराणा प्रताप का जन्म स्थल है। यह सब जानते हैं, मगर उनका कक्ष कोई भी आम पर्यटक नहीं देख पाता। क्योंकि उसके द्वार पर पुरातत्व विभाग द्वारा ताला जड़ रख है।

इसलिए वर्षभर नहीं खुलता यह कक्ष

कुंभलगढ़ दुर्ग में आम तौर पर महाराणा प्रताप जन्म कक्ष नहीं खोला जाता। केवल प्रताप जयंती के दिन ही पूजा के लिए खोला जाता है। पुरातत्व विभाग का मानना है कि अगर इस कक्ष को पूरे साल खोल दिया जाए तो कई तरह के पर्यटक ऐसे भी आते हैं जो इस ऐतिहासिक स्थल पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस कक्ष को संरक्षित रखने के लिए पुरातत्व विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है। विभाग का कहना है कि उनके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। नियमित निगरानी नहीं रखी जा सकती है। इसलिए द्वार पर ताला जड़ रखा है।

हवा, पानी व प्रकाश की पहुंच नहीं

महाराणा प्रताप का जन्म कक्ष पूर्ण रूप से हवा, पानी व प्रकाश रहित है। क्योंकि किसी भी तरह का बैक्टीरिया, कीटाणु इस कक्ष में नहीं पहुंचे। इसलिए इसे इस तरह से बनाया हुआ है। हेरिटेज सोसायटी सचिव एवं इतिहासकार कुबेरसिंह सोलंकी ने बताया कि इसी कक्ष के ऊपरी हिस्से में महाराणा प्रताप के पिताजी महाराणा उदयसिंह का कक्ष था, जिसे मर्दाना पैलेस के नाम भी जाना जाता है।

उदयपुर ले गए कुंभलगढ़ के अस्त्र- शस्त्र

सोलंकी का का कहना है कि महाराणा प्रताप और उदयसिंह के अस्त्र शस्त्र को सुरक्षित रखने के लिए उदयपुर के महाराणा फतेहसिंह 100 साल पहले ही लोहे के बख्तर, तीर कमान के साथ कई अस्त्र शस्त्र उदयपुर के सिटी पैलेस ले गए थे, जो आज भी वहां म्यूजियम में रखे हुए हैं, जिन्हें देश विदेश के पर्यटक देखते हैं।

सांसद बोली- खुला रहे प्रताप जन्म कक्ष

जयपुर राजघराने की पूर्व राजकुमारी व राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने कहा कि महाराणा प्रताप के जन्म कक्ष को हमेशा के लिए खुला रखने के लिए प्रयास किए जाएंगे, ताकि आम पर्यटक देख सकें।

दुर्ग परिसर में बने हुए हैं 360 मंदिर

महाराणा प्रताप की जन्मस्थली के अलावा इस दुर्ग में करीब साढ़े 300 मंदिर बने हुए हैं। इनमें 300 जैन मंदिर है, जबकि 60 अन्य मंदिर स्थित है। इस दुर्ग को अजय दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यहां इस दुर्ग पर आक्रमण में कोई भी योद्धा विजय हासिल नहीं कर पाया। वहीं यज्ञ वेदी के पास एक बड़ा शिवलिंग भी है, जहां हर रोज पूजा होती है।

करणी सेना ने दी आंदोलन की चेतावनी

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि प्रताप की जन्म स्थली कुंभलगढ़ दुर्ग के अंदर कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है जिस पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है अगर जल्द ही इसे नहीं हटाया गया तो करनी सेना आंदोलन करेगी।

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