Seed Balls Spraying : राजसमंद शहर में स्थित भवानी मां पहाड़ी पर अधिकाधिक पेड़ पौधे लगाकर हरितिमा कायम करने का जिम्मा बेटियों व महिलाओं ने उठाया है। बेटियों व महिलाओं ने राजसमंद उपखंड अधिकारी अर्चना बुगालिया के सानिध्य में 20 हजार सीड्स बॉल का छिड़काव किया। पूरी पहाड़ी पर सीड्स बॉल का छिड़काव करने के लिए विशेष गुलेल तैयार की गई, जिससे दूर दूर तक बीज का छिड़काव किया जा सकें। कॅरियर संस्थान राजसमंद के बैनर तले बेटियों व महिलाओं ने केन्या में जिस तरह सीड्स बॉल से अधिकाधिक पौधारोपण किया जा रहा है, उसी तर्ज पर राजसमंद में भी सीड्स बॉल का छिड़काव किया गया। इसके लिए संस्थान द्वारा 50 हजार पौधरोपण का लक्ष्य तय किया है।
Rajsamand news today : उपखंड अधिकारी अर्चना बुगालिया ने बताया की प्रकृति के शोषण नहीं दोहन की भावना पर आधारित है वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा है संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छे प्रयास किये जा रहे है। राजसमन्द अभियान प्रभारी मीनल पालीवाल का कहना है की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवन के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान की सफलता से प्रेरित होकर, अन्य संस्थाएं और स्थानीय लोग भी इसमें शामिल होने के लिए उत्साहित हैं, जिससे यह पहल और भी व्यापक और प्रभावशाली बन सके। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस प्रयास में सहयोग करें और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान दें।
Environmental protection : केन्या की तर्ज पर सीड्स बॉल छिड़काव
Environmental protection : राजस्थान में हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इनमें से 90% पौधे सूख जाते हैं। इस समस्या का समाधान खोजते हुए, कॅरियर संस्थान राजसमंद ने केन्या देश से प्रेरणा ली है। संस्थान की महिलाओं ने सीड्स बॉल तकनीक को अपनाकर एक अनूठा तरीका निकाला है। सीड्स बॉल तकनीक में बीजों को मिट्टी और खाद के साथ मिलाकर छोटी-छोटी गेंदें बनाई जाती हैं। इन गेंदों को बनाने में मात्र 2 रुपये का खर्च आता है। इन गेंदों को ऊंचे पहाड़ी इलाकों में आसानी से फेंका जा सकता है। बारिश के मौसम में ये गेंदें मिट्टी की नमी से फट जाती हैं और बीज अंकुरित हो जाते हैं। इस तकनीक के ज़रिए पौधारोपण के खर्च को काफी कम किया जा सकता है।
Plantation : छह साल में हजारों सीड्स बॉल का छिड़काव
Plantation : कॅरियर संस्थान राजसमन्द की पूजा पालीवाल ने बताया कि संस्थान की महिलाओं ने पिछले छह वर्षों से जिले की कई पहाड़ियों पर सीड्स बॉल्स का छिड़काव किया है। इनमें देवगढ़ की सेंड माता पहाड़ी, आमेट सीम माता, मेराथन ऑफ़ मेवाड़ दिवेर, सातपालिया, टॉडगढ़ और भीम घणा बेड़ा माताजी स्थल प्रमुख हैं। इन सभी स्थानों पर किए गए सीड्स बॉल्स के छिड़काव के बेहतरीन परिणाम देखने को मिले हैं। यह अभियान जिले की पहाड़ियों की तस्वीर बदलने में सफल रहा है।
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Seed Balls In Rajsamand : इन बीजों का किया छिड़काव
Seed Balls In Rajsamand : सीड्स बॉल्स के माध्यम से मुख्यतः नीम, पीपल, बबूल, रोहिड़ा, अमलताश, करंज, बड़, शीशम तथा जामुन जैसे वृक्षों के बीजों का छिड़काव किया गया। इन बीजों को उगाने के लिए सीड्स बॉल्स को पहले भिगोकर रखा गया ताकि थोड़ी सी भी नमी मिलते ही ये बीज अंकुरित हो सकें। सीड्स बॉल्स बनाने की प्रक्रिया काफी सरल है। सबसे पहले विभिन्न प्रकार के वृक्षों से बीज एकत्रित किए जाते हैं। फिर उपजाऊ मिट्टी को गोबर या कम्पोस्ट खाद के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर गीला किया जाता है। इस मिश्रण को लड्डू के आकार में गूंदकर बीच में बीज रखा जाता है और फिर इसे अच्छे से बंद कर दिया जाता है। इन लड्डूओं को कुछ दिनों के लिए छाया में सुखाया जाता है ताकि ये मजबूत बन सकें। सुखने के बाद इन्हें पहाड़ों पर छिड़का जाता है।
Sowing Seeds Through Slingshot : ये रहे उपस्थित
Sowing Seeds Through Slingshot : इस अवसर पर कॅरियर संस्थान राजसमन्द सचिव निलेश पालीवाल, उपाध्यक्ष विक्रम सिंह चौहान, भवानी विकास संस्थान सनवाड़ चेतन कुमावत, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण केशव साँचीयर, किशन लाल कुमावत, द्वारका प्रसाद कुमावत, रघुनाथ कुमावत, मनोहर कुमावत, कन्हैयालाल कुमावत, मुकेश बालाजी मार्बल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष किशन गुर्जर, उपाध्यक्ष दिनेश कुमावत, सह प्रभारी रीनू शक्तावत, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पूजा पालीवाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष किरण राज राठौड़, सोना राव, टीना पालीवाल, बिंदिया चौधरी, रागिनी पूर्बिया, पूजा बंग, भारती कुमावत, चंचल पालीवाल, चेतना राठौर खुशी, प्रिया, अंजली कुमावत, रितुराज, खुशी नायक, कंचन प्रजापत, चंचल पालीवाल, मीना जोशी, संजना, डिंपल डिंपल, पायल, खुशी कुमावत, निशा किर, मुस्कान किर मोजूद रही।