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Seed planting in Rajsamand : केन्या की तर्ज पर राजसमन्द में बीजारोपण की मुहिम

Seed planting in Rajsamand : घटते वन और पेड़ों की कमी को दूर करने के लिए सरकारें अपने स्तर कई तरह के प्रयास कर रही है। इसी बीच देवगढ़ क्षेत्र के एक महिला व युवतियों के समूह ने अधिकाधिक पेड़ पौधे लगाकर जंगल की हरितिमा बढ़ाने के लिए केन्या देश की तर्ज पर राजसमन्द में बीजारोपण की अनूठी मुहिम छेड़ी है। इस बार महिलाओं ने 2 आरएएस अधिकारियों के साथ जंगल की दुर्गम पहाड़ियों पर से बीजारोपण का छिड़काव किया, जो आमजन के लिए प्रेरणास्पद पहल है।

Rajsamand news today : देवगढ़ शहर व ग्रामीण क्षेत्र के महिला व युवतियां पिछले 6 साल से जल, जमीन, जंगल व लुप्त होती पक्षियों की प्रजातियों को बचाने के लिए एक समूह यानि संगठन के जरिए एकजुट हो गई है। नेहरु युवा केंद्र कॅरियर महिला मंडल और कॅरियर सेवा संस्थान राजसमंद के बैनर तले युवती व महिलाएं एकजुट हुई। इस बार दो आरएएस यानि उपखंड अधिकारी देवगढ़ संजीव खेदर व भीलवाड़ा जिले के करेड़ा उपखंड अधिकारी बंशीधर योगी भी महिलाओं का हौंसला अफजाई करने खुद जंगल में पहुंच गए। कॅरियर संस्थान अध्यक्ष भावना पालीवाल के साथ दो दर्जन से ज्यादा युवतियां व महिलाएं सीड्स का छिड़काव करने के लिए दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में पहुंची, जहां दोनों ही आरएएस अधिकारी भी पैदल पैदल पगडंडी के रास्ते दुर्गम पहाड़ में पहुंच गए। 800 सीढ़िया चढ़ कर 2500 फीट अरावली की दूसरी सबसे ऊंचे शिखर पर स्थित सेंडमाता मंदिर में माता के दर्शन के बाद पहाड़ी के चारों तरफ जंगल में गुलेल के माध्यम से 10 हजार से अधिक बीज की गेंद का छिड़काव किया गया। कुछ जगह खड्‌डा खोदकर भी सीड्स बॉल की बुवाई की गई। इस कार्यक्रम में 70 वर्षीय समंदर कंवर ने भी सहभागिता निभाते हुए अन्य लोगों को भी प्रेरित किया। 6 साल से लगातार युवती व महिलाओं का समूह बीजारोपण कर रहा है, जिसका नतीजा है कि जंगल में कई नए पौधे अब पेड़ बनने लगे हैं और जंगल की हरितिमा भी बढ़ी है। सीड्स बॉल के द्वारा मुख्य तौर पर नीम, पीपल, बबूल, रोहिडा, अमलताश, करंज, बड़, , शीशम तथा जामुन आदि के बीज का छिड़काव किया जा रहा है। युवती व महिलाओं की इस पहल के बाद लगातार क्षेत्रीय लोग भी इस मुहिम से जुड़ने लगे हैं।

Seed Balls : एक माह में बनाए 50 हजार सीड्स बॉल

Seed Balls : संस्था कोषाध्यक्ष अवंतिका शर्मा ने बताया कि युवती व महिलाओं के समूह ने बरसात से पहले ही एक माह से सीड्स बॉल तैयार की जा रही है। खाद व मिट्‌टी में मिश्रित यह बीज के गोले बारिश के दौरान जंगल में छिड़काव किया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पौधे उग सके। पिछले एक माह में 50 हजार से अधिक सीड्स बॉल तैयार किए जा चुके हैं। पहले ही दिन 10 हजार सीड्स बॉल का जंगल में छिड़काव कर दिया।

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Plantation in rajsamand : बारिश के समय 70 प्रतिशत रहा है सक्सेस रेट

Plantation in rajsamand : सामाजिक कार्यकर्ता भावना पालीवाल ने बताया कि पिछले 6 साल से सीड्स बॉल तकनीक से जंगल में छिड़काव कर रहे हैं। बारिश के समय सक्सेस रेट 70 प्रतिशत से भी ज्यादा रहती है। 2019 में 10 हजार, 2020 में 17 हजार, 2021 में 25 हजार और 2022 में 30 हजार, 2023 में 40 हजार सीड्स बॉल का छिडकाव भीम, देवगढ़, आमेट और कुम्भलगढ़ के जंगल में कर चुके हैं। इस बार 50 हजार से अधिक सीड्स बॉल छिड़काव का लक्ष्य है।

Plantation news Devgarh : ऐसे होता है सीड बॉल

Plantation news Devgarh : सीड बॉल तैयार करने के लिए सबसे पहले बीज एकत्रित करना होगा। उपजाऊ मिट्टी के साथ गोबर या कम्पोस्ट खाद की बराबर मात्रा में मिश्रण तैयार कर गीला किया जाता है। उसे लड्डू के रूप में बनाकर बीचोंबीच बीज डालकर बंद कर दिया जाता है। ऐसे जगह रखकर सुखाया जाता है जहां सूरज की किरण न पहुंच सके। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि धूप की किरण नहीं पडऩे से गीली मिट्टी के बीच में रहने के बाद भी बीज अंकुरित नहीं होता है। सीड बॉल को पूर्ण रूप से सूख जाने पर अपने हिसाब से खाली पड़े स्थानों पर बारिश के मौसम में छोड़ दिया जाता है। मिट्टी जैसे ही गीली होती है बीज अंकुरित हो जाएगा और नए पौधे तैयार हो जाएंगे।

यह है युवती व महिलाओं का समूह

मीनल पालीवाल, देवगढ़ से अवंतिका शर्मा, आमेट प्रभारी भावना सुखवाल, भीम प्रभारी विजय लक्ष्मी धाभाई, रेलमगरा प्रभारी हेमलता पालीवाल, किरण गोस्वामी, अरीना, हंशिका जांगिड, हिमांशी कंसारा, हर्षिता सेन, उर्मिला रत्नावत, ज्योति चुंडावत, संजू चुंडावत, डाली गुर्जर, शिवानी कँवर, प्रिया गहलोत, विष्णु कँवर कृष्णा, किरण, बबिता रावत, दर्शना पालीवाल आदि शामिल है।

सबके लिए प्रेरणास्पद पहल

जिस तरह जंगल कम हो रहे हैं, उस स्थिति जंगल का दायरा बढ़ाने के प्रयास होने जरूरी है। बढ़ती आबादी के चलते जंगलों में शहर बस गए हैं, इससे पेड़-पौधे खत्म हो गए हैं पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की जरूरत है और आज इस मुहिम से जुड़कर अच्छा लगा। सभी के लिए युवतियों व महिलाओं की पहल प्रेरणास्पद है।

संजीव कुमार खेदर, उपखंड अधिकारी देवगढ़

हर शख्स को जुड़ना चाहिए

युवती व महिलाओं के समूह की यह पहल वाकई बेहतरीन है। समाज के हर शख्स को इस मुहिम से जुड़ना चाहिए। सभी मिलकर इस तरह के प्रयास करें, तो निश्चित तौर पर सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। सरकारी स्तर पर बीजारोपण व पौधरोपण के प्रयास किए जा रहे हैं, मगर जनसहभागिता बढ़नी चाहिए।

बंशीधर योगी, उपखंड अधिकारी करेड़ा (भीलवाड़ा)
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