लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
जन जन की आस्था के केन्द्र शिशोदा स्थित श्री क्षेत्रपाल भैरूजी मंदिर के खजाने में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जब से प्रशासन के अधीन मंदिर के चढ़ावे की जिम्मेदारी आई है, तब तक से पिछले डेढ़ दशक में पुजारी व कतिपय ग्रामीणों द्वारा बताए गए हिसाब पर सवाल उठ रहे हैं। इस बार करीब 55 दिन बाद खुले लॉकर से 49 लाख रुपए निकले हैं और अब तक चार करोड़ से ज्यादा रुपए एकत्र हो चुके हैं।
नाथद्वारा उपखंड अधिकारी अभिषेक गोयल द्वारा शिशोदा स्थित श्री क्षेत्रपाल भैरूजी मंदिर में चढ़ावे की राशि की गणना के आदेश जारी किए। इसके तहत नाथद्वारा नायब तहसीलदार अशोक चतुर्वेदी को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया। नायब तहसीलदार चतुर्वेदी के नेतृत्व में दो दर्जन से ज्यादा भू अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी सहित अन्य कार्मिक अल सुबह ही षिषोदा मंदिर पहुंच गए। प्रशासन द्वारा अल सुबह से ही नकद राशि की गणना शुरू की गई, जो शाम तक चली। इसके तहत मंदिर में चढावे के तौर पर 49 लाख 19 हजार 185 रुपए चढ़ावे के आए हैं। गणना पूरी होने के बाद पुलिस व प्रशासनिक सुरक्षा के बीच चढ़ावे की राशि को मंदिर के बैंक खाते में जमा करवा दिया गया।
पिछली बार निकले थे 55 लाख
शिशोदा मंदिर में 11 नवंबर 2022 को लॉकर खोलकर चढ़ावे की राशि गिनी गई थी, तब करीब 50 दिन में 55 लाख रुपए निकले थे। इस बार करीब 55 दिन में 49 लाख 19 हजार 185 रुपए निकले हैं। यह जब से प्रशासन द्वारा लॉकर लगाकर चढ़ावे की राशि अपने अधीन ली, तब से लगातार हर गणना में चढ़ावे की राशि बढ़ रही है, जबकि इस बार कुछ राषि कम जरूर हुई है।
अब तक 4 करोड़ से ज्यादा राशि एकत्र
शिशोदा के श्री क्षेत्रपाल भैरूजी मंदिर में करीब एक वर्ष से मंदिर में चढ़ावा राशि का प्रबंधन उपखंड अधिकारी अभिषेक गोयल के नेतृत्व में गठित समिति के पास है। इसके तहत अब तक करीब 4 करोड़ रुपए एकत्र हो चुके हैं। इसके अलावा मंदिर में तैनात सुरक्षा गार्ड के वेतन और लॉकर सहित अन्य सुविधाओं के लिए कुछ राशि निकाली भी गई है।
ट्रस्ट गठन में विवाद, मामला लंबित
शिशोदा में स्थित श्री क्षेत्रपाल भैरूजी मंदिर ट्रस्ट गठन को लेकर ग्रामीणों के दो गुट आमने सामने हो गए। इसमें एक पक्ष पुजारी विजयसिंह के समर्थन में है, जबकि दूसरा पक्ष पुजारी विजयसिंह के विरोध में है। इसी वजह से गांव के लोगों ने ट्रस्ट गठन के लिए दो अलग अलग आवेदन देवस्थान विभाग में किए, जहां दोनों ही प्रकरण विचाराधीन है। ऐसे में तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के लिए उपखंड अधिकारी नाथद्वारा की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा मंदिर का संचालन किया जा रहा है।
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