Son Murdered His Father : हर घर परिवार में कहासुनी और लड़ाई झगड़ा होना आम बात है, लेकिन पिता की एक बात को लेकर बेटा इतना उग्र हो गया कि कुल्हाड़ी से सिर पर एक के बाद एक कर तीन वार किए, जिससे पिता उसी जगह ढेर हो गए। पिता बार बार यही समझाता रहा कि झगड़ा मत कर, लेकिन शराब के नशे में धूत बेटे ने बगैर कुछ सोचे समझे कुल्हाड़ी से वार कर पिता को मार डाला। यह घटना राजस्थान में बारां जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र में महरावता रुंडी गांव की है।
Baran Police : बांरा जिले में किशनगंज थाना प्रभारी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि महरावता रुंडी गांव निवासी रामस्वरूप शहरिया (55) घर पर था। तभी उसका बेटा रामसिंह (35) शराब के नशे में धूत होकर घर पहुंचा और पिता से गाली गलौज करते हुए लड़ाइ झगड़ा करने लग गया। लेनदेन की बात को लेकर पिता व बेटे में कहासुनी हो गई थी। इसी बात को लेकर बेटा शराब के नशे में पिता को बार बार कोसता रहा और गाली गलोच करता रहा, लेकिन पिता बार बार शांति बनाए रखने के लिए समझाइश करता रहा। विवाद बढ़ने पर उसने कुल्हाड़ी से पिता रामस्वरूप के सिर पर धड़ाधड़ा दो तीन बार वार कर दिए, जिससे पिता की उसी जगह मौत हो गई। पिता-पुत्र दोनों खेती कर घर परिवार का गुजारा चला रहे थे।
Murder FIR : मां की रिपोर्ट पर पुलिस ने दर्ज की FIR
Murder FIR : थाना प्रभारी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि वारदात के समय आरोपी की मां गिरजावती घर पर थी। वारदात के बाद गिरजावती थाने पहुंची और पूरा घटनाक्रम बताया। उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही साक्ष्य एकत्रित करने के लिए फोरेंसिक और एमओबी टीम भी मौके पर पहुंची। साथ ही गिरजावती की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन तहकीकात शुरू कर दी गई।
Rajasthan police : आरोपी पुलिस हिरासत में
Rajasthan police : महरावता रुंडी गांव बेटे द्वारा पिता की हत्या की घटना के बाद सोमवार को एसपी राजकुमार चौधरी व डीएसपी ओमेंद्र सिंह ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। साथ ही पुलिस अधिकारियों से घटना की जानकारी लेते हुए कार्रवाई के लिए खास निर्देश दिए। पुलिस ने हत्या करने के आरोपी बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
Crime News : ऐसे हालात भविष्य के लिए चिंता का विषय
Crime News : बेटे ने अपने ही पिता की हत्या कर दी, जो सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि परिवारों में आपसी प्रेम और समझदारी की जगह हिंसा और कटुता ने ले ली है। इस तरह की घटनाओं के कारण और उनके संभावित समाधान पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि इस सामाजिक समस्या का समाधान खोजा जा सके। परिवारों में आजकल संवाद की कमी बढ़ती जा रही है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में परिवार के सदस्य एक-दूसरे से खुलकर बात नहीं कर पाते, अपनी भावनाएँ और विचार व्यक्त नहीं कर पाते। इसकी वजह से छोटे-छोटे मुद्दे धीरे-धीरे बड़े विवाद का रूप ले लेते हैं। साथ ही आजकल नई पीढ़ी में पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों का अभाव दिखाई दे रहा है। बच्चों को अगर सही दिशा और जीवन के संस्कार नहीं दिए जाते, तो वे आसानी से हिंसा और गलत व्यवहार की ओर आकर्षित हो सकते हैं। माता-पिता का नैतिक मूल्य बच्चों पर गहरा प्रभाव डालता है और जब यह मूल्य कमजोर होते हैं, तो हिंसा और क्रोध के प्रवृत्ति बढ़ती है। परिवार समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है और जब इसमें अस्थिरता आती है, तो समाज पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। यह केवल पीड़ा और दुःख को जन्म देती है। परिवार के सदस्यों को समझदारी, सहनशीलता, और संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए। प्यार, विश्वास, और सामंजस्य से भरे रिश्ते ही परिवार को मजबूत बना सकते हैं। अतः यह आवश्यक है कि समाज में ऐसे प्रयास किए जाएं जो परिवारों में शांति और समृद्धि को बढ़ावा दें, ताकि इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जा सके।