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मर्डर के 15 दिन पहले भी बदमाशों ने की थी रेकी, फिर हरियाणा से शूटर बुलाया

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श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे सामने आ रहे हैं। गोगामेड़ी के मर्डर के दौरान बदमाशों की जैकेट पर कई जगह पर खून लग गया था। अजमेर रोड की तरफ भागते समय बदमाशों ने जैकेट बदल ली थी और खून लगी जैकेट सुनसान जगह पर फेंक दी थी।

रिमांड में नितिन फौजी ने पुलिस को बताया कि गोगामेड़ी की हत्या के दौरान उसकी जैकेट पर खून लग गया था। मर्डर के बाद वह रामवीर के साथ बाइक पर अजमेर रोड पर बगरू टोल प्लाजा की तरफ भागे थे। इस दौरान टोल से पहले सुनसान जगह पर खून से सनी जैकेट फेंक दी थी।

पुलिस ने मौके पर जाकर नितिन फौजी और रोहित दोनों की जैकेट को मुख्य रोड के पास से बरामद कर ली और खून के सैंपल लेकर एफएसएल को भेज दिए हैं।

मर्डर के 15 दिन पहले भी नवीन और रोहित ने की थी रेकी


पुलिस जांच में सामने आया कि गोगामेड़ी के मर्डर से करीब 15 दिन पहले नवीन सिंह शेखावत और रोहित राठौड़ ने रेकी की थी। उसके बाद गोगामेड़ी चुनावों के चलते जयपुर से बाहर चले गए थे। इस दौरान मास्टरमाइंड ने हरियाणा से नितिन फौजी को जयपुर भेज दिया।

हथियार सप्लायर महेंद्र पर 2 लाख का इनाम घोषित

उधर, गोगामेड़ी को मारने वाले शूटरों के जयपुर में रुकने की व्यवस्था करने वाले और हथियार उपलब्ध कराने वाले महेंद्र उर्फ समीर पर पुलिस मुख्यालय से एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। 5 दिसंबर को गोगामेड़ी की हत्या के बाद महेंद्र हथियारों का शूटरों के हथियार लेकर महेंद्र उर्फ समीर फरार हो गया था और अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है।

पुलिस को अंदेशा है कि फरार चल रहे महेंद्र निवासी गुमानपुरा (कोटा) के पास एके-47 और करीब आधा दर्जन छोटे ऑटोमेटिक हथियारों का जखीरा है, क्योंकि पुलिस को महेंद्र के फ्लैट की तलाशी के दौरान कई अहम सुराग मिले हैं। महेंद्र की पत्नी पूजा सैनी को 2 दिन पहले पकड़ पुलिस ने पकड़ा था। उससे पूछताछ में भी पुलिस को कई लीड मिली है। फ्लैट से मिले महेंद्र के मोबाइल से भी पुलिस को कई जानकारी मिली है। पूजा के पास से पुलिस को एक फोटो मिली हैं, जिसमें उसके फ्लैट पर एके-47 रखी हुई है। यह एके-47 राजू ठेहट हत्याकांड के लिए मंगवाई गई थी।

हत्याकांड से जुड़ी केस फाइल

जयपुर पुलिस की एसआईटी ने बुधवार को इस हत्याकांड से जुड़ी केस फाइल और पकड़े गए आरोपी एनआईए को सौंप दिए। केंद्रीय गृह विभाग से अनुमति मिलने के बाद एनआईए ने इस संबंध में केस दर्ज कर लिया था। इस कारण से अब एनआईए इस हत्याकांड के आरोपियों और हथियार तस्करों को पकड़ने पर काम करेगी। जयपुर पुलिस आवश्यकता होने पर एनआईए की मदद करेगी। एनआईए को जांच इस लिए दी गई है कि पता चल सके कि हत्या किसने कराई और इस हत्या से किसे फायदा हो रहा था।

5 दिसंबर को दोपहर करीब 1:03 बजे 2 बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले थे। गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम के इंस्पेक्टर राकेश शर्मा ने बताया- पकड़े गए दोनों शूटर्स हरियाणा के महेंद्रगढ़ का नितिन फौजी और राजस्थान में नागौर जिले के रोहित राठौड़ हत्याकांड के बाद गैंगस्टर रोहित गोदारा के टच में थे। वहीं, इनके हैंडलर वीरेंद्र चारण ने इनको लॉजिस्टिक, हथियार और रुपए तक मुहैया कराए थे। कहां भागना है, कैसे भागना है, इसका पूरा डायरेक्शन रोहित गोदारा से मिल रहा था। आनंदपाल एनकाउंटर के बाद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने ही पूरे आंदोलन की अगुआई की थी, लेकिन इसके बाद से बदली परिस्थितियों में उन पर रुपए लेने के कई आरोप लगे। इसके साथ उसकी लॉरेंस गैंग के साथ अनबन शुरू हो गई थी। इस बात का खुलासा दोनों शूटर्स ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से किया है। हालांकि अभी पूरा खुलासा जयपुर पुलिस के पूछताछ करने के बाद ही होगा।

रोहित की थी गोगामेड़ी से दुश्मनी

एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि रोहित राठौड़ की गोगामेड़ी से निजी दुश्मनी थी। इसी के चलते वह गोगामेड़ी के मर्डर के लिए तैयार हो गया था। 7 साल पहले जयपुर के वैशाली नगर थाने में रोहित पर राजपूत समाज की एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में नाबालिग के पिता की मदद गोगामेड़ी ने ही की थी। रोहित को इस मामले में जेल काटनी पड़ी थी। इस केस के सिलसिले में उस पर घरवालों को काफी पैसे खर्च करने पड़े थे। साथ ही बहन की शादी के लिए उसका जयपुर स्थित मकान गिरवी तक रखना पड़ा था। इसी कारण से वह गोगामेड़ी को अपना दुश्मन मानता था।

जयपुर जेल में रहने के दौरान ही रोहित राठौड़ की जान-पहचान लॉरेंस गैंग के वीरेंद्र चारण से हो गई थी। उसी ने रोहित को इस हत्याकांड के लिए तैयार किया था। गोगामेड़ी की हत्या करने के बाद दोनों शूटर्स अपने साथी रामवीर के साथ उसकी बाइक पर बगरू टोल तक पहुंचे थे। जहां से नितिन फौजी और रोहित राठौड़ बस से डीडवाना पहुंचे। डीडवाना से दोनों ने टैक्सी ली और सुजानगढ़ पहुंचे। सुजानगढ़ से दिल्ली की बस में बैठकर रवाना हुए, लेकिन दोनों धारूहेड़ा पर ही बस से उतर गए। पीछे-पीछे पुलिस चल रही थी। पुलिस ने जब बस ड्राइवर से इन दोनों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि दोनों धारूहेड़ा उतरे हैं। इसके बाद पुलिस ने हरियाणा जाने वाली बस-ट्रेनों को सर्च किया।

पुलिस को दोनों बदमाश की लोकेशन हिसार रेलवे स्टेशन पर मिली। जिसमें दोनों शूटर्स हिसार रेलवे स्टेशन के एस्केलेटर ब्रिज पर जाते हुए दिख रहे हैं। यहां के सीसीटीवी फुटेज आने पर दोनों की तलाश में टीमें हिसार भेजी गईं, लेकिन ये बदमाश वहां से भी मनाली (हिमाचल प्रदेश) के लिए निकल गए।

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