अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ने के साथ अब 16 जून को राजस्थान में भी कहर बरपा सकता है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद राजसमंद जिले में भी जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना के साथ सभी महकमों के अधिकारी, कार्मिक भी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। 16, 17 व 18 जून को राजसमंद जिले में भारी बारिश, आंधी व तूफान का खतरा है। ऐसे में आमजन को सतर्क व सावधान किया जा रहा है। इसके तहत भारी तबाही मच सकती है। ऐसे में प्रशासन द्वारा आमजन को अलर्ट किया जा रहा है कि वे पूर्ण रूप से सावधानी बरतें, वरना जरा सी लापरवाही आम लोगों के लिए खतरनाक हालात उत्पन्न कर सकते हैं।
तूफान के 15 जून तक गुजरात के तट तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। इस तूफान के पहुचंने से पहले बुधवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुजरात के कच्छ में भूकंप से धरती कांपी। इससे लोगों में दोहरी दहशत घर कर गई। गुजरात के भुज और कच्छ क्षेत्र में भूकंप आया है। भूकंप की तीव्रता 3.3 रही। इससे पहले जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तूफान की तबाही को देखते हुए गुजरात के बाद राजस्थान में भी गहलोत सरकार अलर्ट हो गई है और इसी के तहत राजसमंद जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने पूरे प्रशासन व विभागीय अधिकारियों व कार्मिकों को सक्रिय कर दिया है। साथ ही आमजन के लिए एक चेतावनी जारी की है, जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही बरती गई, तो खुद के साथ अन्य लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो गया है। इसलिए सभी लोगों को सतर्क व सावधान रहने की खास जरूरत है। खास तौर से मवेशियों के लिए भी टीनशेड, छप्पन आंधी व तूफान में उड़ सकते हैं। इसलिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
जिला कलक्टर ने बुलाई अफसरों की आपात बैठक
राजसमंद में आंधी व तूफान की एडवाइजरी जारी होने के बाद कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने आपात बैठक बुलाई। सभी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के कार्मिकों को खास निर्देश दिए गए। इसको लेकर सभी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया और अवकाश पर जाने से भी रोक दिया है।
संभावित खतरे को लेकर एसडीएम अलर्ट
आंधी तूफान के आपातकाल को देखते हुए जिला कलक्टर ने सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, डॉक्टर, नगरी निकाय विभाग, पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी, जेवीवीएनएल व पुलिस को अलर्ट कर दिया है। किसी भी जगह कोई खतरे या जनहानि की सूचना मिले है, तो तत्काल सभी महकमों के अधिकारी व कार्मिकों को तत्काल आवश्यक इंतजाम करने हैं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतें।
राजस्थान तूफान 16 जून को पहुंचेगा, भारी बारिश भी होगी
राजस्थान से यह तूफान 16 जून को दोपहर तक प्रवेश करेगा। 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। अगले 6-12 घंटे में यह चक्रवात कमजोर होगा। मौसम विभाग ने 16 तारीख को भारी बारिश की संभावना जताई है। 17 जून को भी भारी बारिश की संभावना रहेगी, लेकिन 18 जून को बारिश कम होने की संभावना है। आंधी तूफान के साथ ओले भी गिर सकते हैं और भारी बारिश का खतरा है।
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गुजरात में मिंधोला नदी का पुल टूटा, 15 गांव प्रभावित
गुजरात के तापी के व्यारा तहसील के मायपुर व देगामा गांव को जोड़ने वाली सड़क पर मिंधोला नदी पर पुल टूटा। पुल के टूटने से करीब 15 गांव प्रभावित हो गए हैं। इंजीनियर नीरव राठौड़ ने बताया कि पुल के निर्माण का कार्य 2021 में शुरू हुआ था, जिसकी लागत 2 करोड़ रुपए है। एक्सपर्ट द्वारा जांच कराकर पुल के टूटने का कारण पता लगाया जाएगा।
कलक्टर की चेतावनी- देखिए यह ख्याल जरूरी
- तेज आंधी अंधड़ व मेघ गर्जन के दौरान आमजन से घरों के अन्दर रहें
- बड़े पेड़ों के नीचे खड़े ना हो
- कच्ची दीवारों के पास खड़े नहीं हो
- पशुओं को पेड़ से नहीं बांधने हैं
- घर में बिजली के उपकरणों का संपर्क हटा दें
- बिजली के खंभों के पास व नीचे दुपहिया व चार दुपहिया वाहन खड़ा नहीं करें
- घरों में टीन शेड है उनके गेट बंद रखें
- बड़े होर्डिंग्स लगे स्थानों से दूर रहें
- बिजली के पोल, तारों व ट्रांसफार्मर से पर्याप्त दूरी बनाए रखें
- अंधड़ के दौरान खुले मैदान में होने पर नीचे लेट जाएं
- आंधी या तूफान आने के समय, किसी भी ऐसी इमारत के पास खडें न हों, जो अत्यधिक पुरानी और जर्जर है।
- ऐसे स्थान का चयन करें जहां मजबूत दीवार हो, उसके पीछे छुपना अधिक सुरक्षित रहेगा।
- यदि आप रास्ते में हैं और तूफान आता है और कहीं छुपने की जगह नहीं मिलती है, तो जिधर से आंधी आ रही है, उसी दिशा में झुककर खडे हो जाएं।
- भूलकर भी छत पर न चढें। तूफान की तीव्रता से गिर सकते हैं। यदि तूफान तेज है, तो खुली जमीन पर लेट सकते हैं।
- यदि तूफान आने के समय आप गाड़ी चला रहे हैं, तो विशेष सावधानी की जरूरत है। आप अपनी गाड़ी सुरक्षित स्थान पर खडी कर लें, धूल भरे तूफान से सडक पर दिखना बंद हो जाता है, जिससे सड़क दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
- ऐसी जगह जो संकरी होती है, वहां पर तूफान का प्रभाव कम रहता है, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें, कि वहां इमारतें जर्जर न हों।
- तूफान आने पर चेहरे और आंखों को ढककर रखें। धूल भरी आंधी से स्किन इंफेक्शन या रैश हो सकते हैं।
- खिड़कियों और दरवाजों के अच्छी तरह बंद करने के बाद इनके आसपास कोई भारी सामान रख दीजिए। ऐसा करने से तेज हवा आने पर झटका लगने से खिड़की-दरवाजे नहीं खुलेंगे।
- अगर खिड़की-दरवाजे कांच के हैं तो मोटे पर्दे से उन्हें कवर कर दें। ऐसा करने से कांच टूटने पर सीधे कमरे के अंदर नहीं आएंगे।
- किसी भी तरह के धातु या बिजली के सामान को न छुएं।
- अगर आप गाड़ी के अंदर हैं तो ऐसी जगह गाड़ी पार्क करें जहां किसी उड़ती हुई चीज के आने का खतरा न हो।
- तूफान के वक्त गाड़ी के अंदर रेडियो न चलाएं। ऐसा करने से आप आसमानी बिजली की चपेट में आ सकते हैं।
- तूफान के वक्त नहाने से बचना चाहिए। याद रखिए कि पानी में करंट सबसे तेजी से फैलता है।आंधी-तूफान जैसी स्थितियों से बचने का सबसे बेहतर विकल्प होता है कि आप इस दौरान अपने घरों से बाहर न निकलें। अगर ऑफिस में हैं तो बारिश के बंद होने का इंतजार करें। वहीं, घर पर अपने पास टॉर्च, मोमबत्ती, माचिस और खाने-पीने का सामान रखें।