Strange Incident : जैसलमेर के मोहनगढ़ इलाके में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान हुए हादसे ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। शनिवार सुबह यहां विक्रम सिंह के खेत में बोरवेल की खुदाई चल रही थी, जब अचानक जमीन फट गई। 850 फीट गहरी खुदाई के बाद तेज प्रेशर से पानी और गैस निकलने लगी, जिसके चलते 22 टन वजनी बोरवेल मशीन ट्रक समेत जमीन में समा गया।
शनिवार सुबह करीब 10 बजे मोहनगढ़ के चक 27 बीडी के तीन जोरा माइनर के पास बोरवेल की खुदाई शुरू हुई। खुदाई के दौरान 850 फीट गहराई पर अचानक जमीन से तेज प्रेशर के साथ पानी निकलने लगा। पानी की धारा इतनी तेज थी कि वह जमीन से 4 फीट ऊपर तक उठकर गिर रही थी। इसके कारण वहां एक बड़ा गड्ढा बन गया और खुदाई कर रही भारी-भरकम मशीन ट्रक समेत उसमें समा गई। घटना के बाद वहां मौजूद मजदूर और ग्रामीण दहशत में आकर मौके से दूर भाग गए। पानी का बहाव इतना तेज था कि आसपास के खेतों में भी पानी भरने लगा और चारों तरफ कीचड़ फैल गया।
Ground Collasped in Barmer : गैस के रिसाव का डर
Ground Collasped in Barmer : घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और भू-जल विभाग को सूचित किया गया। ओएनजीसी (ONGC) के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बोरवेल से निकल रही गैस की जांच की। मोहनगढ़ के उप तहसीलदार ललित चारण ने बताया कि गैस सामान्य है और ना तो यह जहरीली है और ना ही ज्वलनशील। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
Barmer Boring Incident : पानी और गैस के बहाव से बना तालाब
Barmer Boring Incident : घटना के बाद से लगातार 26 घंटे तक पानी और गैस का बहाव जारी है। खेत में चारों ओर पानी और कीचड़ जमा हो गया है, जिससे खेत तालाब में बदल गया है। पानी का बहाव इतना अधिक है कि यह 8-10 फीट की ऊंचाई तक उठ रहा है। भू-जल वैज्ञानिकों ने इसे “आरटेसियन कंडीशन” कहा है।
Ground Torn During Boring : आरटेसियन कंडीशन: वैज्ञानिक दृष्टिकोण
Ground Torn During Boring : भू-जल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास इणखिया ने बताया कि इस इलाके में जल परत मोटी सैंड स्टोन और चिकनी मिट्टी की भू-वैज्ञानिक परतों के नीचे दबा हुआ है। जैसे ही लगभग 200 मीटर मोटी इस परत को पंचर किया गया, दबाव के कारण पानी और गैस बाहर आने लगे। इस तरह की स्थिति मोहनगढ़ और नाचना पंचायत समिति के कई हिस्सों में पहले भी देखी जा चुकी है।
मीठे पानी की तलाश में बड़ा हादसा
विक्रम सिंह के 32 बीघा खेत में लगी जीरे की फसल को सींचने के लिए मीठे पानी की तलाश में एक बोरवेल खोदा जा रहा था। पहले से मौजूद दो बोरवेलों में खारा पानी होने के कारण मीठे पानी की जरूरत थी। करीब एक हफ्ते की खुदाई के बाद 850 फीट की गहराई पर मीठा पानी मिलने की उम्मीद थी। लेकिन जैसे ही मीठा पानी मिला, अचानक पानी का बहाव बहुत तेज हो गया और एक बड़ा गड्ढा बन गया। इस हादसे में खुदाई वाली मशीन और ट्रक पानी में समा गए। इतनी बड़ी मात्रा में पानी आने से खेत में लगी जीरे की फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो गई।
Mahangarh Borewell News : प्रशासन की चुनौती और समाधान की कोशिशें
Mahangarh Borewell News : घटना के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आसपास के 500 मीटर क्षेत्र को खाली करवा दिया। हालांकि पानी और गैस के बहाव को रोकने के प्रयास अब भी जारी हैं। इस काम के लिए प्रशासन ने बाड़मेर स्थित केयर्न एनर्जी (वेदांता) की टीम से संपर्क किया है। उप तहसीलदार ललित चारण ने बताया कि केयर्न एनर्जी की टीम जल्द ही मौके पर पहुंचेगी और पानी का बहाव कम करने और बोरवेल को बंद करने के लिए कदम उठाएगी।
स्थानीय लोगों की चिंता और प्रतिक्रिया
ग्रामीण इस घटना से परेशान और चिंतित हैं। खेत में जमा पानी और कीचड़ ने उनकी फसल और जमीन को नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा, इस घटना से आसपास के अन्य किसानों में भी डर है कि उनके क्षेत्रों में ऐसी स्थिति न पैदा हो। प्रशासन ने लोगों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही हालात सामान्य कर दिए जाएंगे।
अस्थायी पुलिस चौकी की स्थापति
उप तहसीलदार ललित चारण ने बताया कि बोरवेल से गैस निकलने के कारण पानी जमीन से लगभग 4 फीट ऊपर उछलकर गिर रहा है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि यदि फंसे हुए ट्रक को हटाने की कोशिश की गई, तो गैस का रिसाव और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आसपास के क्षेत्र को खाली करवा दिया है। सुरक्षा के मद्देनजर मौके पर एक अस्थायी पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है ताकि किसी भी अनहोनी घटना को रोका जा सके।