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लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रखा है, तो बाइक या कार लेकर जयपुर- दिल्ली जा सकते हैं क्या, लाइसेंस होने के बावजूद पुलिस क्यों काटती है चालान, बाइक- कार से एक्सीडेंट हो जाए, तो सबसे पहले क्या करना चाहिए ?, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए क्या दस्तावेज चाहिए और कतिपय ई मित्र संचालक घर बैठे ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का दावा करते हैं, जो सही है ?

कुछ इसी तरह के रोचक सवाल अंशुल फूलीबाई बोहरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केलवा के छात्र छात्राओं ने परिवहन निरीक्षक अनिता से किए। सनसाइन इंस्टीट्यूट की पहल पर आयोजित सड़क सुरक्षा व नकल मुक्ति अभियान कार्यशाला में परिवहन निरीक्षक अनिता ने कहा कि अगर हर वाहन चालक यातायात नियमों की पूर्ण पालना कर लें, तो कई हद तक सड़क दुर्घटनाएं कम हो सकती है। अनिता ने कहा कि देश में जितने भी हादसे हो रहे हैं, ज्यादातर में हादसे का कारण वाहन की तेज रफ्तार व यातायात नियमों की अवहेलना ही पाई जाती है। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया के सवाल पर परिवहन निरीक्षक अनिता ने बताया कि खुद के मोबाइल से या ई मित्र केन्द्र पर जाकर लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए जिला परिवहन विभाग के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है। लर्निंग लाइसेंस बनने के एक माह की समयावधि के बाद वाहन चलाना सीख जाए, तब मूल ड्राइविंग लाइसें बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर परिवहन कार्यालय में डिजिटल परीक्षा देने के लिए दिन तय करना होता है। उसके बाद जो दिन तय किया गया है, उसी दिन परिवहन कार्यालय पहुंचना है, जो पर यातायात नियमों से संबंधित कम्प्यूटर पर ऑटोमेटिक प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका सही जवाब दिए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए योग्य मानते हैं। साथ ही ड्राइविंग टेस्ट भी होता है और परिवहन निरीक्षक द्वारा उत्तीर्ण करने पर ड्राइविंग लाइसेंस बनता है और फिर डाक के जरिए आपके पते पर आता है।

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथ परिवहन निरीक्षक अनिता थी, जबकि विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी शिवकुमार व्यास थे। अध्यक्षता प्रधानाचार्य मांगीलाल तेली ने की। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता भगवतीलाल दवे ने किया। अंत में आभार व्याख्याता अखिल नागदा ने व्यक्त किया। इससे पहले अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी व्यास ने सभी छात्र छात्राओं को स्कूल- कॉलेज व प्रतियाेगी परीक्षाओं में नकल नहीं करने की शपथ दिलाई। इस दौरान उप प्रधानाचार्य भगवतसिंह राठौड़, प्रकाश गुर्जर, प्रकाश झाला, बसंत जीनगर, कल्पना शर्मा सहित कई छात्र छात्राएं मौजूद थे।

आधार कार्ड से बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

परिवहन निरीक्षक अनिता ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मूल निवासी का पता व जन्म तारीख वाले दो दस्तावेज चाहिए है। आधार कार्ड सबसे बेस्ट दस्तावेज है, जिसमें पता भी होता है और जन्म तारीख भी अंकित होती है। इसके अलावा जन्म तारीख के लिए जन्म प्रमाण पत्र के अलावा किसी भी कक्षा की अंकतालिका की प्रतिलिपि दी जा सकती है। आधार कार्ड न होने की स्थिति मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड की प्रति भी दी जा सकती है।

चुटकुले व कहानियों से छात्रों किया प्रोत्साहित

अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी शिव कुमार व्यास ने प्रेरक चुटकुले सुनाकर व कहानियों के माध्यम से छात्र छात्राओं को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया और भविष्य में कॅरियर को लेकर मार्गदर्शन भी प्रदान किया। व्यास ने कहा कि संघर्ष ही सफलता का दूसरा नाम है। जो संघर्ष करेगा, प्रयास करेगा, वह जरूर सफल होगा। अगर कोई प्रयास ही नहीं करेंगे, तो सफल होना नामुमकिन है। कठिन विषय व मुश्किल टॉपिक को आसान कैसे बनाएं एवं परीक्षा की तैयारी किस तरह से करनी चाहिए, उस पर भी व्यास ने मार्गदर्शन प्रदान किया।