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Sudarshan Singh Rawat : लोकसभा चुनाव को लेकर राजसमंद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुदर्शनसिंह रावत के चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया। रावत ने कांग्रेस कमेटी प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा को पत्र लिखकर चुनाव न लड़ पाने की असमर्थता व्यक्त की है। सुदर्शन ने पिछले 5 वर्षों में कराए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा कि देश की आजादी के 70 वर्षों के इतिहास में सर्वाधिक विकास कार्य वर्ष 2018 से 2023 तक की 5 साल की समयाविध में कराए, मगर फथ्र भी मेवाड़ के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने वाले धटनाक्रम के कारण परिणाम अनुकूल नहीं रहे और पराजय का सामना करना पड़ा। इस तरह पूर्व विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने पिछली हार का जिक्र करते हुए कई विकास कार्य करवाने के बावजूद जन समर्थन नहीं मिलने का दु:ख भी व्यक्त किया। इस तरह Lok Sabha Chunav को लेकर सवाल उठा है कि अब राजसमंद सीट से कांग्रेस का नया चेहरा कौन होगा ? दूसरी तरफ BJP प्रत्याशी Mahima Kumari ने चुनावी जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है।

Lok Sabha Rajsamand में कांग्रेस द्वारा सुदर्शनसिंह रावत को प्रत्याशी घोषित किया, जबकि BJP द्वारा Mahima Kumari को प्रत्याशी बनाया गया था। प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही महिमा कुमारी ने चित्तौड़गढ़ में बायण माता मंदिर में विशेष पूजा अर्चना व अनुष्ठान के बाद बुधवार को कैलाशपुरी में एकलिंगजी, नाथद्वारा में श्रीनाथजी, गढ़बोर में चारभुजानाथ, सैवंत्री में रूपनारायण भगवान और राजसमंद में श्री द्वारकाधीश के दर्शन करन चुनावी जनसंपर्क शुरू कर दिया। दूसरी तरफ प्रत्याशी की घोषणा के बाद से ही सुदर्शन सिंह रावत मोबाइल स्वीच कर साइलेंट हो गए। तब से सस्पेंस बढ़ गया कि आखिर Sudarshan Singh Rawat चुनाव लड़ेंगे या नहीं। क्योंकि इसको लेकर न तो सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट की गई और न ही मीडिया के सामने आए। दो दिन से सस्पेंस बना हुआ था और बुधवार अपराह्न 3 बजे बाद रावत द्वारा कांग्रेस कमेटी केू प्रदेशाध्यक्ष गोविदसिंह डोटासरा को भेजा पत्र वायरल हो गया। साथ ही न्यूज चैनल में भी सुदर्शन सिंह रावत के चुनाव नहीं लड़ने की बात सामने आ गई। इस तरह राजसमंद लोकसभा सीट से अब सुदर्शनसिंह रावत की जगह कौन नया चेहरा होगा, यह देखने वाली बात होगी। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी से लेकर केन्द्रीय नेतृत्व में नए चेहरे को लेकर चिंतन, मनन व मंथन शुरू कर दिया गया है। बुधवार शाम को नई दिल्ली में कांग्रेस की केन्द्रीय बैठक है, जिसमें राजसमंद लोकसभा सीट से नए चेहरे पर मुहर लग सकती है और गुरुवार तक घोषणा भी संभव है। हालांकि फिलहाल केन्द्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेश स्तरीय नेताओं द्वारा भी सुदर्शन सिंह रावत से संपर्क करते हुए उन्हें मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सुदर्शन सिंह रावत ने चुनाव नहीं लड़ने का खुला ऐलान कर दिया है।

सुदर्शन की पिछली हार की दु:खद अभिव्यक्ति

Sudarshan Singh Rawat ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को भेजे पत्र में लिखा कि 2018-2023 तक का उनका कार्यकाल भीम देवगढ़ के विकास के मायने में ऐतिहासिक रहा। हमने रात दिन एक करके कोरोना काल से लोहा लेने के बाद आजाद भारत के 70 वर्षों के इतिहास में जो कार्य नहीं हुए उन्हें क्रियान्वित किया। दो नवीन उपतहसील, उपजिला चिकित्सालय, भीम में नगर पालिका, स्कूलों का क्रमोनयन, स्डेडियम कॉलेजों में साइन्स एवं पीजी, भीम में महिला महाविधालय, दो ITI पुलिस थाना, गाँव-गाँव में डामरीकरण सड़के एवं पेयजल, पाईपलाइनें, पदयात्रा कर बन्द पड़े हाइवे का पुनः निर्माण एवं सबसे महत्वाकांशी चम्बल पेयजल योजना को धरातल पर लाकर जनता की प्यास बुझाने के सपने को साकार किया। इन सबके उपरान्त गत विधानसभा चुनाव 2023 में पूर्व मेवाड़ के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने वाले घटनाक्रमों के कारण परिणाम अनुकूल नहीं रहे। हमें पराजय का सामना करना पड़ा। हमने जनता के जनादेश को स्वीकार किया। इस तरह सुदर्शनसिंह रावत ने भीम विधानसभा में कराए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम को लेकर अफसोस और दु:ख व्यक्त किया है। हालांकि जनता जनादेश को स्वीकारना भी बताया, मगर दु:खी मन की बात भी सामने रख दी है।

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मेवाड़ के शीर्ष नेता पर अंधेरे में रखने का जिक्र

सुदर्शनसिंह रावत ने पत्र में लिखा कि तत्पश्चात विगत एक माह में लोकसभा चुनाव की रायशुमारी व चर्चा के दौरान मेंने कई बार प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं को लोकसभा चुनाव लडने में असमथर्ता जताई। क्योकि यह मेरी व्यक्तिगत राय थी कि ऐतिहासिक विकास कार्यों के बावजूद गत विधानसभा चुनाव की पराजय के मात्र चार माह बाद मुझे यह नैतिक अधिकार नहीं एवं तर्कसंगत भी नहीं की में लोकसभा चुनाव लड़ू और न मेरी इसको लेकर कोई रणनीतिक तैयारी थी। साथ ही उनके विदेश में व्यापार के सिलसिले में अगले 2 माह तक विदेश दौरे रहने का कार्यक्रम था। अतः किसी युवा एवं इच्छुक व्यक्ति को मौका देकर उम्मीदवार बनाया जाए। परन्तु मेवाड़ के एक शीर्ष नेता द्वारा पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखकर मेरी अगले 2 माह विदेश दोरे पर होने एवं बार-बार असहमति जताने के बावजूद मेरा नाम प्रस्तावित किया गया, जो कि उचित नही है।

सुदर्शन रावत ने मांगी क्षमा, इच्छुक को मौका देने की मांग

सुदर्शन सिंह रावत ने पत्र के आखिर में जिक्र किया कि 25 मार्च की शाम को सोशल मीडिया से उन्हें पता चला कि कांग्रेस कमेटी द्वारा उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है, जिसके बाद वे आश्चर्य में पड़ गए। पत्र में लिखा कि मेरा पुनः कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध है कि मेरी जगह किसी योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवार को मौका दिया जाए। मेरे इस कदम से मेरे समर्थको, शुभचिन्तकों एवं पार्टी नेतृत्व की भावना को ठेस पहुंची होगी, जिसके लिए मैं सभी का क्षमा प्रार्थी हूं।

जयपुर में सुनील भी चुनाव लड़ने से कर चुके इनकार

लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने को लेकर पहले जयपुर शहर के कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा भी इनकार कर चुके हैं। इस पर कांग्रेस कमेटी द्वारा बाद में टिकट बदलकर प्रताप सिंह खाचरियावास को चुनावी मैदान में उतारा। अब राजसमंद लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी सुदर्शन सिंह रावत ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। इस तरह कांग्रेस कमेटी की कहीं न कहीं किरकिरी हुई है।