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2 साल से लिव इन रिलेशनशिप में रह रही युवती का मिला पेड़ से लटका शव, जानिए

एमबी हॉस्टल के कमरें खंडर फिर भी पोर्टल पर एडमिशन किया शुरू 37 https://jaivardhannews.com/suicide-or-murder-of-a-girl-found-hanging-from-a-tree/

उदयपुर के फलासिया क्षेत्र में एक महिला ने पेड़ पर साड़ी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मंगलवार शाम करीब 7 बजे महिला थोड़ी देर में घर वापस आने का बोलकर गई। देर रात को घर से 200 मीटर की दूरी पर महिला का शव फंदे पर लटका मिला। हत्या का आरोप लगाते हुए पीहर पक्ष ने मौताणें की मांग कर दी। उन्होंने शव को पेड़ से उतारने से इनकार कर दिया। मंगलवार रात से 24 घण्टे तक मौके पर शव लटका रहा। मौके पर पुलिस की मौजूदगी में तहसीलदार मृतका के पीहर पक्ष के लोगों से परिजनों से समझाइश करते रहे। बुधवार रात 9 बजे मामला सुलझ पाया और परिजनों ने शव उतारने दिया।

मंगलवार देर रात से मौके पर शव लटका रहा। मौताणें की मांग करते हुए परिजन शव नहीं उतारने दे रहे थे।

फलासिया थानाधिकारी प्रभुलाल ने बताया कि मृतका थावरी झाड़ोल क्षेत्र के बेडनपाड़ा गांव की रहने वाली थी। वो 2 सालों से पीपलबारां निवासी भरत पुत्र भूरा वडेरा के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी। दोनों का एक बेटा भी है। थावरी और भरत वडेरा के परिजनों में 10 दिन पहले सामाजिक स्तर पर समझौता भी हुआ था। सुसाइड के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने भी हाल में किसी झगड़े के बारे जानकारी होने से इनकार किया है।

महिला के पीहर पक्ष के लोगों से तहसीलदार प्रदीप मालवीया समझाइश की। दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद पुलिस मौके से साक्ष्य जुटाकर शव को मोर्चरी में रखवाया गया। मृतका का पति मजूदरी करता है। पीहर पक्ष के लोग ससुराल पक्ष से मौतणे की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि जब तक मौताणें पर पंचो में सहमति नहीं बनेगी। तब तक शव नहीं उठाया जाएगा। मंगलवार देर रात से शव वही लटका हुआ था। बुधवार रात को 24 घण्टे बाद शव को नीचे उतारा जा सका।

दरअसल लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले आदिवासी परिवारों में भांजणा प्रथा होती है। इस प्रथा के बाद ही दोनों ​परिवार का आपस में सामाजिक कार्यक्रमों में आना-जाना शुरू होता है। इससे पहले बगैर शादी ही युवक युवती अपनी पसंद से चले जाते है। वे बरसों तक लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं। लिव इन रिलेशनशिप आदिवासियों में पुरानी स्वीकार्य प्रथा है। जो कई दशकों से चली आ रही है।

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