कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए अब शहर के हर गली- मोहल्ल से लेकर गांव- ढाणी में हर सर्दी, जुखाम, बुखार वाले मरीज को सूचीबद्ध कर 3 दिन में दवा देने का जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने सख्त आदेश जारी किया है। शहर में वार्ड पार्षद व ग्रामीण क्षेत्र में वार्डपंच की मदद से शिक्षकों व अन्य पंचायत स्तर के कार्मिकों से सर्वे करवाना है। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी देते हुए उपखंड स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए एसडीएम को जिम्मा सौंपा है। शहरी क्षेत्र में नगरपरिषद व नगरपालिका आयुक्त या अधिशासी अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों के निर्देशन में सर्वे करवाया जाना है। सर्वे के दौरान गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बच्चों एवं वृद्धजनों का विशेष ध्यान रखना है, जिनका प्रतिदिन फीडबैक लेना होगा। प्रत्येक मरीज को सूचीबद्ध करते हुए उनके मोबाइल नम्बर भी सूचीबद्ध किए जाएंगे। फिर मरीज प्रतिदिन दवा ले रहा है या नहीं और सेहत में कोई सुधार हुआ अथवा नहीं। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर के शिक्षक, एएनएम या अन्य कोई भी कार्मिक, जिनकी ड्यूटी लगाई जाती है, वे मोबाइल पर कॉल कर प्रतिदिन मॉनिटरिंग करेंगे। 5 दिन तक लगातार प्रत्येक मरीज को दिन में 2-2 बार मोबाइल पर कॉल कर फीडबैक लेना होगा। बच्चों के साथ आमजन को दवाइयां किस तरह लेनी है, इसके बारे में एएनएम द्वारा बताया जाएगा। सर्वे में मुख्य रूप से एएनएम के साथ आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सहयोग करना होगा। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक को मॉनिटरिंग के लिए निर्देश दिए हैं।
सर्दी, खांसी को संभावित कोरोना माने
जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने 13 मई को जारी आदेश में स्पष्ट बताया कि सर्दी, खांसी या बुखार से पीडि़त हर व्यक्ति को संभावित कोविड-19 का मरीज मानना है। जिस किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी या बुखार आ जाए, तो तत्काल होम आइसोलेट हो जाए और घर परिवार में किसी भी सदस्य के संपर्क में नहीं आए। इसकी मॉनिटरिंग सर्वे दल द्वारा की जाए और संबंधित परिवार के सदस्यों को समझाए।
पंच- सरपंचों का लें सहयोग
शहर के हर गली मोहल्ले से लेकर गांव- ढाणी तक बीमार लोगों को सूचीबद्ध करने के लिए नगर निकाय और ग्राम पंचायतों के वार्डपंच, सरपंच, नगरपालिका के पार्षदों का सहयोग लेना होगा। ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, बीडीओ और खंड चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन मॉनिटरिंग करेंगे, तभी यह सर्वे तीन दिन में पूरा होगा और हर पीडि़त तक दवा किट पहुंच सकेंगा।