उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। एक डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान गर्भवती के पेट में कपड़ा छोड़ दिया। दोबारा कराए गए सीटी स्कैन से ये भी पता चला कि आंतों को धागे से जोड़ा गया, जिससे काफी इंफेक्शन फैल गया है। फिलहाल, महिला का केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। वहीं, डॉक्टर के खिलाफ जांच बैठाई गई है।
ऑपरेशन के कुछ दिन बाद जब पत्नी की तबीयत बिगड़ी तो उसको हकीकत पता चली। इसके बाद से वो अपनी पत्नी के इलाज के लिए कई महीने से दर-दर की ठोकरें खा रहा था। इलाज के लिए उसको खेत और गहने तक गिरवी रखने पड़े।
तिलहर थाना क्षेत्र के रमापुर उत्तरी गांव निवासी मनोज कुमार खेतीबाड़ी करते हैं। करीब छह माह पहले उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी नीलम को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। आरोप है कि, ऑपरेशन के बदले उनसे डॉक्टर पंकज ने रिश्वत की मांग की थी। रिश्वत न देने पर डॉक्टर ने पत्नी का ऑपरेशन करने के बाद उसके पेट में कपड़ा छोड़ दिया। इतना ही नहीं, आंत खराब होने पर उसको धागे से जोड़ दिया। उसके बाद टांके लगा दिए। ऑपरेशन से महिला ने बेटी को जन्म दिया। छुट्टी के बाद मनोज अपनी पत्नी को घर लेकर आ गया। लेकिन, घर आने के कुछ दिन बाद से ही पत्नी की हालत बिगड़ने लगी। कोरोना संक्रमण के चलते राजकीय मेडिकल कॉलेज में दोबारा इलाज नहीं मिल सका।
सीटी स्कैन में पता चली हकीकत
कोरोना काल में सरकार अस्पताल में इलाज न मिलने पर मनोज अपनी पत्नी को वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज ले आए। यहां पत्नी का इलाज शुरू हुआ। इलाज के दौरान 21 जून को पेट का सीटी स्कैन कराया गया। जांच में पेट में कपड़ा होने के साथ आंत को धागे से जोड़ने की बात सामने आई। इस बीच पत्नी की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि, दोबारा ऑपरेशन कराना पड़ा। ऑपरेशन में डॉक्टरों ने पेट में मौजूद कपड़े को बाहर निकाला। कपड़ा तो निकल गया, लेकिन आंत में इंफेक्शन फैल चुका था। डॉक्टरों ने आंत के इलाज के लिए मरीज को बरेली रेफर कर दिया। मनोज के पास पत्नी के इलाज के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए वो उसको लेकर वापस घर लौट आया।
पति ने बीती आठ जुलाई को डीएम से राजकीय मेडिकल कॉलेज के आरोपी डॉक्टर पंकज के खिलाफ शिकायत की। डीएम ने शिकायत राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन को भेज दी। लेकिन दस दिन बीतने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पति ने कॉलेज प्रशासन पर मामले में हीलाहवाली का आरोप लगाया है। इसके बाद पति ने इलाज के लिए खेती की जमीन को गिरवी रख दिया। पति अपनी पत्नी के इलाके के लिए 14 जुलाई को लखनऊ आ गया। लखनऊ आने के बाद उसने पत्नी के सोने के गहने भी बेच दिए। इस समय पत्नी का इलाज केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में चल रहा है। जहां उसकी पत्नी की तबीयत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
इस मामले को लेकर जब राजकीय मेडिकल कॉलेज की प्रवक्ता पूजा त्रिपाठी पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, डीएम की ओर से शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है। पीड़ित की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच कराने के लिए महिला सीएमएस को निर्देशित किया जा चुका है। मामले की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी।