देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के आंकडे़ 200 पार हो चुके है। अब केंद्र सरकार ने राज्यों में को चिट्टी लिखकर कंटेनमेन जोन में पाबंदिया बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही केन्द्र सरकार अब देश में जहां कोरोना मामले ज्यादा है वहां पर पाबंदिया लगा सकती है।
केंद्र सरकार ने इसे केसेज बढ़ने का शुरुआती संकेत मानते हुए राज्यों को गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि ओमिक्रॉन कोरोना के पुराने वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले 3 गुना तेजी से फैलता है, इसलिए राज्य जरूरी उपाय अपनाना शुरू कर दें।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी जिले में पिछले एक हफ्ते से टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है या ऑक्सीजन बेड की ऑक्यूपेंसी 40% से ज्यादा है, तो जिले में पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। पाबंदियों में नाइट कर्फ्यू, टेस्टिंग और कंटेनमेंट जोन जैसे उपाय शामिल हैं। इसमें डेटा एनालिसिस पर जोर देते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अपनी सीमा में आने से पहले ही संक्रमण रोकने के उपाय करने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बाकी परिस्थितियों को देखते हुए 10% से कम पॉजिटिविटी रेट होने के बाद भी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। जनसंख्या घनत्व और ओमिक्रॉन की तेज रफ्तार को ध्यान में रखकर भी फैसला लिया जा सकता है।
गाइडलाइन में नाइट कर्फ्यू, बड़े समारोहों पर रोक, विवाहों और अंतिम संस्कारों में लोगों की संख्या कम करने, ऑफिस और इंडस्ट्री में वर्कर की संख्या कम करने जैसे सुझाव दिए गए हैं। हॉस्पिटल में बेड, एंबुलेंस, ऑक्सीजन इक्विपमेंट और दवाओं के लिए इमरजेंसी फंड इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया गया है। अगर किसी जगह पर एक साथ बड़ी संख्या में नए केसेज आ रहे हैं, तो सभी सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भी भेजना होगा।
भारत में ओमिक्रॉन के पहले 2 केस 2 दिसंबर को कर्नाटक में मिले थे। उसके बाद केवल 20 दिन में ही ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की संख्या 200 से ज्यादा हो गई है। 22 दिसंबर तक देश के 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज मिले हैं। ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटक और राजस्थान में हैं।