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लौटता मानसून 292 गांवों को दे गया खुशी : 32.80 फीट भराव क्षमता वाला बाघेरी बांध (Dam) छलका

01 9 https://jaivardhannews.com/the-returning-monsoon-gave-happiness-to-292-villages-bagheri-dam-dam-with-32-80-feet-filling-capacity-spilled/

इस वर्ष पूरा मानसून (monsoon) सूखा बीता। इस कारण कई बांध खाली रहे। दूसरी तरफ खेतों में खड़ी फसलें भी चौपट हो गई। लेकिन लौटते मानसून (monsoon) ने जिले के 292 गांवों खुशी दे दी। 32.80 फीट की भराव क्षमता वाला बांध इतिहास में पहली बार अक्टुबर माह में छलक गया।

राजसमंद जिले बाघेरी (Dam) नाका लंबे इंतजार के बाद आखिर सोमवार शाम 6 बजकर 12 मिनट पर लबालब होकर छलक गया। बांध के लबालब भर जाने से राजसमंद सहित उदयपुर जिले के कुल 292 गांवों में सालभर प्यास बुझाने जितना पानी हो गया। बाघेरी नाका दोपहर तक लबालब हो गया। इसके बाद धीरे-धीरे एक तरफ से हवा के हिलोरे के साथ पानी छलकना शुरू हुआ। कैचमेंट एरिया में बारिश रुकने के बाद भी पानी की आवक जारी है। बाघेरी नाका छलकने की सूचना पर सुबह से ही क्षेत्र के लोग पहुंच गए। बाघेरी नाका बांध की कुल उंचाई 32.80 फीट और कुल भराव क्षमता 350 एमसीएफटी (MCFT) है।

एईएन आलोक सक्सेना ने बताया कि बाघेरी नाका दोपहर 2 बजे 32.80 फीट तक भर गया। इसके बाद हवा के हिलोरे से पानी छलकने लगा। शाम 6 बजे बाद हल्की चादर शुरू हुई। बाघेरी नाका (Dam) से नंदसमंद की बीच रहने वालों को नदी में नहीं आने जाने के लिए चेतावनी जारी की गई है।

16 साल में पहली बार अक्टूबर में छलका
बाघेरी नाका 2006 में बनने के बाद पहली बार अक्टूबर माह में छलका है। हर वर्ष मानसून की शुरुआत में ही लबालब होकर छलक जाता है। लेकिन इस साल कैचमेंट एरिया में कम बारिश होने के कारण मानसून की विदाई पर बाघेरी नाका छलका है। बाघेरी नाका छलकने के बाद जिले के सबसे बड़े बांध नंदसमंद में पानी की आवक शुरू हो जाएगी। बाघेरी छलकने के बाद बनास नदी से पानी बहकर नंदसमंद बांध में आता है। नंदसमंद बांध से नाथद्वारा शहर को पेयजल सप्लाई और किसानों को रबी की फसल के लिए पानी दिया जाता है।

नहाने पर रोक
बाघेरी नाका छलकने के बाद रपट पर लोगों के नहाने पर रोक लगाई गई है। बाघेरी की रपट पर फिलहाल किसी को नहाने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए पुलिस थाना खमनोर के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। बांध पर आने वाले लोगों को बांध के पास नहीं जाने दिया जा रहा है।

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