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शर्मनाक! मासूम बच्चे से ऐसी मजदूरी, राजसमंद में बड़े कारोबारी की घिनौनी करतूत

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खेलने- कूदने व पढऩे की 10 से 12 वर्ष की उम्र के मासूम बच्चे से दिनभर हाड़तोड़ मजदूरी। परिवार की गरीबी में परिजनों ने मासूम बच्चे को ही दांव पर लगा दिया और बड़ा कारोबारी भी बड़ा बेरहम निकला, जो दिनभर मासूम बच्चे से मजदूरी करवाता, मगर उसे दया नहीं आई। मासूम बच्चे के शोषण का बड़ा खुलासा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल के नेतृत्व में पुलिस द्वारा किए गए छापामार कार्रवाई में हुआ।

जेके सर्कल कांकरोली के पास महावीर बर्तन भंडार पर 12 वर्ष के मासूम बच्चे से दिनभर मजदूरी करवाई जा रही थी। सूचना पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल के नेतृत्व में सदस्य बहादूरसिंह चारण, हरजेन्द्रसिंह चैधरी, सीमा डागलिया, रेखा, कांकरोली थाने के एएसआई शांतिलाल, कांस्टेबल हेमराज व चाइल्ड लाइन टीम के साथ महावीर बर्तन भंडार पर पहुंचे। अध्यक्ष व पुलिस जांच में पता चला कि पाखंड (नाथद्वारा) गांव निवासी 12 वर्षीय बच्चे को पढ़ाने का झांसा देकर महावीर बर्तन भंडार का मालिक पारस पुत्र गेहरीलाल सिंघवी ले आए। दिनभर बर्तन साफ कराते, ग्राहक को बर्तन बताने, बर्तनों को सिर पर उठा इधर उधर रखने, प्रतिष्ठान में झाड़ू, पोछा का कार्य करता।

क्या बोला बालक- सुने उसी की जुबानी

बाल कल्याण समिति सदस्यों व पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर बालक ने अपना नाम बताते हुए पाखंड गांव का निवासी बता। बालक बोला कि उसकी मां की मृत्यु हो गई। वह बोला- सेठजी (पारस सिंघवी) उसे कुछ महीने पहले लेकर आए और उसके पिता व दादाजी को आश्वस्त किया कि मैं इसे पढ़ा- लिखाकर बढ़ा करुंगा। लेकिन जब से कांकरोली आया, तब से वह दुकान पर कार्य कर रहा है और दो वक्त का खाना दिया जाता है। सुबह से शाम तक बर्तन जमाने, बर्तन साफ करने, बर्तन उठाकर इधर से उधर रखने का कार्य करता है। दुकान के ऊपर ही घर है, जहां भी साफ सफाई करना, झाड़ू पोछा करना, सेठजी- पोतो का खाना लाकर रखना आदि कार्य शामिल है। बालक बोला- मुझे खाने के अलावा कोई पैसा नहीं दिया जाता। मेरी माता का देहान्त गया। वह बोला मेरे पिताजी मुझसे मिलने आते हैं, तो सेठजी मेरे पिताजी को कहते हैं कि लॉकडाउन खुलेगा तो स्कूल भेजूंगा। अभी पढ़ाई पढ़ाई के मामले में कोई बात मत करो। मेरे पिताजी से मिलने से मना करते थे और कहते थे कि पिताजी से मिले तो कहना मैं यहां पर मस्त हूं।

खाने के बदले दिनभर मजदूरी

रेस्क्यू दल की जांच में बालक ने बताया कि उसे मजदूरी के बदले कोई रुपए नहीं दिए और न ही उसके पिताजी को कोई राशि दी। इस पर कांकरोली पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75, 79 व भादस की धारा 374 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।

बच्चों को शोषण हो तो करें डायल

बालक को रेस्क्यू करने के दौरान चाइल्ड लाइन सदस्य मरूधर सिंह, अनिता वैरागी व रेशमा परवीन भी पहुंच गए। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने कहा कि राजसमंद शहर के साथ जिलेभर में कहीं भी अगर मासूम बच्चे से कोई मजदूरी कराता है या शोषण हो रहा है, तो कोई भी व्यक्ति 1098 पर सूचना दे सकता है। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रहेगा।

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