एक जुलाई से तीन नए क्रिमनल लॉ लागू किए जाएंगें। कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी। अब भारतीय दंड सहिंता(IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता होगी। ऐसे ही CRPC की जगह भारतीय सुरक्षा सहिंता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा। आपको बता दें कि यह तीनों बिल शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों की मंजूरी के बाद पास किया गया था। इसके बाद 25 दिसबंर 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा हस्ताक्षर कर कानून पारित किया था। कानून के जानकारों ने बताया कि इन तीन कानूनों के आने से आतंकवाद व राष्ट्र की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों के लिए सजा काफी कठोर हो जाएगी।
इन तीन नए कानून के आने के बाद अपराधिक धाराओं में भी बदलाव होगा। बता दें कि हत्या के प्रयास पर पहले धारा 307 लगती थी, जो कि अब 109 लगेगी। ऐसे ही हत्या करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 की जगह 101 लगेगी। ठगी पर 420 की बजाय 316 लगेगी। बलात्कार पर 376 की धारा अब 63 कहलाएगी। भारतीय न्याय सहिंता में 20 नए अपराधों का जोड़ा गया। जबकि भारतीय दंड सहिंता में 19 प्रावधान हटाए गए। कई अपराधों में कारावास की सजा को बढ़ा दिया जबकि 83 प्रावधानों में जुर्माने की सजा बढ़ाई गई। ससंद में बिल पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब तीन साल में न्याय दिया जाएगा। तारीखों के युग को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता के अधिकार सर्वोपरि होंगे। महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा प्राथमिक होगी।
दुष्कर्म के दोषी को होगी फांसी
दुष्कर्म करने पर आरोपी पर पहले धारा 376 या 375 लगाई जाती थी, जो कि बदलकर अब 63 लगाई जाएगी। इसमें यदि कोई 18 साल से कम उम्र की युवती के साथ बलात्कार करेगा तो उसे फांसी की सजा या आजीवन करावास में रखा जाएगा। बता दें बच्चों के साथ अपराध व गैंगरेप जैसे वारदातों को भी आगे रखा गया है। गैंगरेप करने वाले दोषियों को उम्रकैद या 20 साल की सजा का प्रावधान है।
राष्ट्र को नुकसान पहुंचाने पर सजा
संसद में बिल पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर कोई देश की संपति को नुकसान पहुंचाता है व विद्रोह या बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शाह ने कहा कि उसे देश में आजाद नहीं रखा जाएगा जेल होगी। साथ ही लाेग अपनी समझ के कपड़े पहनाने लगेंगे पर मैंने कहा जो सून लेना व समझ लेना। देश का विरोध करना या उसे नुकसान पहुंचाने पर जेल जाना पड़ेगा।
कानूनों में क्या बदला
- कानूनों के साथ ही कई धाराएं व प्रावधानों में बदलाव हो गया है। पहले किस अपराध की क्या सजा होगी कौनसी धारा हाेगी, यह सब IPC द्वारा बताया जाता था, मगर अब व भारतीय न्याय सहिंता हो गया है। IPC में पहले 511 धाराएं थी, जो की भारतीय न्याय संहित में 356 हो गई है। 175 धाराओं में बदलाव हो गया। 21 अपराधों को जोड़ा गया। 19 धाराओं को समाप्त कर दिया। 41 में कारावास की समयावधि बढ़ी। 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया। 25 अपराधों में कम सजा का प्रावधान।
- ऐसे ही CRPC में 533 धाराएं हैं, जिसमें 160 धाराओं में बदलाव हो गया। 9 धाराओं को जोड़ा गया व 14 धाराएं खत्म कर दी।
- इंडियन एविडेंस एक्ट में पहले 167 धाराएं थी जो कि अब भारतीय साक्ष्य सहिंता में 170 हाे गई है। इसमें 24 धाराओं में बदलाव हुआ व 6 धाराएं समाप्त कर दी गई।
नए अपराध कानून से यह होंगें बदलाव
- नाबालिग से रेप के दोषी को उम्रकैद या फांसी होगी।
- पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब धारा 63, 69 होगी।
- हत्या की धारा 302 थी, अब यह 101 होगी।
- गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल होगी।
- मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा।
- वाहन से किसी के घायल होने पर चालक अगर पीड़ित को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा होगी
- सिर पर लाठी मारने वाले पर अभी सामान्य धारा लगती है। अब विक्टिम के ब्रेन डेड की स्थिति में दोषी को 10 साल की सजा होगी।
- किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिस को उसके परिवार को सूचित करना होगा। पहले यह जरूरी नहीं था।
- किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस विक्टिम को देगी।
- अगर आरोपी 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होता है तो उसकी गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा।
- गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है।
- अब ट्रायल कोर्ट को फैसला 3 साल में देना होगा।
- मुकदमा समाप्ति पर जज को 43 दिन में फैसला देना होगा।
- फैसले के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी।
- दया की याचिका दोषी ही करेगा।