लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

राजसमंद शहर के हाउसिंग बोर्ड से गणपति प्रतिमा का नमाना गांव के पास विसर्जन किया और उसी दौरान हादसे में दो किशोर व एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा क्यों हुआ और आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है, यह जानना आमजन के लिए बेहद ही जरूरी है। जैसा ही आपने सोशल मीडिया पर वायरल फोटो, वीडियो भी देखे होंगे कि बनास नदी के गहरे पानी में चले जाने की वजह से डूब गए, लेकिन आपको बताना चाहता हूं कि जिस जगह वे तीनों डूबे थे, वहां २० से २५ फीट तक गहरा खड्डा था, जहां से बजरी तो निकाल ली, मगर वापस उस खड्डे को भरा नहीं गया। इस वजह से यह हादसा हुआ है।

हर शख्स का सवाल- आखिर जिम्मेदार कौन

बजरी खनन के बाद खड्डा को समतल नहीं करने की वजह से डूबे दो किशोर और एक युवक की मौत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। यही यक्ष सवाल हर किसी के जेहन में खड़ा है, लेकिन सभी जिम्मेदार अधिकारी, जनप्रतिनिधि तक मौन दिखाई दिए। बनास नदी में बजरी खनन के लिए अधिकृत हो सकते हैं, मगर क्या बनास नदी में बजरी निकालने के बाद खड्डे को समतल करना अधिकृत खननकर्ता का जिम्मा नहीं था। खैर, खननकर्ता ने लापरवाही बरत भी ली, तो इसकी मॉनिटरिंग व निगरानी करने वाले खान एवं विज्ञान विभाग के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी व कार्मिकों ने कोई ध्यान क्यों नहीं रखा।

छलनी हो गई बनास नदी

कुंभलगढ़ के वेरो का मठ से निकली बनास नदी में बाघेरी बांध तक तो बजरी खनन की स्थिति इतनी खराब नहीं है, मगर वहां बजरी भी बहुत कम है। मचींद गांव के बाद खमनोर, टांटोल, नाथद्वारा, कोठारिया, नौगामा, नमाना, मोही, पीपली आचार्यान तक धड़ल्ले से बजरी का खनन किया जा रहा है। पहले खूब अवैध बजरी खनन हुआ और अब खान विभाग द्वारा बजरी खनन के लिए अधिकृत कर रखा है, लेकिन बजरी खनन की पूरी गाइडलाइन है, जिसके तहत मुख्य रूप से बनास नदी पेटे से बजरी खनन करने के बाद खड्डे को समतल करना अनिवार्य और आवश्यक शर्त है।

विभाग ने क्यों नहीं दिया ध्यान

बजरी खननकर्ता कंपनी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया और पूरी बनास नदी में कई खड्डे हैं, जिसकी वजह से अब तक कई लोगों की इन खड्डों की वजह से मौत हो चुकी है। पहले कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी भी जानकर अनजान बने हुए हैं, जिससे उनकी भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

आखिर ठेकेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं

बजरी खनन व बनास नदी पेटे में गहरे खड्डे को लेकर पुलिस, प्रशासनिक व खान विभाग के अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है। क्योंकि गंभीर बेपरवाही दिखने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही है, यही मुख्य सवाल हर किसी व्यक्ति के मन में है।

दूधपुरा में दो बच्चे व मां डूबी

दो साल पहले नदी में बजरी खनन की वजह से गहरा खड्डा होने से दो बच्चे डूब गए, जिसे बचाने के प्रयास में महिला भी उस खड्डे में डूब गई। यह हादसा दूधपुरा गांव के पास हुआ था। इसके अलावा नमाना क्षेत्र में भी बनास नदी में खड्डों की वजह से दो लोगों की मौत हो चुकी है। फिर भी प्रशासन गंभीर नहीं है।

बनास नदी में कई जानलेवा खड्डे

नमाना सरपंच प्रतिनिधि रघुवीरसिंह ने बताया कि बनास नदी में बजरी का खनन करने वालों द्वारा खड्डा नहीं भरा जाता है। इसकी पुलिस, प्रशासन व खान विभाग को कई बार अवगत करा दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। बनास नदी में कई जानलेवा खड्डे हैं, जहां अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। फिर भी खान विभाग व प्रशासन द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।