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कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में अब जल्द ही टाइगर के आने का रास्ता साफ हो गया है। कुंभलगढ़ क्षेत्र में टाइगर रिजर्व क्षेत्र का सांइटीफिक सर्वे शुरू करने के लिए केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। टाइगर रिजर्व के लिए फाइल स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के पास एक सप्ताह पहले ही आई थी और टाइगर रिजर्व के लिए साइंटिफिक सर्वे के आदेश हो गए हैं।

टाइगर रिजर्व के रूप में कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व उपयुक्त है। इसके पीछे कारण है कि कुंभलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बूंदी के रामगढ़ की तुलना में टाइगर के लिए हर तरह से संपन्न है। कुंभलगढ़ अभयारण्य से रावली टॉडगढ़ का लम्बा एरिया टाइगर के लिए बहुत है। पर्यटकों को सिर्फ टाइगर रिजर्व ही नहीं, यहां की ऐतिहासित, धार्मिक और झीलों को आनंद भी देखने को मिलेगा।

कुंभलगढ़ में टाइगर के लिए लगभग पूरा बेस तैयार है। एक बड़ा कारण यह भी है कि कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में 70 के दशक तक टाइगर का विचरण था, यानि यहां टाइगर रह चुके हैं और बूंदी के रामगढ़ से ज्यादा कोर एरिया है। उदयपुर, नाथद्वाराए हल्दीघाटी, कुंभलगढ़, राजसमंद हर साल देसी-विदेशी करीब 10 लाख पर्यटक आते हैं, जो इसका लुत्फ उठाते।

उदयपुर आने वाले पर्यटकों को सुंदर झीलों में बोट राइड सहित उदयपुर का सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क, राजस्थान की सबसे बड़ी फिश एक्वेरियम गैलेरी से लेकर सिटी पैलेस म्युजियम में मेवाड़ का इतिहास जानने को मिलता है। संभाग में एक साथ 7 सेंचुरी का आनंद भी उठा सकते हैं।

हल्दीघाटी, कुंभलगढ़ किला और उसकी दीवार, देलवाड़ा और रणकपुर के मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं। कुंभलगढ़ में पहले से सफारी चल रही है, जिसके लिए अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। यहां पैंथर, भालू, भेडिय़ा, सिंयार, जरख, लोमड़ी जैसे वन्यजीव भी रोमांचित करेंगें। रावली टॉडगढ़ के रावली में गौरम घाट का झरना, बर्डिंग डेस्टिनेशन सहित अन्य ऐेतिहासिक धरोहर है।

सांसद दीयाकुमारी ने मीडिया को बताया कि कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए अभी फाइ०ल प्रोसेज में है। लम्बे समय से कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए फाइल स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के पास फाइल आ गई है। कुंभलगढ़ में टाइगर रिजर्व के लिए साइंटिफिक सर्वे के आदेश हो गए हैं।