राजसमंद। एंबुलेंस चालकों के मनमाना किराया वसूलने और अभद्र व्यवहार की शिकायतों के बाद प्रदेश सरकार के निर्देश पर परिवहन विभाग ने एंबुलेंसों में जीपीएस लगाने का बड़ा फैसला लिया है। बिना जीपीएस एंबुलेंस चलती मिली तो उसे सीज की कार्यवाही की जाएगी। 30 जून तक सभी एंबुलेंस में जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा।
जिले में अभी ऑन रोड 105 एंबुलेंस संचालित हो रही हैं। इनमें से अभियान के बाद 22 एंबुलेंस संचालकों ने जीपीएस लगवा दिया हैं। वहीं 20 के पहले से ही लगा हुआ है। वहीं विभाग ने एंबुलेंसों में ओएमई कंपनी द्वारा अनुमोदित एआईएस रुपए 140 मानक का जीपीएस लगाने के निर्देश दिए हैं।
एंबुलेसों में जीपीएस लगाने में का खर्चा तकरीबन 5500-6000 रुपए आएगा। अभी तक 22 एंबुलेंस चालकों ने ही महंगा डिवाइस लगवाया है। जीपीएस पर खर्च करना हर एंबुलेंस चालक के बस के बाहर है। एंबुलेंस चालकों का कहना है कि इतना महंगा जीपीएस वे नहीं लगवा सकते। लेकिन नहीं लगाने पर परिवहन विभाग की सख्ती से परेशान होना पड़ेगा।
एंबुलेंस में पैनिक बटन दबाते ही पुलिस तक जाएगा मैसेज
एंबुलेंस में अब पैनिक बटन लगवाना भी अनिवार्य होगा। किसी भी तरह की परेशानी होने पर मरीज के परिजन इसका उपयोग कर सकेंगे। दावा किया जा रहा है कि सूचना पुलिस और परिवहन विभाग तक पहुंचेगी। इसे अभय कमांड सेंटर से भी जोड़ा जाएगा। यह लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा वाहन सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट व नेटवर्किंग करते हुए परिवहन मुख्यालय जयपुर स्तर से मॉनिटरिंग की जाएगी।
डीटीओ अनिल पाण्ड्या ने मीडिया को बताया कि जिले में 105 एंबुलेंस ऑन रोड संचालित हैं। 20 में पहले से जीपीएस हैं। अभियान के बाद 22 एंबुलेंस में जीपीएस लगवाया। बची एंबुलेंस चालकों से समझाइश कर नोटिस जारी किया हैं। 30 जून तक सभी एंबुलेंस पर जीपीएस लगवा लें, नहीं तो 1 जुलाई से कार्रवाई होगी।