राजसमन्द | जीवन पर्यन्त निष्काम भाव से असहाय, निर्धन एवं जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित रहे डॉ. विजय कुमार खिलनानी के निधन पर गुरूवार को वर्चुअल श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आनंद मार्ग से जुड़े साधकों ने भावपूर्ण माहौल में नमन करते हुए दिवंगत को श्रद्धांजलि दी तथा कहा कि वे मानवता के सच्चे मसीहा थे, जो सदैव हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
युवावस्था से ही निष्काम मानव सेवा का सुव्रत लेने वाले डॉ. खिलनानी का 76 वर्ष की आयु में गत 10 मई को निधन हो गया था। इस पर शहर के 100 फिट रोड़ स्थित उनके निवास आनंदराज कुटीर में यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। महामारी जनित परिस्थितियों के कारण वर्चुअल रूप से हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में डॉ. खिलनानी के परिवारजन, आनंदमार्ग के सन्यासी एवं सदस्यों के अलावा स्थानीय सहित विभिन्न स्थानों के साधक-साधिकाएं आभासी तकनीक के जरिए शामिल हुए तथा दिवंगत को श्रद्धांजलि दी। यह श्रद्धांजिल कार्यक्रम आनंदमार्ग के अनुष्ठान के रूप में विधिपूर्वक हुआ। मानवता के मसीहा थे डॉ. विजय कुमार खिलनानी
कार्यक्रम की शुरुआत आनंद मार्ग के आचार्य गोपमायानंद अवधूत, अवधुतिका आनंदमधुमया, आनंदमयी, जया व दिव्या खिलनानी ने योगेश्वर भवान श्रीकृष्ण की महिमा में रचित प्रभात संगीत गायन के साथ की। इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों ने मानव सेवा के प्रति समर्पित दिवंगत डॉ. खिलनानी को याद किया वहीं ईश्वर से उनकी विदेही आत्मा को अपनी स्नेहमयी गोद में स्थान देने की विनम्र प्रार्थना की। इस दौरान डॉ. खिलनानी का स्मरण करते हुए आचार्य गोपमायानंद ने कहा कि वे हमेशा कहते थे कि देशवासी सदैव सुखी व खुशाल रहें, यदि अपने पड़ौस में कोई परिवार भूखा है तो उसकी मदद हम नहीं करेंगे तो और कौन करेगा ? हमें अपने आसपास जरूरतमंद लोगों की यथायोग्य मदद करनी चाहिए। वे बाल पीढ़ी को सेवाभावी एवं संस्कारवान बनाने पर भी विशेष जोर देते थे ताकि खुशहाल व समृद्ध समाज व राष्ट्र का निर्माण हो सके। अनुष्ठान के दौरान डॉ. खिलनानी के परिवार के सदस्यों ने गरीबों की यथायोग्य सेवा सुश्रुषा करने का संकल्प भी लिया। साथ ही साधक-साधिकाओं ने भी डॉ. खिलनानी के आदर्शो को जीवन में अपनाने एवं यथासम्भव दीन-दुखी की सेवा करने का निश्चय किया। ]
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